एस डी ओ रेंजर, सचिव नाम है इनका
ब्यूरो प्रमुख // संजय लिखितकर 'बम' (बीजापुर // टाइम्स ऑफ क्राइम)
एक बार अकबर के राजमहल में चोर हो गई तो सम्राट ने अपने सिपाहियों एवं गुप्तचरों का आगाह किया, किन्तू उक्त कर्मचारियों ने चोर का पता नही लगा पाये, तो सम्राट ने अपने चतुरसुजान मंत्री बीरबल को चोर का पता लगाने का आदेश दिया बीरबल ने अपने सुझबुझ का परिचय देते हुए सभी नगरवासियों को राजमहल में बुलवाया तथा सम्राट के सामने कहा जहांपनाह जिस भी चोर ने राज्यमहल में चोरी की उस चोर की दाडी में तिनका लगा हुआ है, जिससे वास्तविक चोर अपनी दाड़ी को सैलाने लगा बीरबल ने अपने सिपाहियों को आदेश दिया कि फौरन चोर को पकड लिया जाऐं,उक्त वाक्या एस.डी.ओ.रेंजर व सचिव के उपर सठिक बैठती है।उक्त वाक्या घटित हुआ बीजापुर जिले से 31 कि.मी. दूर विकास खण्ड उसूर में। मई 2010 में वन विभाग के द्वारा राष्ट्रीय रोजगार गैरंटी योजना के तहत् सडक सफाई का काम ग्राम मुरदण्डा से तिम्मापुर तक 12 कि.मी.का करवाया जाना था, जिससे वन विभाग द्वारा न करवा कर सरपंच व सचिव के माध्यम से करवाने की कोशिश की गई थी,सरपंच व सचिव द्वारा असमर्थता जताई गई,तो वन विभाग के एस.डी.ओ.श्री जंागडे एवं रेंजर श्री टोप्पो ने आवापल्ली थाना प्रभारी श्री वी.पी.चौहान से मदद लेने पर श्री चौहान ने बेरोजगारों को ध्यान में रखते हुए क्षेत्र के दो नवयुवक सहदेव वासम व रामलू सोडी के द्वारा इस कार्य को करवाने का यह कह कर करवाया गया कि आपके हाजरी के अनुसार मजदूरों को भुगतान किया जाऐंगा.जिसके चलते इन दो नवयुवकों ने शंका जाहिर करते हुए रेंजर श्री टोप्पों से कार्य की स्वीकृत राशि के संबंध में पुछने पर रेंतर के द्वारा कहा गया कि, आपको आम खाने से मतलब गुटली गिनने से नही प्रत्येक मजदूर को प्रतिदिन सौ रू का भुगतान किया जाएगा, जिससे नवयुवकों ने ग्राम मुरदण्डा एवं तिम्मापुर प्रत्येंक घर से एक ग्रामिण को सड़क सफाई कार्य में लगाया।जब कार्य पूर्ण हो गया तो इन नवयुवकों ने मजदूरी भुगतान के लिए वन विभाग के उक्त अधिकारियों से कहा गया, तो उक्त अधिकारी ने इनसे मजदूरी भुगतान का राशि का हिसाब मंागा तो इन्होने कहां कि कुल मजदुरी भुगतान 432000.00 रू होता है, तो अधिकारियों ने कहा कि शासन द्वारा लगभग 160000.00 रू स्वीकृत है,बाकि का देना संभव नही है,जब ग्रामीण मजदूरों ने इन दोनों नवयुवकों पर भुगतान के लिए दबाव बनाना शुरू किया तो इन दोनो युवकों ने अधिकारियों पर इस संबंध में जानकारी दी, क्योंकि अतिसंवेदन शील घोर नक्सली क्षेत्र में इन दो नवयुवकों ने अपने जान को जोखिम में डालकर कार्य करवाया तथा इनकी जान को खतरा भी था,साथ ही ग्रामीणों का भी भय था कि कही ग्रामीण हमारे साथ में किसी प्रकार का कोई अभद्र व्यावहर न करें, इस बात से वन विभाग के अधिकरी को अवगत कराया, एस.डी.ओ.रेंजर इन दोनो नवयुवकों को बारबार बीजापुर बुलवाया जाता था, लेकिन इन दोनो अधिकारियों का साथ ही वन विभाग का इन के प्रति असहयोगात्मक रवैया अपनाया गया ।आखिरकार परेशान होकर इन दो नवयुवकों ने त्तकालीन कलेक्टर श्री आर. प्रसन्ना को लिखित रूप से तीन बार अवगत कराया गया जिससे तत्कालीय कलेक्टर ने उक्त अधिकारियों को जानकारी के लिए तलब किया, किन्तु एस.डी.ओ.श्री जांगडे एवं श्री रेंजर श्री टोप्पो ने इस जानकारी के लिए कलेक्टर महोदय को भी गुमराह किया, साथ ही ऐ दोनों नवयुवक मजदुर ग्रामीणों को ताने-वाने सुनकर परेशान हो गये।