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भाजपा में सुलग रही बगावत की आग
इंदौर (ईएमएस) इंदौर के वरिष्ठ भाजपा नेता सत्यनारायण सत्तन द्वारा एक कविता लिखी गयी हैं जिसने सोशल मीडिया पे काफी हलचल मचा दिया है। उसका कारण यह है कि यह कविता उन्होंने ने अपनी ही सरकार पे प्रहार करने हेतु लिखी है। मध्य प्रदेश भाजपा ने इस पूरे मामले पे चुप्पी साध ली है लेकिन सोशल मीडिया के बाशिंदे जम कर सरकार की चुटकी ले रहे हैं। वहीँ दूसरी ओर मध्य प्रदेश कांग्रेस के कुछ नेताओं ने इसे भाजपा के अन्दर चल रही बगावत से जोड़ दिया है। और सच हे एक सत्य यह भी है।।
अब मामला जो भी हो, लेकिन कविता काफी दिलचस्प है और प्रदेश तथा केंद्र सरकार को आईना दिखा रही है:
वोट दिया जिनको वो मेरा ही घर तुड़वाते हैं,
लाखों में खुद का वेतन कर सुख की बीन बजाते हैं,
नारा है स्मार्ट सिटी सुन्दर शहर बनाने का,
खुद अमृत पी काम करे जनता को जहर पिलाने का,
कुतुब मीनार से भी ऊंचे दाम यहाँ पर दाल के,
ऐसी कैसी करे व्यवस्था बेटे दीनदयाल के,
पुरखों के जिस घर में भैया खेल कूद कर बड़े हुए,
उस घर के दरवाज़े पर शाही बुलडोज़र खड़े हुए,
अलप्जनों को मुआवजे दे बहुजनों को टरकाते हैं,
बड़े राष्ट्रवादी बनते भारत रक्षक कहलाते हैं,
जो सैनिक आतंकवादीयों से लड़कर मर जाते हैं,
उनको दे दस पांच लाख कर्तव्य मुक्त हो जाते हैं,
कर्ज में प्रदेश है पर यह मृग लेकर घी पीते हैं,
दीन दुखी पीड़ित जनता के होते रोज फजिते हैं,
असेंबली पार्लियामेंट में ये अपना सुख खोज रहे,
जनता जाये भाड़ में लेकिन इनकी बनती मौज रहे,
नाम गरीबी का लेकर ये वोट मांगने आते हैं,
मिटती नहीं गरीबी पर गरीब लोग मिट जाते हैं,
जानबूझ अनजान बने ये आँखों वाले अंधे हैं,
कशमीरी शासन में अब श्यामा प्रसाद के बंदे है,
भारत माँ की जय नहीं बोलते कुछ गद्दार यहाँ,
चीन और पाकिस्तानी करते रहते संहार यहाँ,
घर के और बाहर के दुश्मन पर ये वार नहीं करते,
केवल 56 इंची सीना तान विदेशों में ये फिरते,
केवल नोट प्राप्त करने को सपने कई दिखाये हैं,
खेलो कूदो मौज मनाओ ये अच्छे दिन आये हैं,
मोक्ष पाओ भागवत सुनो भारत माता की जय बोलो,
जैसी करनी वैसी भरनी सबको मन ही मन रो लो।
भाजपा में सुलग रही बगावत की आग
इंदौर (ईएमएस) इंदौर के वरिष्ठ भाजपा नेता सत्यनारायण सत्तन द्वारा एक कविता लिखी गयी हैं जिसने सोशल मीडिया पे काफी हलचल मचा दिया है। उसका कारण यह है कि यह कविता उन्होंने ने अपनी ही सरकार पे प्रहार करने हेतु लिखी है। मध्य प्रदेश भाजपा ने इस पूरे मामले पे चुप्पी साध ली है लेकिन सोशल मीडिया के बाशिंदे जम कर सरकार की चुटकी ले रहे हैं। वहीँ दूसरी ओर मध्य प्रदेश कांग्रेस के कुछ नेताओं ने इसे भाजपा के अन्दर चल रही बगावत से जोड़ दिया है। और सच हे एक सत्य यह भी है।।
अब मामला जो भी हो, लेकिन कविता काफी दिलचस्प है और प्रदेश तथा केंद्र सरकार को आईना दिखा रही है:
वोट दिया जिनको वो मेरा ही घर तुड़वाते हैं,
लाखों में खुद का वेतन कर सुख की बीन बजाते हैं,
नारा है स्मार्ट सिटी सुन्दर शहर बनाने का,
खुद अमृत पी काम करे जनता को जहर पिलाने का,
कुतुब मीनार से भी ऊंचे दाम यहाँ पर दाल के,
ऐसी कैसी करे व्यवस्था बेटे दीनदयाल के,
पुरखों के जिस घर में भैया खेल कूद कर बड़े हुए,
उस घर के दरवाज़े पर शाही बुलडोज़र खड़े हुए,
अलप्जनों को मुआवजे दे बहुजनों को टरकाते हैं,
बड़े राष्ट्रवादी बनते भारत रक्षक कहलाते हैं,
जो सैनिक आतंकवादीयों से लड़कर मर जाते हैं,
उनको दे दस पांच लाख कर्तव्य मुक्त हो जाते हैं,
कर्ज में प्रदेश है पर यह मृग लेकर घी पीते हैं,
दीन दुखी पीड़ित जनता के होते रोज फजिते हैं,
असेंबली पार्लियामेंट में ये अपना सुख खोज रहे,
जनता जाये भाड़ में लेकिन इनकी बनती मौज रहे,
नाम गरीबी का लेकर ये वोट मांगने आते हैं,
मिटती नहीं गरीबी पर गरीब लोग मिट जाते हैं,
जानबूझ अनजान बने ये आँखों वाले अंधे हैं,
कशमीरी शासन में अब श्यामा प्रसाद के बंदे है,
भारत माँ की जय नहीं बोलते कुछ गद्दार यहाँ,
चीन और पाकिस्तानी करते रहते संहार यहाँ,
घर के और बाहर के दुश्मन पर ये वार नहीं करते,
केवल 56 इंची सीना तान विदेशों में ये फिरते,
केवल नोट प्राप्त करने को सपने कई दिखाये हैं,
खेलो कूदो मौज मनाओ ये अच्छे दिन आये हैं,
मोक्ष पाओ भागवत सुनो भारत माता की जय बोलो,
जैसी करनी वैसी भरनी सबको मन ही मन रो लो।