Wednesday, November 7, 2012

छिंदवाडा में उड़ाई जा रही हैं संविधान और कानून की धज्जियां


शेष नारायण सिंह 
  toc news internet channal

जिस ज़मीन के ज़बरदस्ती किये गए सरकारी अधिग्रहण के खिलाफ किसानों ने कई साल से विरोध किया और जिस ज़मीन के विरोध के लिए आयोजित एक राजनीतिक जुलूस में हुए पुलिस अत्याचार के बाद एक फर्जी केस में फंसाए गए समाजवादी नेता डॉ सुनीलम को आजीवन कारावास की सज़ा सुना दी गयी है, छिंदवाडा में उसी ज़मीन पर सरकार ने कब्जा करवाकर बाँध की बुनियाद डलवा दी और काम शुरू करवा दिया. जिस वक़्त काम शुरू हुआ, वहां के 33 गाँवों में धारा 144 लगाकर भारी पुलिस बंदोबस्त के बीच काम शुरू किया गया. वहाँ पर मेधा पाटकर, आराधना भार्गव और २१ अन्य को शान्ति भंग होने के अंदेशे की धारा १५१ में बंद कर दिया गया.

यह धारा ऐसी है जिसमें इन लोगों पर कोई संगीन केस नहीं चलेगा और जब किसानों की ज़मीन पर कब्जा मुकम्मल हो जाएगा तो इन्हें छोड़ दिया जाएगा. जानकार बताते हैं कि जिस समय बाँध के अधिकारी ज़मीन पर कब्जा लेने पंहुचे थे वहाँ उस समय कर्फ्यू जैसे हालात थे. बताया गया है की इस बाँध का पानी अडानी  ग्रुप के एक पावर प्लांट को दिया जाएगा. बताते हैं कि अडानी ग्रुप का मालिक बीजेपी के कुछ नेताओं का बहुत खास शिष्य है. मध्यप्रदेश के शिवराज सिंह चौहान और गुजरात के नरेंद्र मोदी उन पर बहुत मेहरबान रहते हैं .

मानवाधिकार आयोग के पास एक अर्जी भेजकर पी यू सी एल की कविता श्रीवास्तव ने मानवाधिकारों के इस खिलवाड पर  सख्त एतराज़  जताया और कहा कि इन लोगों  को फ़ौरन रिहा किया जाए. इसी ज़मीन के  विवाद में किसानों का कई साल से आंदोलन चल रहा है . समाजवादी किसान नेता , डॉ सुनीलम और उनके साथियों साथियों को इसी ज़मीन के गैर कानूनी अधिग्रहण का विरोध करने के दौरान मुलताई में एक प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किया गया था और उनपर फर्जी मुकादमा चलाया गया. सरकार ने केस इतना वाटर टाईट बनाया कि डॉ सुनीलम और उनके दो साथी जेल में बंद कर दिए गए. इसी प्रदर्शन के दौरान २४ किसान मार डाले गए थे लेकिन उनको मारने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई ,जिस पुलिस अफसर की अगुवाई में इन लोगों पर हमला किया गया था उसे लगातार तरक्की दी गयी और अब वह आईजी के पद पर विराजमान है.
डॉ सुनीलम और उनके साथियों की दी गयी सज़ा के खिलाफ पूरे देश में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों और किसानो के अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे लोगों में गुस्सा है. अभी पिछले दिनों दिल्ली में एक सम्मलेन में सरकार और पूंजीपतियों के मिलीभगत की कहानियां उजागर की गयी थीं. उस सभा में दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश,  जस्टिस राजिंदर सच्चर ने कहा था कि 12 जनवरी 1998 के दिन पुलिस फायरिंग में हुयी 24 किसानों और एक पुलिस कर्मी की हत्या में डॉ सुनीलम को जो सजा हुयी है, वह न्याय की कसौटी पर सही नहीं है. उसमें बहुत सारी गलतियाँ हैं. उन्होंने कहा कि एक किसान ने मरने के पहले एक बयान दिया था. मौत के समय दिए गए बयान को न्याय प्रक्रिया में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है लेकिन अजीब बात है की कोर्ट ने उसके बयान को साक्ष्य नहीं माना. उन्होंने कहा कि मुलताई केस को देखने से लगता है की बीजेपी और कांग्रेस में कोई विवाद नहीं है. खासकर जब गरीब आदमी के अधिकारों को छीन कर पूंजीपतियों को खुश करना होता है. उन्होने कहा की जब मुलताई में गोली चली थी तो कांग्रेस नेता, दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री थे.
उसके बाद बीजेपी के कई नेता मुख्यमंत्री बने लेकिन मध्य प्रदेश सरकार का रुख वही बना रहा. उन्होंने इस बात पर अफ़सोस जताया कि 24 किसानों को उस दिन मार डाला गया था लेकिन किसी भी न्यायिक जांच के आदेश नहीं दिए गए. पुलिस ने मनमानी करके केस बनाया और साजिशन डॉ सुनीलम और दो किसानों को सज़ा दिलवा दी. उन्होंने कहा क़ानून का कोई भी विद्यार्थी बता देगा कि इस केस में किसी भी हालत में सज़ा नहीं होनी चाहिए थी लेकिन लगता है कि न्याय प्रक्रिया किसी दबाव के तहत काम कर रही थी. किसान नेता विनोद सिंह ने कहा की मुलताई में ज़मीन का अधिग्रहण, भूमि अधिग्रहण कानून की धारा 17 को लगा कर किया गया था. इस धारा के तहत ज़मीन केवल सरकारी काम के लिए ही ली जा सकती है लेकिन सरकार ने वह ज़मीन अडानी नाम के एक उद्योगपति को दे दी. उन्होंने कहा की छिंदवाड़ा में बन रहे इस प्रोजेक्ट में वहां के कांग्रेस नेता कमलनाथ का शेयर है और बीजेपी की सरकार ने कमलनाथ को मदद पंहुचाने के लिए किसान विरोधी काम किया है. इस मामले में बीजेपी और कांग्रेस दोनों मिले हुए हैं. उन्होंने आरोप लगाया की डॉ सुनीलम  की गिरफ्तारी के बाद राज्य की बीजेपी  सरकार सक्रिय हो गयी है और अडानी को उस ज़मीन पर क़ब्ज़ा दिलवाने की कोशिश चल रही है. उनका सीधा आरोप है की शिवराज सिंह और कमलनाथ मिलकर अडानी को गैरवाजिब मुनाफा देने की साजिश कर रहे हैं.

