किसी अन्य कारोबार में संलग्न नहीं हो पायेगा.....
डॉ नवीन जोशी
भोपाल।राज्य सरकार ने मप्र गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल ने अपने वर्ष 1988 में बने कामकाज के संचालन एवं शक्तियों का प्रत्यायोजन विनियमों को रद्द कर नये विनियम प्रभावशील कर दिये हैं। अब नये विनियमों के तहत मंडल के कर्मियों को एक करारनामा करना होगा कि ''वह अपना सम्पूर्ण समय और ध्यान मंडल के कार्य में लगायेगा और स्व्यं की ओर से या किसी भी व्यक्ति या किन्हीं भी व्यक्तियों के एजेण्ट के रुप में कोई अन्य कारोबार या व्यवसाय नहीं करेगा।
अब मंडलकर्मियों को करारनामे की इस शर्त का पालन भी करना होगा कि वह मंडल के किसी भी स्वरुप या प्रकार के किन्हीं ऐसे बिलों,लेखाओं, पुस्तकों, दस्तावेजों, कागजातों,ज्ञापनों या लेखों को न तो रद्द करेगा, न बरबाद करेगा, न चुीाकर ले जायेगा, न मिटायेगा, न विरुपित करेगा और न किसी भी प्रकार से उन्हें क्षति पहुंचायेगा या न किसी भी व्यक्ति या किन्हीं भी व्यक्तियों को, चाहे जो भी हो, ऐसा करने देगा।
इसके अलावा मंडलकर्मी को करारनामे के तहत बताना होगा कि उसने मंडल की सेवा में रहने के दौरान जनता से क्या रकम, बुलियन (सोना-चांदी), जेवरात, दस्तावेज, धन की प्रतिभूतियां, माल तथा अन्य वस्तु प्राप्त की है और वह इसका लेखाजोखा मंडल को देगा व उसका भुगतान मंडल को करेगा।
नये विनियमों के अनुसार अब मंडल द्वारा ठेकेदारों का मंडल में पृथक से कोई पंजीयन नहीं किया जायेगा। मप्र शासन की केन्द्रीयकृत पंजीयन प्रणाली के तहत पंजीकृत सभी ठेकेेदार मंडल में पंजीकृत माने जायेंगे तथा मंडल की निविदाओं में भाग लेने के लिये पात्र होंगे। इसके अलावा अब नये विनियमों के तहत मंडल के संपत्ति प्रबंधक शाखा के कैशियर को 5 हजार रुपये, कार्यालय के कैशियर को 3 हजार रुपये, स्ओर कीपर/लिपिक को 3 हजार रुपये, उपयंत्री को 5 हजार रुपये तथा सहायक को 3 हजार रुपये की प्रतिभूति मंडल के पास जमा कराना होगा।
नये विनियमों के तहत अब मंडल के उस अधिकारी को जिसके नियंत्रण में संबंधित अभिलेख जो गोपनीय अभिलेख का भाग न हों, दस्तावेजों, प्राक्कलनों, रेखांकों आदि की प्रतिलिपियां, आवेदन-पत्र जिसमें उसका उद्श्य उल्लेखित किया गया हो, निर्धारित शुल्क के जमा करने पर प्रदाय कर सकेगा। इसके अलावा मंडल के कर्मियों का तबादला एवं पदस्थापनायें मंडल द्वारा अनुमोदित स्थानांतरण नीति के अनुसार होगा।
डॉ नवीन जोशी
भोपाल।राज्य सरकार ने मप्र गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल ने अपने वर्ष 1988 में बने कामकाज के संचालन एवं शक्तियों का प्रत्यायोजन विनियमों को रद्द कर नये विनियम प्रभावशील कर दिये हैं। अब नये विनियमों के तहत मंडल के कर्मियों को एक करारनामा करना होगा कि ''वह अपना सम्पूर्ण समय और ध्यान मंडल के कार्य में लगायेगा और स्व्यं की ओर से या किसी भी व्यक्ति या किन्हीं भी व्यक्तियों के एजेण्ट के रुप में कोई अन्य कारोबार या व्यवसाय नहीं करेगा।
अब मंडलकर्मियों को करारनामे की इस शर्त का पालन भी करना होगा कि वह मंडल के किसी भी स्वरुप या प्रकार के किन्हीं ऐसे बिलों,लेखाओं, पुस्तकों, दस्तावेजों, कागजातों,ज्ञापनों या लेखों को न तो रद्द करेगा, न बरबाद करेगा, न चुीाकर ले जायेगा, न मिटायेगा, न विरुपित करेगा और न किसी भी प्रकार से उन्हें क्षति पहुंचायेगा या न किसी भी व्यक्ति या किन्हीं भी व्यक्तियों को, चाहे जो भी हो, ऐसा करने देगा।
इसके अलावा मंडलकर्मी को करारनामे के तहत बताना होगा कि उसने मंडल की सेवा में रहने के दौरान जनता से क्या रकम, बुलियन (सोना-चांदी), जेवरात, दस्तावेज, धन की प्रतिभूतियां, माल तथा अन्य वस्तु प्राप्त की है और वह इसका लेखाजोखा मंडल को देगा व उसका भुगतान मंडल को करेगा।
नये विनियमों के अनुसार अब मंडल द्वारा ठेकेदारों का मंडल में पृथक से कोई पंजीयन नहीं किया जायेगा। मप्र शासन की केन्द्रीयकृत पंजीयन प्रणाली के तहत पंजीकृत सभी ठेकेेदार मंडल में पंजीकृत माने जायेंगे तथा मंडल की निविदाओं में भाग लेने के लिये पात्र होंगे। इसके अलावा अब नये विनियमों के तहत मंडल के संपत्ति प्रबंधक शाखा के कैशियर को 5 हजार रुपये, कार्यालय के कैशियर को 3 हजार रुपये, स्ओर कीपर/लिपिक को 3 हजार रुपये, उपयंत्री को 5 हजार रुपये तथा सहायक को 3 हजार रुपये की प्रतिभूति मंडल के पास जमा कराना होगा।
नये विनियमों के तहत अब मंडल के उस अधिकारी को जिसके नियंत्रण में संबंधित अभिलेख जो गोपनीय अभिलेख का भाग न हों, दस्तावेजों, प्राक्कलनों, रेखांकों आदि की प्रतिलिपियां, आवेदन-पत्र जिसमें उसका उद्श्य उल्लेखित किया गया हो, निर्धारित शुल्क के जमा करने पर प्रदाय कर सकेगा। इसके अलावा मंडल के कर्मियों का तबादला एवं पदस्थापनायें मंडल द्वारा अनुमोदित स्थानांतरण नीति के अनुसार होगा।