शाबास! विनय डेविड जनसम्पर्क द्वारा 300 करोड़ रुपए के घोटाले को न्याय के मंदिर तक ले जाने का प्रयास
सीजेएम भोपाल 2 मार्च को दायर इस्तगासे पर लेंगे कथन
मध्यप्रदेश का जनसम्पर्क विभाग पत्रकारिता के नाम पर भाई-भतीजावाद, कमीशन आधारित विज्ञापनवाद चहेतों को आर्थिक लाभ पहुंचाना तथा एक ही परिवार के कई सदस्यों को मीडिया अथवा पत्रकारिता के नाम पर विज्ञापन देकर स्वच्छ एवं सजग निर्भीक पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों को अपनी तलवार की धार के अधीन रखने के आरोप तो हमेशा लगते आए।
लोकायुक्त ने कई प्रकरणों में जांच भी की परंतु इस मामले में कभी भी दोषियों को सजा तो क्या देना बल्कि बेखौफ निर्भीक एवं सजग स्वच्छ पत्रकारिता करने वालों को दबाने का प्रयास किया गया। कई पत्रकार संगठनों ने समय-समय पर आंदोलन भी किए। परंतु ऐसे संगठनों में फूट डालकर आंदोलनों को उनके रास्ते से दूर करने की कोशिश भी की जाती रही है।
आखिरकार भोपाल के विनय डेविड पत्रकारों के वह सूरमा बन गए जिन्होंने विज्ञापन के नाम पर हुए इस पूरे तीन सौ करोड़ रुपए के घोटाले के विरुद्ध माननीय न्यायालय में सम्पूर्ण साक्ष्य सहित सीजेएम भोपाल न्यायालय में एक इस्तगासा दायर किया। एडवोकेट यावर खां तथा विनय डेविड के मुताबिक दायर इस्तगासे में प्रमुख सचिव एसके मिश्रा, आयुक्त जनसम्पर्क अनुपम राजन के अलावा दो अन्य के विरुद्ध 420, 467, 468, 120 बी की एफआईआर दर्ज करने के लिए निवेदन किया गया है।
अब सीजेएम भोपाल इस इस्तगासे में दो मार्च 2016 को इस्तगासे के समर्थन में सभी के कथन लेने उपरांत अपना निर्णय सुनाएंगे। फिलहाल इस दायर इस्तगासे से जहां पत्रकार जगत में खुशी की लहर दौड़कर निर्भीक एवं स्वच्छ, ईमानदार पत्रकारों का मनोबल बढ़ा है। वहीं 300 करोड़ के इस घोटाले में लिप्त सभी आरोपी इस इस्तगासे को मैनेज करने के प्रयास भी करने शुरु कर दिए हैं।
Sabhar -
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