सेंटर फार एडवोकेसी एंड रिसर्च ने कविता श्रीवास्तव की मानवाधिकार आयोग के पास भेजी गयी जिस अर्जी की नकल मीडिया संगठनों के पास भेजा है  उसमें भी इस बात का ज़िक्र है कि कैसे अडानी के हितों के लिए राज्य और केन्द्र की सरकारें एकजुट हैं.नर्मदा बचाओ आंदोलन की मेधा पाटकर  की छिंदवाडा में हुई गिरफ्तारी को उन्होंने बिलकुल गलत बताया और कहा कि आराधना भार्गव तो छिंदवाडा इसलिए गयी थीं कि अपनी माता जी की मृत्यु के बाद होने वाले संस्कारों में शामिल हो सकें. उनको ३ नवंबर को उनके घर से पकड़ा गया.जब ४ नवंबर को मेधा पाटकर और कुछ अन्य लोग आराधना के घर शोक प्रकट करने गए तो उनको भी पकड़ लिया गया. सवाल पैदा होता है कि एक निजी हित साधने के लिए सरकार के अफसर इतने उतावले क्यों हैं .जिले के अफसर भी सरकारी हुक्म को पूरी तरह से पूरा कर रहे हैं. वकीलों तक को गिरफ्तार लोगों से नहीं मिलने दिया. कानून का बेजा इस्तेमाल धडल्ले से हो रहा है. संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों का मजाक बनाया जा रहा है. संविधान के अनुच्छेद १९ में और २१ का खुले आम उन्लंघन हो रहा है. अनुच्छेद १९ में व्यवस्था है कि सभी नागरिकों को वाक् स्वातान्त्र्य और अभिव्यक्ति स्वातंत्र्य का,शान्ति पूर्वक और निरायुध सम्मलेन का ,संगम या  संघ बनाने का  भारत के राज्य क्षेत्र में सर्वत्र अबाध संचरण का भारत के राज्यक्षेत्र के किसी भी भाग में निवास करने और बस जाने और कोई वृत्ति उपजीविका,व्यापार या कारोबार करने का अधिकार होगा. मेधा पाटकर  को गिरफ्तार करके सरकार ने इस अनुच्छेद की हर व्यवस्था का उन्लंघन किया है .

सरकार का ज़िम्मा आम आदमी की भलाई को सुनिश्चित करना है लेकिन मुलताई और छिंदवाडा में कांग्रेस और बीजेपी की मिलीभगत के चलते हालात बहुत ही बिगड गए हैं .कानून को अपमानित किया जा रहा है और नेताओं और पूंजीपतियों के  गठजोड़ को आर्थिक  लाभ पंहुचाने के लिए सरकारी अफसर देश के संविधान का अपमान करने से भी बाज़ नहीं आ रहे हैं,समझ में नहीं आता कि देश की जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए क्या तरीके विकसित होने वाले हैं. आम तौर पर सरकार और ताक़तवर लोगों से निराश लोग ही वह काम करते हैं जो कानून के दायरे के बाहर हों. पता नहीं इस देश में क्या होने वाला है.


S N Singh

S N Singhशेष नारायण सिंह मूलतः इतिहास के विद्यार्थी हैं. शुरू में इतिहास के शिक्षक रहे. .बाद में पत्रकारिता की दुनिया में आये...प्रिंट, रेडियो और टेलिविज़न में काम किया. इन्होने १९२० से १९४७ तक की महात्मा गाँधी की जीवनी के उस पहलू पर काम किया है जिसमें वे एक महान कम्युनिकेटर के रूप में देखे जाते हैं..1992 से अब तक तेज़ी से बदल रहे राजनीतिक व्यवहार पर अध्ययन करने के साथ साथ विभिन्न मीडिया संस्थानों में नौकरी की. अब मुख्य रूप से लिखने पढने के काम में लगे हैं.

