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नई दिल्ली : विदेश मंत्रालय ने बैंको का कर्ज न चुकाने वाले शराब कारोबारी विजय माल्या का पासपोर्ट निलंबित कर दिया है। प्रवर्तन निदेशालय ने माल्या का पासपोर्ट निलंबित करने के लिए विदेश मंत्रालय ने सिफारिश की थी। ईडी की इस सिफारिश पर विदेश मंत्रालय ने यह कार्रवाई की है।
बैंकों का माल्या पर 9000 करोड़ रुपए का कर्ज बकाया है।
ईडी ने आईडीबीआई बैंक के 900 करोड़ रुपये के ऋण धोखाधड़ी मामले की मनी लांड्रिंग जांच में सहयोग न करने के आरोप में विदेश मंत्रालय को उनका पासपोर्ट निरस्त किये जाने के लिए लिखा था। माल्या इस मामले में तीन बार निदेशालय के समक्ष पेश होने में विफल रहे।
प्रवर्तन निदेशालय ने क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय (आरपीओ) को संकटग्रस्त उद्यमी के राजनयिक पासपोर्ट को रद्द करने की मांग की है क्योंकि माल्या जांचकर्ताओं को सहयोग नहीं दे रहे हैं। समझा जाता है कि एजेंसी ने माल्या के खिलाफ कथित ऋण धोखाधड़ी तथा चेक बाउंस के कई मामलों का जिक्र किया है। समझा जाता है कि माल्या 2 मार्च को अपने राजनयिक पासपोर्ट के जरिये ब्रिटेन चले गए। राज्यसभा का सदस्य होने की वजह से उन्हें इस प्रकार का पासपोर्ट जारी किया गया है।
सूत्रों ने कहा कि एजेंसी ने माल्या का पासपोर्ट रद्द किये जाने का आग्रह करते हुए विदेश मंत्रालय को बताया है कि माल्या को एजेंसी की ओर पर पूरा अवसर दिया गया। उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए तीन बार तारीखें दी गयीं इसके बावजूद उन्होंने जांच अधिकारी (आईओ) के साथ सहयोग नहीं किया। इससे इस मामले में जांच आगे बढ़ाने में विलंब हो रहा है। पासपोर्ट कानून के तहत जब किसी व्यक्ति को राजनयिक पासपोर्ट जारी किया जाता है, उनका नियमित यात्रा दस्तावेज जमा कर लिया जाता है। जब राजनयिक पासपोर्ट को निरस्त किया जाता है तो वह दस्तावेज भी रद्द हो जाता है।
सूत्रों ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय के आग्रह को मंजूरी के बाद विदेश मंत्रालय ब्रिटेन के अधिकारियों को इसके बारे में सूचित करेगा और उनके भारत प्रत्यर्पण का आग्रह करेगा। आईडीबीआई के 900 करोड़ रुपये के ऋण धोखाधड़ी मामले में माल्या मुंबई में ईडी के जांच अधिकारी के समक्ष तीन पर पेश होने में विफल रहे। केंद्रीय जांच एजेंसी मनी लांड्रिंग रोधक कानून (पीएमएलए) के तहत इस मामले की जांच कर रही है।
पेशी के लिए माल्या को तीन बार बुलाया था, लेकिन नहीं आए
माल्या को तीन बार 18 मार्च, 2 अप्रैल तथा 9 अप्रैल को ईडी के समक्ष बुलाया गया था, लेकिन तीनों ही बार वह व्यक्ति रूप से पेश नहीं हुए। इसके लिए उन्होंने उच्चतम न्यायालय में रिण के निपटान के लिए चल रही मौजूदा कानूनी प्रक्रियाओं का हवाला दिया। हालांकि समझा जाता है कि माल्या ने कहा है कि इस मामले की जांच को आगे बढ़ाने में उनकी कानूनी टीम ईडी का सहयोग कर सकती है। माल्या का पासपोर्ट रद्द होने पर ईडी सक्षम अदालत से उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने का आवेदन कर सकता है और इंटरपोल से उनके नाम का रेड कार्नर नोटिस जारी करा सकता है। उसके आधार पर उन्हें दुनिया में कहीं भी गिरफ्तार किया जा सकता है।
