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सड़क विकास निगम द्वरा खराब स्थिति बाद भी निवेशक को 45 करोड़ की सबसिडी जारी
💧 जबलपुर हाई कोर्ट की जस्टिस राजेंद्र मेनन एवं जस्टिस एस के सेठ की डिविजन बेंच ने आज नरसिंहपुर निवासी विनायक परिहार की जनहित याचिका क्र० १४५६७/१५ पर सुनवाई करते हुये मध्य प्रदेश सरकार एवं मध्य प्रदेश राज्य सड़क विकास निगम से पूछा की क्यो ना जबलपुर-नरसिंहपुर-पिपरिया राज्यमार्ग-22 पर टोल वसूली तत्काल रोकी दी जाये ।
💧याचिका कर्ता ने मा॰ न्यायालय से 140 कि॰ मी॰ लम्बी जबलपुर-पिपरिया मार्ग की जर्जर स्थिति पूरी परियोजना मे हुई व्यापक अनियामताओ के चलते टोल वसूली रोकने की मांग की है ।
💧 याचिका कर्ता के अनुसार वर्ष 2005 मे मार्ग के निर्माण से लेकर आज तक निवेशक द्वरा कभी भी सड़क का अनुबंध अनुसार रख रखाव कार्य नहीं किया गया और सात प्रतिशत वार्षिक वृद्धि के साथ टोल वसूली लगातार जारी है । साथ ही सड़क विकास निगम द्वरा निवेशक को निर्धारित मापदंड अनुसार कार्य ना करने के बाद भी 45 करोड़ की सब्सिडि जारी किये जाने पर भी जांच की मांग की है ।
💧नियंत्रक महालेखा परीक्षक ने भी वर्ष 2008-09 मे इस सड़क के निरीक्षण के बाद अनेक कमियों से सरकर को अवगत कराया था लेकिन अभी तक सरकार व सड़क निगम द्वरा सीएजी की रिपोर्ट पर कोई करवाही नहीं की गई । सीएजी के अनुसार अधूरे मार्ग पर जनता से वर्ष 2005 से 2007 तक अवैध वसूली की गई तथा मार्ग की रफ़नेस निर्धारित निर्धारित 2500 एमएम प्रति वर्ग किलो मीटर से बहुत अधिक 7000 एमएम प्रति वर्ग किलो मीटर पाई गई थी जो अनुबंध की शर्तो का उलंघन है । निगम के स्वंतंत्र कंसल्टेंट के अनुसार वर्तमान मे सड़क की रफ़नेस 15000 एमएम प्रति वर्ग किलो मीटर से अधिक है ।
💧 याचिका कर्ता ने न्यायालय के समक्ष सूचना के अधिकार मे प्राप्त जानकारी के आधार पर बताया की सड़क विकास निगम द्वरा निवेशक को 5 बार अनुबंध समाप्ती का अंतिम नोटिस दिया लेकिन कभी अनुबंध समाप्त किया गया और ना ही सड़क का अनुबंध अनुसार संधारण कार्य किया गया ।
💧 अपूर्ण व खराब सड़क एवं मार्ग पर मापदंड अनुसार सचेतक निशान ना होने के कारण अनेक दुर्घटनाओ की जानकारी भी याचिका कर्ता ने न्यायालय के समक्ष दी है । अकेली शेर नदी के पल पर 2 दर्जन मोतों होने की बात काही गई है ।
💧जस्टिस मेनन व जस्टिस सेठ ने याचिका को गंभीरता से लेते हुये सरकार, सड़क निगम व निवेशक को नोटिस जारी करते हुये पूछा की क्यो ना टोल बंद कर दिया जाये और सम्पूर्ण जबलपुर पिपरिया सड़क परियोजना की उच्च स्तरीय जांच कराई जाये ।
💧सरकार, सड़क विकास निगम व निवेशक को पक्ष रखने 15 दिनों का समय दिया गया है । मामले की अगली सुनवाई 14 सितम्बर को रखी गई है ।
