भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण को सीबीआई की विशेष अदालत ने शनिवार को तहलका रिश्वत कांड में 4 साल के कारावास की सजा सुनाई है साथ ही उन पर 1 लाख रुपए का जुर्माना भी
लगाया गया है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि भ्रष्टाचार देश को दीमग की
तरह खा रहा है इसे रोकना बेहद जरुरी हो गया है इसलिए बंगारु लक्ष्मण की सजा
में राहत नहीं दी जा सकती। बंगारु लक्ष्मण पर फर्जी हथियार डीलरों से
रिश्वत लेने का आरोप है।
आपको बता दें कि न्यूजपोर्टल तहलका डॉट कॉम द्वारा 2001 में कराए गए स्टिंग ऑपरेशन में बंगारु कैमरे पर एक लाख की रिश्वत लेते पकडे गए थे। पोर्टल ने 13 मार्च 2001 को
को वीडियो सीडी किया था । जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में सनसनी फैल गई।
इसके बाद बंगारु को भाजपा प्रमुख पद से इस्तीफा देना पडा था। इस मामले में
तत्कालीन रक्षामंत्री जार्ज फर्नाडीस को भी अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
इस फैसले पर अगर गौर किया जाए तो विपक्षी पार्टी बीजेपी जहां कांग्रेस
के खिलाफ भ्रष्टाचार की मुहिम चलाए हुए है और उन्ही की पर्टी के एक बड़े
नेता को सजा मिलना बड़ी गंभीर बात है। इस बार वीडियो टेप को सबूत मानते
हुए, अदालत ने एक बड़ा फैसला दिया है। भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 9
के तहत बंगारू लक्ष्मण को 4 साल की कैद की सजा और 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। भ्रष्टाचार को बड़ी समस्या बताते हुए कोर्ट का कहना
था कि कोर्ट भ्रष्टाचार के किसी भी आरोपी को राहत नहीं देगी। बहरहाल
बंगारू लक्ष्मण को कोर्ट परिसर से तिहाड़ जेल भेज दिया गया है।
वहीं दूसरी तरफ बंगारू लक्ष्मण के वकील का कहना है कि वो इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट जाएंगे। कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी का कहना है कि भाजपा को आत्म चिंतन करने की जरुरत है और इस फैसले से वो काफी आहत हैं। वहीं बीजेपी नेता बंडारु दत्तात्रेय का कहना है कि यूपीए सरकार ने सीबीआई से जांच करवा कर जो षडयंत्र रचा है जब कि उनके नेताओं की भी जांच होनी चाहिए।वही बीजेपी के नेता शहनबाज हुसैन का कहना है कि कानून अपना काम कर रहा है। और जहां तक बंगारू लक्ष्मण की बात है तो ये उनका व्यक्तिगत मामला है।