नई दिल्ली : विदेश मंत्रालय ने बैंको का कर्ज न चुकाने वाले शराब कारोबारी विजय माल्या का पासपोर्ट निलंबित कर दिया है। प्रवर्तन निदेशालय ने माल्या का पासपोर्ट निलंबित करने के लिए विदेश मंत्रालय ने सिफारिश की थी। ईडी की इस सिफारिश पर विदेश मंत्रालय ने यह कार्रवाई की है।
बैंकों का माल्या पर 9000 करोड़ रुपए का कर्ज बकाया है।
ईडी ने आईडीबीआई बैंक के 900 करोड़ रुपये के ऋण धोखाधड़ी मामले की मनी लांड्रिंग जांच में सहयोग न करने के आरोप में विदेश मंत्रालय को उनका पासपोर्ट निरस्त किये जाने के लिए लिखा था। माल्या इस मामले में तीन बार निदेशालय के समक्ष पेश होने में विफल रहे।
प्रवर्तन निदेशालय ने क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय (आरपीओ) को संकटग्रस्त उद्यमी के राजनयिक पासपोर्ट को रद्द करने की मांग की है क्योंकि माल्या जांचकर्ताओं को सहयोग नहीं दे रहे हैं। समझा जाता है कि एजेंसी ने माल्या के खिलाफ कथित ऋण धोखाधड़ी तथा चेक बाउंस के कई मामलों का जिक्र किया है। समझा जाता है कि माल्या 2 मार्च को अपने राजनयिक पासपोर्ट के जरिये ब्रिटेन चले गए। राज्यसभा का सदस्य होने की वजह से उन्हें इस प्रकार का पासपोर्ट जारी किया गया है।
सूत्रों ने कहा कि एजेंसी ने माल्या का पासपोर्ट रद्द किये जाने का आग्रह करते हुए विदेश मंत्रालय को बताया है कि माल्या को एजेंसी की ओर पर पूरा अवसर दिया गया। उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए तीन बार तारीखें दी गयीं इसके बावजूद उन्होंने जांच अधिकारी (आईओ) के साथ सहयोग नहीं किया। इससे इस मामले में जांच आगे बढ़ाने में विलंब हो रहा है। पासपोर्ट कानून के तहत जब किसी व्यक्ति को राजनयिक पासपोर्ट जारी किया जाता है, उनका नियमित यात्रा दस्तावेज जमा कर लिया जाता है। जब राजनयिक पासपोर्ट को निरस्त किया जाता है तो वह दस्तावेज भी रद्द हो जाता है।
सूत्रों ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय के आग्रह को मंजूरी के बाद विदेश मंत्रालय ब्रिटेन के अधिकारियों को इसके बारे में सूचित करेगा और उनके भारत प्रत्यर्पण का आग्रह करेगा। आईडीबीआई के 900 करोड़ रुपये के ऋण धोखाधड़ी मामले में माल्या मुंबई में ईडी के जांच अधिकारी के समक्ष तीन पर पेश होने में विफल रहे। केंद्रीय जांच एजेंसी मनी लांड्रिंग रोधक कानून (पीएमएलए) के तहत इस मामले की जांच कर रही है।
पेशी के लिए माल्या को तीन बार बुलाया था, लेकिन नहीं आए
माल्या को तीन बार 18 मार्च, 2 अप्रैल तथा 9 अप्रैल को ईडी के समक्ष बुलाया गया था, लेकिन तीनों ही बार वह व्यक्ति रूप से पेश नहीं हुए। इसके लिए उन्होंने उच्चतम न्यायालय में रिण के निपटान के लिए चल रही मौजूदा कानूनी प्रक्रियाओं का हवाला दिया। हालांकि समझा जाता है कि माल्या ने कहा है कि इस मामले की जांच को आगे बढ़ाने में उनकी कानूनी टीम ईडी का सहयोग कर सकती है। माल्या का पासपोर्ट रद्द होने पर ईडी सक्षम अदालत से उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने का आवेदन कर सकता है और इंटरपोल से उनके नाम का रेड कार्नर नोटिस जारी करा सकता है। उसके आधार पर उन्हें दुनिया में कहीं भी गिरफ्तार किया जा सकता है।