CCH ADD

CCH ADD
CCH ADD

dhamaal Posts

जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / रिपोर्टरों की आवश्यकता है

जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / रिपोर्टरों की आवश्यकता है

ANI NEWS INDIA

‘‘ANI NEWS INDIA’’ सर्वश्रेष्ठ, निर्भीक, निष्पक्ष व खोजपूर्ण ‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया ऑनलाइन नेटवर्क’’ हेतु को स्थानीय स्तर पर कर्मठ, ईमानदार एवं जुझारू कर्मचारियों की सम्पूर्ण मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिले एवं तहसीलों में जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / पंचायत स्तर पर क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों / संवाददाताओं की आवश्यकता है।

कार्य क्षेत्र :- जो अपने कार्य क्षेत्र में समाचार / विज्ञापन सम्बन्धी नेटवर्क का संचालन कर सके । आवेदक के आवासीय क्षेत्र के समीपस्थ स्थानीय नियुक्ति।
आवेदन आमन्त्रित :- सम्पूर्ण विवरण बायोडाटा, योग्यता प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आकार के स्मार्ट नवीनतम 2 फोटोग्राफ सहित अधिकतम अन्तिम तिथि 30 मई 2019 शाम 5 बजे तक स्वंय / डाक / कोरियर द्वारा आवेदन करें।
नियुक्ति :- सामान्य कार्य परीक्षण, सीधे प्रवेश ( प्रथम आये प्रथम पाये )

पारिश्रमिक :- पारिश्रमिक क्षेत्रिय स्तरीय योग्यतानुसार। ( पांच अंकों मे + )

कार्य :- उम्मीदवार को समाचार तैयार करना आना चाहिए प्रतिदिन न्यूज़ कवरेज अनिवार्य / विज्ञापन (व्यापार) मे रूचि होना अनिवार्य है.
आवश्यक सामग्री :- संसथान तय नियमों के अनुसार आवश्यक सामग्री देगा, परिचय पत्र, पीआरओ लेटर, व्यूज हेतु माइक एवं माइक आईडी दी जाएगी।
प्रशिक्षण :- चयनित उम्मीदवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण भोपाल स्थानीय कार्यालय मे दिया जायेगा, प्रशिक्षण के उपरांत ही तय कार्यक्षेत्र की जबाबदारी दी जावेगी।
पता :- ‘‘ANI NEWS INDIA’’
‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया नेटवर्क’’
23/टी-7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, प्रेस काम्पलेक्स,
नीयर दैनिक भास्कर प्रेस, जोन-1, एम. पी. नगर, भोपाल (म.प्र.)
मोबाइल : 098932 21036


क्र. पद का नाम योग्यता
1. जिला ब्यूरो प्रमुख स्नातक
2. तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / हायर सेकेंडरी (12 वीं )
3. क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
4. क्राइम रिपोर्टरों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
5. ग्रामीण संवाददाता हाई स्कूल (10 वीं )

SUPER HIT POSTS

TIOC

''टाइम्स ऑफ क्राइम''

''टाइम्स ऑफ क्राइम''


23/टी -7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, जोन-1,

प्रेस कॉम्पलेक्स, एम.पी. नगर, भोपाल (म.प्र.) 462011

Mobile No

98932 21036, 8989655519

किसी भी प्रकार की सूचना, जानकारी अपराधिक घटना एवं विज्ञापन, समाचार, एजेंसी और समाचार-पत्र प्राप्ति के लिए हमारे क्षेत्रिय संवाददाताओं से सम्पर्क करें।

http://tocnewsindia.blogspot.com




यदि आपको किसी विभाग में हुए भ्रष्टाचार या फिर मीडिया जगत में खबरों को लेकर हुई सौदेबाजी की खबर है तो हमें जानकारी मेल करें. हम उसे वेबसाइट पर प्रमुखता से स्थान देंगे. किसी भी तरह की जानकारी देने वाले का नाम गोपनीय रखा जायेगा.
हमारा mob no 09893221036, 8989655519 & हमारा मेल है E-mail: timesofcrime@gmail.com, toc_news@yahoo.co.in, toc_news@rediffmail.com

''टाइम्स ऑफ क्राइम''

23/टी -7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, जोन-1, प्रेस कॉम्पलेक्स, एम.पी. नगर, भोपाल (म.प्र.) 462011
फोन नं. - 98932 21036, 8989655519

किसी भी प्रकार की सूचना, जानकारी अपराधिक घटना एवं विज्ञापन, समाचार, एजेंसी और समाचार-पत्र प्राप्ति के लिए हमारे क्षेत्रिय संवाददाताओं से सम्पर्क करें।





Followers

toc news