क्राइम रिपोर्टर// लखनलाल (कटनी // टाइम्स ऑफ क्राइम)
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कटनी. नगर निगम के पार्षद इन दिनों वार्ड का काम छोड़ कर सब कुछ कर रहे हैं। सूत्रों कि माने तो ननि के पार्षद वार्ड की व्यवस्था को परे हाथ कर गलि - कूचों की दलाली करने में लिप्त नजर आ रहे हैं। जुटाई गई जानकारी के अनुसार रघुनाथ गंज वार्ड क्रं. 23 के पार्षद मिथलेश जैन अपनी गंदी व टुच्ची नेतागिरी के दम पर वार्ड वासियों का जीना दूभर किये हुये हैं। इतना ही नहीं वार्ड पार्षद जैन अपनी राजनीति का घिनौना खेल इस कदर खेल रहे हैं कि वह देश के नाम शहीद हुये देश भक्तों को भी अपनी कुत्सित नेतागिरी का भय दिखाने से भी नहीें चूक रहे। इसी वजह से 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी को मिलने वाला सम्मान जैन की कुत्सित भरी राजनीति के कारण सेनानी ने फारेस्टर प्लेग्राउंड में जाने से भी मना कर दिया और शासन द्वारा मिलने वाले सम्मान का बहिष्कार करते हुये कहा कि शासन व प्रशासन को सेनानीयों की याद सिर्फ 26 जन. और 15 अगस्त को आती हैं बाकी दिन नहीं।
सबसे बड़ी और चौकाने वाली बात तो यह हैं रघुनाथ गंज वार्ड क्रं. 23 स्थित मुख्य डाकघर के सामने ढालूमल सिंधि के मकान से लेकर बी. एम. चौदहा के मकान तक के मार्ग का नाम सन् 2005 में डां. गुलाबदास गुप्ता स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के सम्मान में मार्ग का नाम डां. गुलाबदास गुप्ता स्वतंत्रता सेनानी मार्ग प्रस्तावित एवं समस्त पार्षदों की सर्वसम्मति से स्वीकृत कर राज्य शासन को भेजा गया था और राज्य शासन ने इसकी स्वीकृति भी प्रदान की थी तब से इस मार्ग को नगरवासी डां. गुलाबदास गुप्ता स्वतंत्रता सेनानी मार्ग के नाम से पहचानते आ रहे हैं। इतना ही नहीं कूटरचित तरीका व अपने आपको राजनीति का घाघ बताने वाले पार्षद जैन नगर निगम परिषद के साथ गुपचुप तरीके से सांठगांठ करके इस मार्ग का नाम बदलने का कृत्य कर रहे हैं।
यह सब आरोप स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व उसके कार्यकर्ताओं ने लगाया हैं। सबसे बड़ी बात तो यह हैं कि पार्षद जैन ने अपनी राजनीति का शिकार जैन समाज के महान व धार्मिक गुरू आर्चाय श्री विद्यासागर महाराज जी को भी नहीं छोड़ा। राजनीति के नशे में चूर होकर जैन ने षडय़ंत्र रच कर महान गुरू को एक गलि-कूचों में तक ही उनका नाम कैद करने व अपनी राजनीति की रोटी सेंकना चाह रहे हैं। जबकि ऐसे महान गुरू के लिये तो यह संसार भी कम पड़ सकता हैं क्योंकि गुरू से बढ़ कर दुनिया में कोई ओर नहीं हैं। पार्षद जैन कि शायद बुद्धि शून्य हो गई हैं जो इतने बड़े महान विश्वगुरू की आड़ लेकर एवं उनके नाम को गलि-कूचों में तब्दील करने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं। बताते हैं कि पार्षद राजनीति के साथ - साथ एक अधिवक्ता भी हैं यही वजह हैं कि इनकी वकालत का जोर सारे ननि परिषद पर हावी हैं।
सूत्रों की माने तो जैन अपनी वकालत का दम भरते हुये ननि के सभी अधिकारियों को उंगलीयों पर नचाते हैं। सूत्र यह बताते हैं कि पार्षद जैन ने एक अपने निजि करीबी को अधिकारियों की दलाली करने के लिये सूचनाधिकार लगवाकर अधिकारियों कि पोल-पट्टी लेकर उनको ब्लेक मेल कर अपना शिकार बनाते हैं। ननि के कुछ अधिकारी ऐसे भी हैं जिनकी कमजोरी इनके करीबी पार्षदों के हाथ में लग गई हैं। जिसके चलते कोई भी अधिकारी इस दोगले व टुच्चे पार्षद के खिलाफ कुछ भी बोलने से कतराते हैं। यही वजह हैं कि टुच्चे पार्षद द्वारा स्वतंत्रता सेनानीयों का अपमान करने से बाज नहीं आ रहा।
जिन सेनानीयों ने भारत माता के लिये अपनी कुर्बानियां दी उनको इस दोगले पार्षद की विसंगतियों का सामना करना पड़ रहा हैं जिले में बचे कुचे तीन वरिष्ठ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री गुलाबदास गुप्ता 91 वर्ष, श्री बाला प्रसाद साहू 90 वर्ष, श्री राममिलन पाठक 90 वर्ष जीवित बचे हैं जिन्होनें देश को आजादी दिलाने के लिये अपना सारा जीवन मातृभूमि के लिये न्यौछावर कर दिया। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के उत्तराधिकारि संगठन ने यह घोषणा की हैं की देश के नाम शहीद होने वालो का अपमान नहीं सह सकते अब उत्तराधिकारी संगठन आगे की रणनीति तैयार कर ऐसे भ्रष्ट और दोगले पार्षदों को मुंह तोड़ जवाब देगें...?