सड़क विकास निगम द्वरा खराब स्थिति बाद भी निवेशक को 45 करोड़ की सबसिडी जारी
💧 जबलपुर हाई कोर्ट की जस्टिस राजेंद्र मेनन एवं जस्टिस एस के सेठ की डिविजन बेंच ने आज नरसिंहपुर निवासी विनायक परिहार की जनहित याचिका क्र० १४५६७/१५ पर सुनवाई करते हुये मध्य प्रदेश सरकार एवं मध्य प्रदेश राज्य सड़क विकास निगम से पूछा की क्यो ना जबलपुर-नरसिंहपुर-पिपरिया राज्यमार्ग-22 पर टोल वसूली तत्काल रोकी दी जाये ।
💧याचिका कर्ता ने मा॰ न्यायालय से 140 कि॰ मी॰ लम्बी जबलपुर-पिपरिया मार्ग की जर्जर स्थिति पूरी परियोजना मे हुई व्यापक अनियामताओ के चलते टोल वसूली रोकने की मांग की है ।
💧 याचिका कर्ता के अनुसार वर्ष 2005 मे मार्ग के निर्माण से लेकर आज तक निवेशक द्वरा कभी भी सड़क का अनुबंध अनुसार रख रखाव कार्य नहीं किया गया और सात प्रतिशत वार्षिक वृद्धि के साथ टोल वसूली लगातार जारी है । साथ ही सड़क विकास निगम द्वरा निवेशक को निर्धारित मापदंड अनुसार कार्य ना करने के बाद भी 45 करोड़ की सब्सिडि जारी किये जाने पर भी जांच की मांग की है ।
💧नियंत्रक महालेखा परीक्षक ने भी वर्ष 2008-09 मे इस सड़क के निरीक्षण के बाद अनेक कमियों से सरकर को अवगत कराया था लेकिन अभी तक सरकार व सड़क निगम द्वरा सीएजी की रिपोर्ट पर कोई करवाही नहीं की गई । सीएजी के अनुसार अधूरे मार्ग पर जनता से वर्ष 2005 से 2007 तक अवैध वसूली की गई तथा मार्ग की रफ़नेस निर्धारित निर्धारित 2500 एमएम प्रति वर्ग किलो मीटर से बहुत अधिक 7000 एमएम प्रति वर्ग किलो मीटर पाई गई थी जो अनुबंध की शर्तो का उलंघन है । निगम के स्वंतंत्र कंसल्टेंट के अनुसार वर्तमान मे सड़क की रफ़नेस 15000 एमएम प्रति वर्ग किलो मीटर से अधिक है ।
💧 याचिका कर्ता ने न्यायालय के समक्ष सूचना के अधिकार मे प्राप्त जानकारी के आधार पर बताया की सड़क विकास निगम द्वरा निवेशक को 5 बार अनुबंध समाप्ती का अंतिम नोटिस दिया लेकिन कभी अनुबंध समाप्त किया गया और ना ही सड़क का अनुबंध अनुसार संधारण कार्य किया गया ।
💧 अपूर्ण व खराब सड़क एवं मार्ग पर मापदंड अनुसार सचेतक निशान ना होने के कारण अनेक दुर्घटनाओ की जानकारी भी याचिका कर्ता ने न्यायालय के समक्ष दी है । अकेली शेर नदी के पल पर 2 दर्जन मोतों होने की बात काही गई है ।
💧जस्टिस मेनन व जस्टिस सेठ ने याचिका को गंभीरता से लेते हुये सरकार, सड़क निगम व निवेशक को नोटिस जारी करते हुये पूछा की क्यो ना टोल बंद कर दिया जाये और सम्पूर्ण जबलपुर पिपरिया सड़क परियोजना की उच्च स्तरीय जांच कराई जाये ।
💧सरकार, सड़क विकास निगम व निवेशक को पक्ष रखने 15 दिनों का समय दिया गया है । मामले की अगली सुनवाई 14 सितम्बर को रखी गई है ।