नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने अन्ना हजारे और उनकी टीम के सदस्यों
के खिलाफ दायर एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया। इसमें पिछले साल लोकपाल
विधेयक को लेकर उनके आंदोलन के दौरान राष्ट्र ध्वज के कथित अपमान के
सिलसिले में उन पर कार्रवाई की मांग की गई थी।
न्यायमूर्ति बीएस चौहान और न्यायमूर्ति जेएस शेखर ने चेन्नई निवासी याचिकाकर्ता एलके वेंकट को जनहित याचिका दायर करने के लिए झाड़ लगाई। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि पिछले साल दिसंबर में आंदोलन के दौरान हजारे के सहयोगियों ने राष्ट्र ध्वज का अनादर किया और सरकार उनके खिलाफ शिकायत दायर होने के बावजूद कोई कार्रवाई करने में विफल रही। उसने आरोप लगाया, ''आंदोलन के दौरान हजारे और उनके सहयोगियों ने जनता में राष्ट्र ध्वज को आधा झुकाकर फहराया और इसे विकृत भी किया।''
पीठ याचिकाकर्ता के तर्क से संतुष्ट नहीं हुई और सुनवाई के दौरान जनहित याचिका की प्रक्रिया का दुरुपयोग करने के लिए जुर्माना लगाने की बात कही। हालांकि, इसने ऐसा नहीं किया और याचिका को खारिज कर दिया।
न्यायमूर्ति बीएस चौहान और न्यायमूर्ति जेएस शेखर ने चेन्नई निवासी याचिकाकर्ता एलके वेंकट को जनहित याचिका दायर करने के लिए झाड़ लगाई। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि पिछले साल दिसंबर में आंदोलन के दौरान हजारे के सहयोगियों ने राष्ट्र ध्वज का अनादर किया और सरकार उनके खिलाफ शिकायत दायर होने के बावजूद कोई कार्रवाई करने में विफल रही। उसने आरोप लगाया, ''आंदोलन के दौरान हजारे और उनके सहयोगियों ने जनता में राष्ट्र ध्वज को आधा झुकाकर फहराया और इसे विकृत भी किया।''
पीठ याचिकाकर्ता के तर्क से संतुष्ट नहीं हुई और सुनवाई के दौरान जनहित याचिका की प्रक्रिया का दुरुपयोग करने के लिए जुर्माना लगाने की बात कही। हालांकि, इसने ऐसा नहीं किया और याचिका को खारिज कर दिया।