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भोपाल। एक इंजीनियरिंग कॉलेज को गलत तरीके से जुर्माना राशि में छूट देने के मामले में जांच का सामना कर रहे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बाद अब आयुक्त राज्य निर्वाचन आयोग एवं पूर्व मुख्य सचिव आर परशुराम की भी शिकायत सामने आई है। शिकायत में एक नहीं दो कॉलेजों को अनाधिकृत फायदा पहुंचाने का उल्लेख किया गया है। आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) से की गई शिकायत के बाद अब फरियादी को बयानों के लिए बुलाया गया।
गौरतलब है कि आरकेडीएफ कालेज को अवैध तरीके से लाभ पहुंचाने के मामले में ईओडब्ल्यू ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व शिक्षा मंत्री राजा पटेरिया और आरकेडीएफ के संचालक सुनील कपूर के खिलाफ धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के तहत अपराध दर्ज किया है। शिकायतकर्ता राधावल्लभ शारदा ने ईओडब्ल्यू को की गई लिखित शिकायत में आरोप लगाया गया है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री, मंत्री के साथ तत्कालीन प्रमुख सचिव आर परशुराम और डायरेक्टर भाटिया भी लिप्त हैं। इन्होंने आरकेडीएफ कालेज के साथ सत्यसांई शिक्षण संस्थान को भी इसी तरह लाभ पहुंचाया है। शारदा ने आरोप लगाया है कि शुरूआत में फाइल में आरकेडीएफ का नाम चलता रहा, बाद में अधिकारियों ने उसमें सत्यसांई का भी नाम जोड़ दिया। इस तरह एक कालेज की जगह दो संस्थानों से ढाई-ढाई लाख रुपए जुर्माना वसूला गया। उन्होंने तत्कालीन सीएम, मंत्री और कालेज संचालक के साथ अधिकारियों के भूमिका की जांच की मांग की.
भोपाल। एक इंजीनियरिंग कॉलेज को गलत तरीके से जुर्माना राशि में छूट देने के मामले में जांच का सामना कर रहे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बाद अब आयुक्त राज्य निर्वाचन आयोग एवं पूर्व मुख्य सचिव आर परशुराम की भी शिकायत सामने आई है। शिकायत में एक नहीं दो कॉलेजों को अनाधिकृत फायदा पहुंचाने का उल्लेख किया गया है। आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) से की गई शिकायत के बाद अब फरियादी को बयानों के लिए बुलाया गया।
गौरतलब है कि आरकेडीएफ कालेज को अवैध तरीके से लाभ पहुंचाने के मामले में ईओडब्ल्यू ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व शिक्षा मंत्री राजा पटेरिया और आरकेडीएफ के संचालक सुनील कपूर के खिलाफ धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के तहत अपराध दर्ज किया है। शिकायतकर्ता राधावल्लभ शारदा ने ईओडब्ल्यू को की गई लिखित शिकायत में आरोप लगाया गया है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री, मंत्री के साथ तत्कालीन प्रमुख सचिव आर परशुराम और डायरेक्टर भाटिया भी लिप्त हैं। इन्होंने आरकेडीएफ कालेज के साथ सत्यसांई शिक्षण संस्थान को भी इसी तरह लाभ पहुंचाया है। शारदा ने आरोप लगाया है कि शुरूआत में फाइल में आरकेडीएफ का नाम चलता रहा, बाद में अधिकारियों ने उसमें सत्यसांई का भी नाम जोड़ दिया। इस तरह एक कालेज की जगह दो संस्थानों से ढाई-ढाई लाख रुपए जुर्माना वसूला गया। उन्होंने तत्कालीन सीएम, मंत्री और कालेज संचालक के साथ अधिकारियों के भूमिका की जांच की मांग की.