भोपाल // डॉ . अरुण जैन
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देश में भ्रष्टाचार का विरोध करने वाले और काला धन वापस लाने की मांग को लेकर दिल्ली में 4 जून से आमरण अनशन पर बैठ रहे योग गुरु बाबा रामदेव उज्जैन में दो दिन (31 मई-1 जून) उन लोगों के अतिथि रहे जो बदनामशुदा, सटोरिए, भ्रष्टाचारी है और शहर के कुख्यात लोगों में गिने जाते हैं। यह काकस बाबा रामदेव को दो दिन घेरे रहा। बताया जाता है कि इन बदनामशुदा लोगों ने बाबा की प्रशंसा में न केवल जी भरकर विज्ञापन छपवाए बल्कि एक बड़ी राशि भी अपने तईं इकटठा कर बाबा को भेंट भी की। बाबा रामदेव 31 मई की रात 11-12 कारों के काफिले के साथ उज्जैन के अलखनंदा क्षेत्र में जयंत दाभाड़े के निवास पर पहुंचे। दाभाड़े की पत्नी अंजली दाभाड़े भारत स्वाभिमान यात्रा की महिला प्रभारी हैं। उन्होंने बाबा को चंदन का तिलक लगाया और फिर बाबा ने अंजलि को तिलक लगाया। पु़त्री अनुष्का ने बाबा की दीप से आरती की। अनुष्का को भी बाबा ने तिलक लगाया। बाद में बाबा जयंत दाभाड़े के निवास के एक हिस्से में बनाए संत निवास में रात्रि विश्राम को चले गए। जयंत दाभाड़े कभी उज्जैन विकास प्राधिकरण में इंजीनियर रहा है। दो वर्ष पूर्व शहर में पेयजल संकट के दौरान गंभीर नदी में सुरंग खोदकर पानी लाने का काम, पाइप लाइन डालने का कार्य तत्कालीन कलेक्टर अजातशत्रु के निर्देशन में किया है। जयंत पर भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं के कई आरोप लगे । इस पर लोकायुक्त और आर्थिक एवं अपराध अनुसंधान शाखा में प्रकरण भी दर्ज हैं। शिकायतों की गंभीरता और तत्कालीन अध्यक्ष मोहन यादव की नजदीकी के कारण इसने प्राधिकरण की नौकरी से इस्तीफा दे दिया।
बाबा के लवाजमे में सक्रिय रहा एक और सदस्य है रितेश श्रोत्रिय। यह दीपक श्रोत्रिय नामक पत्रकार का भाई है, जो लंबे समय से कथित वैश्यावृत्ति और ब्लेकमेलिंग के आरोपों में जेल में बंद है। रितेश स्वयं चाइल्ड हेल्प लाइन, जिला विकलांग पुनर्वास, केंद्र आदि से वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में निकाला जा चुका है। फ्रीगंज सब्जी मंडी स्थित अनाथालय में रहते बच्चे बेचने का आरोप भी रितेश पर लगा है। रितेश भारत स्वाभिमान यात्रा का पूरा प्रचार कार्य देख रहा था।
बाबा की इस कड़ी का तीसरा सदस्य है उमेश गुप्ता, जिसके निवास पर 1 जून को सुबह बाबा रामदेव ने फल-भोज ग्रहण किया। उमेश गुप्ता जनसंघ और भाजपा के नेता रहे कृष्णमुरारी गुप्ता का पुत्र है, जो स्वयं अवैध पिस्तौल के साथ हवाई जहाज में पकड़ाए थे। उमेश भाजपा की आनुषांगिक संस्थाओं सेवा भारती, संस्कार भारती, संस्कृत भारती आदि से वित्तीय गड़बड़ियों को लेकर निकाला जा चुका है। अभी समन्वय परिवार से जुड़ा है, जो महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद की इकाई है।
उज्जैन काकस का चौथा सदस्य है शेखर श्रीवास, जो प्रगट रूप से होटल शांति पैलेस का स्वामी है। लेकिन पिछला इतिहास शहर के ख्यात सटोरिए के रूप में रहा है। बाबू नाई उर्फ बाबू काना का यह पुत्र व्यवसाय से नाई है। कुशलपुरा में सट्टा करते-करते शेखर, पप्पू राय और गफ्फार पहलवान के संपर्क में आया और क्रिकेट का सट्टा करने लगा। इसका होटल ग्रीन लैंड की जमीन पर सन् 2004 के सिंहस्थ में अवैध रूप से बना हुआ है।
बाबा रामदेव की स्वाभिमान यात्रा से ऐसे लोगों का जुड़ा होना संकेत करता है कि बाबा का भ्रष्टाचार विरोधी अभियान किस गति में और किन हाथों में चल रहा है। इसका क्या होगा, यह कल्पना भर की जा सकती है।