नर्स चला रही थी प्रसूति गृह - प्रसूतिगृह सील, कागजात जब्त -
- प्रभारी मंत्री तथा जिला कलेक्टर को हुई थी शिकायत
उज्जैन, (डॉ। अरुण जैन)
- प्रभारी मंत्री तथा जिला कलेक्टर को हुई थी शिकायत
उज्जैन, (डॉ। अरुण जैन)
उज्जैन, मंगलवार को कलेक्टर डॉ। एम. गीता के निर्देश पर अशोकनगर स्थित जीवन ज्योति प्रसूतिगृह पर छापामार कार्रवाई की गई। सीएमओ डॉ. केके अग्रवाल व एसडीएम नरेंद्र सूर्यवंशी के नेतृत्व में गए दल ने उपकरण व दस्तावेज जब्त कर भवन को सील कर दिया। इंदौर से जुड़े एक प्रकरण को लेकर विधायक मालिनी गौड़ ने जिले के प्रभारी मंत्री विजय शाह को नर्सिंग होम की शिकायत की थी। स्वास्थ्य विभाग को भी अवैध रूप से नर्सिंग होम संचालन की सूचना लगातार मिल रही थी। संचालक शारदा सिरवैया जिला अस्पताल में स्टाफ नर्स के पद पर कार्यरत हैं।जुड़े रसूखदारों से तार- इंदौर की विधायक मालिनी गौड़ ने एक प्रकरण को लेकर प्रभारी मंत्री विजय शाह को प्रसूति गृह की शिकायत की थी। प्रसूति गृह में बिना पति की अनुमति के गर्भपात करने का आरोप लगाया गया था। इंदौर निवासी पीड़ॢत मयंक ने गत 8 जुलाई को कलेक्टर की जनसुनवाई में शिकायत की थी कि उनकी पत्नी मिताली का गर्भपात उक्त प्रसूतिगृह में बिना अनुमति कर दिया गया। मिताली का मायका उज्जैन में है। मयंक व उनके परिवार का आरोप था कि मिताली का 3 माह का गर्भ प्रसूतिगृह में गिरा दिया, जबकि दूरभाष पर चर्चा में उन्होंने सहमति नहीं जताई थी। इसी मामले को लेकर विधायक मालिनी गौड़ ने भी प्रभारी मंत्री को शिकायत की थी। दूसरी शिकायत दानीगेट के समीप रहने वाली भावना शर्मा द्वारा की गई थी। इसमें बताया गया था कि संचालक द्वारा पेट में उल्टा बच्चा होने पर विश्वास दिलाया गया था कि सब ठीक कर दिया जाएगा। बाद में जब मामला बिगड़ा तो बच्चे को जिला अस्पताल व माता को सलूजा नर्सिंग होम रैफर कर दिया गया। सूत्रों के मुताबिक महिला संचालक के तार रसूखदारों से जुड़े हुए हैं, इसलिए लंबे समय से अवैध संचालित प्रसूतिगृह कार्रवाई की आँच से बचा रहा। सीएमओ डॉ. केके अग्रवाल ने बताया कि स्टाफ नर्स के खिलाफ नोटिस जारी कर निलंबन की कार्रवाई की जाएगी। छापामार कार्रवाई के दौरान इस बात के पुख्ता प्रमाण मिल चुके हैं कि यहां अवैध रूप से मेटरनिटी होम संचालित हो रहा था। स्टाफ नर्स को हाल ही में सिविल सर्जन डॉ. डीपीएस गहरवार ने कार्य में लापरवाही बरतने के कारण नोटिस भी जारी किया था। सीएमओ डॉ. केके अग्रवाल ने बताया कि स्टाफ नर्स के खिलाफ नोटिस जारी कर निलंबन की कार्रवाई की जाएगी। छापामार कार्रवाई के दौरान इस बात के पुख्ता प्रमाण मिल चुके हैं कि यहांॅ अवैध रूप से मेटरनिटी होम संचालित हो रहा था। स्टाफ नर्स को हाल ही में सिविल सर्जन डॉ. डीपीएस गहरवार ने कार्य में लापरवाही बरतने के कारण नोटिस भी जारी किया था। लंबे समय से चल रहा था- छापामार कार्रवाई के दौरान अवैध संचालित प्रसूतिगृह में प्रसूति किए जाने के पुख्ता सबूत मिले हैं। यहाँ प्रसूति के लिए उपयोग में लाई जा रही सामग्री भी जिला अस्पताल की होना बताया जा रहा है। प्रसूतिगृह में मिले एक रजिस्टर में वर्ष 2005 से लेकर अब तक हुई प्रसूति का विवरण भी मिला है। जन्म प्रमाण पत्र के कोरे आवेदन भी मिले हैं। बताया जा रहा है कि प्रसूतिगृह में जन्म लिए नवजात का जन्म प्रमाण पत्र जिला अस्पताल के माध्यम से बनाया जा रहा था। आवश्यक दवाइयाँ व उपकरण के साथ ही प्रसूताओं को भर्ती करने तक की व्यवस्था थी। संचालिका जिला अस्पताल में स्टाफ नर्स के पद पर कार्यरत हैं और छापे के दौरान उनके चेहरे पर शिकन तक नहीं आई। प्रसूतिगृह से जिला अस्पताल की इंडेंट बुक भी जब्त की गई है। इस बात की तस्दीक भी की जाएगी कि इंडेंट बुक का इस्तेमाल शासकीय दवाओं का निजी उपयोग करने में तो नहीं किया गया।