प्रदेश शासन को करोड़ों की राजस्व हानि पहुंचाई
भ्रमित कर रात को किया जा रहा अंधाधुंध उत्खनन
मुलताई से गंगाधर देशमुख की रिपोर्ट...
ब्यूरो प्रमुख से संपर्क:- 9753243865
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मुलताई। फोरलेन मार्ग निर्माण में अर्थवर्क करने वाली कंपनियों द्वारा पूरे क्षेत्र में जमकर बिना खनिज विभाग की स्वीकृति के उत्खनन किये जाने की खबरों के प्रकाशन तथा उक्त कंपनियों पर खनन विभाग द्वारा लाखों का जुर्माना प्रस्तावित करने के बाद अब अर्थवर्क करने वाली कंपनियों द्वारा शासन को गुमराह करके अंधाधुंध उत्खनन किया जा रहा है। अर्थवर्क करने वाली कंपनियों द्वारा जहॉ रात में जगह जगह उत्खनन किया जा रहा है वहीं अनेक स्थानों पर निर्धारित मार्ग निर्माण सीमा याने आर ओ डब्ल्यू से सटकर ही उत्खनन किया जाने लगा है। नागपूर मार्ग पर अनेक स्थानों पर आरओडब्ल्यू के ठीक पीछे ही ठेकेदार द्वारा उत्खनन किया जा रहा है ताकि शासन को सहीं स्थिती का अंदाजा नही हो सके एवं जमकर अवैध उत्खनन किया जा सके। थावरिया नाले के उपरी क्षेत्र में एैसे कई जगह उत्खनन देखे जा सकते हैं जहॉ ठेकेदार द्वारा आरओडब्ल्यू के बाद अवैध उत्खनन किया गया है। मार्ग निर्माण स्थल से यह अंदाजा नही लगाया जा सकता कि आरओडब्ल्यू के पीछे ही बड़ी मात्रा में अवैध उत्खनन किया गया है लेकिन जब उपर से स्थिती देखी जाए तो सहसा विश्वास नही होता कि शासन को इस तरह ठेकेदार द्वारा गुमराह भी किया जा सकता है। अवैध उत्खनन का मामला यहीं तक नही इसके अलावा अर्थवर्क करने वाली कंपनियों द्वारा रात के अंधेरे में धड़ल्ले से विभिन्न स्थानों पर उत्खनन किया जा रहा है ताकि अवैध उत्खनन पकड़ा नही जा सके तथा मौके से खनन मशीन सहित डंफर भी जब्त नही की जा सके। खनन विभाग मौन मुलताई क्षेत्र में हो रहे अवैध उत्खनन को लेकर आएं दिन शिकायतें की जा रही है समाचार पत्रों में समाचार प्रकाशित किए जा रहे है किंतू इसके बावजूद भी खनिज विभाग कुंभकर्णिय नींद सोया हुआ है। फोरलेन निर्माण एजेंसियों द्वारा सरेआम नियमों की धज्जियां उड़ाकर शासन को करोड़ों रुपए का चूना लगाया जा रहा है। नियमानुसार प्रमुख नदियों एवं मुख्य मार्ग से 100 मीटर की दूरी में जहां खनिज विभाग द्वारा लीज तक नहीं दी जा सकती है उसी स्थान पर बगैर अनुमति के बड़ी मात्रा में अवैध उत्खनन किया जा रहा है। मुलताई क्षेत्र में प्रतिदिन हजारों डंफर मुरुम का परिवहन एक स्थान से दुसरे स्थान पर होता है किंतू किसी एक डंपर के पास भी परिवहन विभाग की रायल्टी पास नहीं होती। खनिज अधिकारी यह सब जान कर भी मौन है जिसकों लेकर तरह- तरह की जनचर्चाओं का बाजार गर्म है।