कार्य समाप्ती के बाद तिम्मापुर के सचिव श्री कारम कामेश्वर तिम्मापुर व मुरदण्डा के ग्रामीण मजदुरों के लिए अफवाह फैलादी की मजदुरों की जो भुगतान राशि थी उसे तिम्मापुर के संरपंच श्री सुकलू पूनेम व इन दोनो नवयुवकों ने राशि निकाल कर हडप लिए तो उससे दोनो नवयुवक परेशान हुए व उनका घर से निकलना दुभर हो गया,वे शाररीक एवं मानसिक रूप से परेशान हो गये,अब इनकों सुझबुझ नही रहा था।इसी बीच जिले के नवपदस्त तेजतर्रार कलेक्टर श्री रजत कुमार के आने से सरपंच एवं दोनो नवयुवकों में साहस का संचार हुआ जैसे ही कलेक्टर महोदय आवापल्ली दौरे पर आये उन्होने आवेदन के साथ इस बात से अवगत कराया जिससे कलेक्टर महोदय ने इन्हे अश्वासन दिया साथ ही वन विभाग के आलाअफसरों को तगड़ी फटकार लगाई, जिससे अधिकारी तिलमिला गये और भुगतान के लिए तैयार हो गये।कार्य समाप्ति के बाद हाजरी रजिस्टर के माध्यम से तिम्मापुर सचिव श्री कारम कामेश्वर के जरीये मास्टर रोल एक सप्ताह के स्थान पर 6 दिन का मजदूरी भरवाया गया,हाजरी रजिस्टर के अनुसार ग्राम के मजदूरों का भुगतान 432000.00 रू होता है, किन्तु रेंजर श्री टोप्पो व सचिव श्री कामेश्वर के द्वारा 155950.00 रू देकर इस कार्य की स्वीकृत राशि इतना ही है कहा गया,उक्त राशि का भुगतान दिपावली के पूर्व ही कर दिया गया।इस भुगतान के पूर्व एस.डी.ओ. रेजर, सचिव तीनों ने योजना बनाकर तिम्मापुर व मुरदण्डा जाकर वहां के ग्रामीण मजदूरों को भुगतान करने की योजना बनाई,इस बात से दोनो नवयुवक व सरपंच अंजान थे, जब इन्हे पता चला तो इन्होने पुरे ग्रामीणों को यही बुला लिया साथ ही ग्रामीणों के आने से यहां पर मौजूद दोनो नवयुवको व सरपंच ने ग्रामीणों से कहा कि सामने वन विभाग के रेंजर है,ऐ महोदय साथ दिन के स्थान पर छ. दिन का मास्टररोल भरवाऐ है,तथा दो दिन का भुगतान कर रहे है,ग्रामीणों के सामने आने पर रेंजर ने इन्हें समझाने की कोशिश की किन्तु इससे ग्रामीण अत्यधिक नाराज हो गये क्योंकि सचिव व रेंजर ने दोनों नवयुवकों को एवं सरपंच को पहले बदनाम कर चुके थे,यह वाक्या पुरे तरीके से ग्रामीण मजदूर समझ थे, जिससे मजदूर पुरे राशि भुगतान के लिए अड़ गये, उसी समय रेंजर का रक्तचार बड़ गया, जिससे ग्रामीणों को दया आ गई उन्होने रेंजर के द्वारा यह घोषणा के आधार पर छोड़ा 10 दिन के भीतर सम्पूर्ण राशि का भुगतान कर दिया जाऐगा किन्तु आज दिनॉक तक उक्त राशि का भुगतान नही हुआ,ना ही मास्टर रोल उनके पास है, लगभग 155950.00 रू का भुगतान किस आधार पर किया गया,यहा सोचने का विषय है।जब ग्रामीणों के भीड़ थाने में पहुची तो प्रभारी थानेदार श्री चौहान ने ग्रामीणों का हुजुम देखकर स्थिति के जांच कि और मास्टर रोल को देखा तो रोल में कई लोगों के फर्जी नाम पाये गये उन्होने कहा कि रेंजर व सचिव को चैलेन्ज किया उक्त फ र्जी नामों के व्यक्ति को मेरे सामने लावों क्योकि उक्त नाम के व्यक्ति रहते ही नही है तो मास्टर रोल कैसा फ र्जी बनाया गया,यह विचाणीय प्रश्न है।इस घटना के संबंध में जानकारी लेने के लिए संभागीय ब्यूरो प्रमुख संजय लिखितकर ने एस.डी.ओ. में मो नं. 9424161274 पर संम्पर्क करने पर जानकारी देने से इंकार किया, और साथ ही कहा की इस संबंध में मेरे पास कोई जानकारी नही है मै कलेक्टर महोदय के पास बैठा हुॅ इस प्रकार टालामटोली करते रहे, एक जवाबदार एस.डी.ओ. के द्वारा इतनी बड़ी घटना का व अधिकारी को जानकारी नही होना, से इस बात का अंदाजा लगाया जाता है कि इस मामले में अवश्य शामिल होंगें ।इन सभी तथ्य उजागर होने ग्रामीण मजदूर समझ गये कि वास्तविक चोर तो रेंजर व सचिव है, ऐ लोग बेवजाह से दो नवजवान और संरपंच को बदनाम करने की अधिकारी कोशिश करने में लगे थे किन्तु ''दुध का दुध और पानी का पानी '' हो गया तो दोनों नवयुवक व सरपंच ने राहत की सांस ली।