Toc News @ Bhopal
भोपाल। भाजपा मेंं शिवराज गुट के नेता व्यापमं मामले में भले ही 1000 बार शिवराज को 'गंगा सा पवित्र' दोहराते रहें परंतु परिस्थियां लगातार शिवराज के दामन पर दाग लगा रहीं हैं। व्हिसल ब्लोअर को घूस का मामला स्वत: प्रमाणित हो चुका है, अब सीबीआई ने भी शिवराज सरकार को कटघरे में ला खड़ा किया। सीबीआई ने कोर्ट में बयान रिकार्ड कराया है कि शिवराज सरकार उन्हें जांच ही नहीं करने दे रही।
याद दिला दें कि इस मामले में शिवराज सिंह चौहान खुद को व्हिसल ब्लोअर और सीबीआई की जांच सौंपने की पहल करने वाला बताते हैं परंतु सीबीआई उन पर दखल देने का आरोप लगा रही है।
सीबीआई के डीएसपी राजीव चंदोला ने यह आरोप लगाए हैं। राजीव ने बताया कि सीबीआई को चंबल कॉलोनी में ऑफिस के लिए चार कमरे दिए गए थे। जिनमें अब सिर्फ दो ही बचे हैं क्योंकि जल संसाधन विभाग के इंजीनियर ने बाकी के दो कमरों पर ताले लगा दिए हैं।
जब उन्होंने इसकी वजह जाननी चाही तो इंजीनियर ने यह कह कर पल्ला झाड़ लिया कि रबी की फसल का सीजन शुरू होने जा रहा है, जिससे अधिकारियों का आना-जाना लगा रहेगा और इसके लिए उन्हें कमरे की जरूरत है।
गाड़ियों के बारे में भी सीबीआई डीएसपी ने बताया कि व्यापमं की जांच के लिए उन्हें गाड़ियों की भी जरूरत थी इस पर सरकार ने उन्हें खटारा गाड़ियां थमा दीं जो चलती कम हैं, रियेरिंग ज्यादा मांगती हैं।
कृषि विश्वविद्यालय के हॉस्टल में उन्हें रहने के लिए जो कमरे दिए गए हैं उन्हें खाली करने के लिए भी अब उन पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है। इन सब परिस्थितियों के चलते सीबीआई की टीम काम ही नहीं कर पा रही है।
इस मामले में कोर्ट ने शपथपत्र मांगा है एवं आश्वस्त किया है कि वो सरकार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।
भोपाल। भाजपा मेंं शिवराज गुट के नेता व्यापमं मामले में भले ही 1000 बार शिवराज को 'गंगा सा पवित्र' दोहराते रहें परंतु परिस्थियां लगातार शिवराज के दामन पर दाग लगा रहीं हैं। व्हिसल ब्लोअर को घूस का मामला स्वत: प्रमाणित हो चुका है, अब सीबीआई ने भी शिवराज सरकार को कटघरे में ला खड़ा किया। सीबीआई ने कोर्ट में बयान रिकार्ड कराया है कि शिवराज सरकार उन्हें जांच ही नहीं करने दे रही।
याद दिला दें कि इस मामले में शिवराज सिंह चौहान खुद को व्हिसल ब्लोअर और सीबीआई की जांच सौंपने की पहल करने वाला बताते हैं परंतु सीबीआई उन पर दखल देने का आरोप लगा रही है।
सीबीआई के डीएसपी राजीव चंदोला ने यह आरोप लगाए हैं। राजीव ने बताया कि सीबीआई को चंबल कॉलोनी में ऑफिस के लिए चार कमरे दिए गए थे। जिनमें अब सिर्फ दो ही बचे हैं क्योंकि जल संसाधन विभाग के इंजीनियर ने बाकी के दो कमरों पर ताले लगा दिए हैं।
जब उन्होंने इसकी वजह जाननी चाही तो इंजीनियर ने यह कह कर पल्ला झाड़ लिया कि रबी की फसल का सीजन शुरू होने जा रहा है, जिससे अधिकारियों का आना-जाना लगा रहेगा और इसके लिए उन्हें कमरे की जरूरत है।
गाड़ियों के बारे में भी सीबीआई डीएसपी ने बताया कि व्यापमं की जांच के लिए उन्हें गाड़ियों की भी जरूरत थी इस पर सरकार ने उन्हें खटारा गाड़ियां थमा दीं जो चलती कम हैं, रियेरिंग ज्यादा मांगती हैं।
कृषि विश्वविद्यालय के हॉस्टल में उन्हें रहने के लिए जो कमरे दिए गए हैं उन्हें खाली करने के लिए भी अब उन पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है। इन सब परिस्थितियों के चलते सीबीआई की टीम काम ही नहीं कर पा रही है।
इस मामले में कोर्ट ने शपथपत्र मांगा है एवं आश्वस्त किया है कि वो सरकार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।