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इंदौर। नागदा से इंदौर आ रही पैसेंजर ट्रेन में उस वक्त बड़ा दर्दनाक हादसा हो गया, जब ट्रेन अपनी रफ्तार में थी और लोग इंदौर पहुंचने ही वाले थे। गनीमत रही कि हादसा इतना बड़ा नहीं हुआ वरना कुछ लोगों की जान भी जा सकती थी। मंगलवार देर रात पुलिस के जवान तीन लोगों को जख्मी हालत में एमवायएच लेकर आए। घायल खंडवा का रहने वाला 42 वर्षीय जय सिंह, उत्तर प्रदेश का राम अवतार और नागदा का इकबाल हुसैन था। इनके अलावा तीन और जख्मी है, जो निजी अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं। सभी यात्री उज्जैन सिंहस्थ से इंदौर लौट रहे थे। कुछ लोगों के हाथ और कोहनी खिड़की में हलके से बाहर थे। देर रात लक्षमीबाइ नगर स्टेशन से मामांगलिया के बीच कोच के बाहर एक पोल लोगो के हाथों से टकरा गया। सभी के हाथों की हड्डियां टूट गई। गनीमत रही कि कोई बच्चा बाहर नहीं झांक रहाथा या कोई गेट से, वरना गर्दन भी कट सकती थी। घटना के बाद भी ट्रेन नही रुकी। लोग कराहते रहे और ट्रेन सीधे इंदौर रेलवे स्टेशन आकर रुकी। लोगों का कहना है कि सिंगल की कोई रॉड बाहर की तरफ निकली थी जिससे यह हादसा हुआ। यह रेलवे की खासी लापरवाही है, जिससे लोगों की जान भी जा सकती है।
इंदौर। नागदा से इंदौर आ रही पैसेंजर ट्रेन में उस वक्त बड़ा दर्दनाक हादसा हो गया, जब ट्रेन अपनी रफ्तार में थी और लोग इंदौर पहुंचने ही वाले थे। गनीमत रही कि हादसा इतना बड़ा नहीं हुआ वरना कुछ लोगों की जान भी जा सकती थी। मंगलवार देर रात पुलिस के जवान तीन लोगों को जख्मी हालत में एमवायएच लेकर आए। घायल खंडवा का रहने वाला 42 वर्षीय जय सिंह, उत्तर प्रदेश का राम अवतार और नागदा का इकबाल हुसैन था। इनके अलावा तीन और जख्मी है, जो निजी अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं। सभी यात्री उज्जैन सिंहस्थ से इंदौर लौट रहे थे। कुछ लोगों के हाथ और कोहनी खिड़की में हलके से बाहर थे। देर रात लक्षमीबाइ नगर स्टेशन से मामांगलिया के बीच कोच के बाहर एक पोल लोगो के हाथों से टकरा गया। सभी के हाथों की हड्डियां टूट गई। गनीमत रही कि कोई बच्चा बाहर नहीं झांक रहाथा या कोई गेट से, वरना गर्दन भी कट सकती थी। घटना के बाद भी ट्रेन नही रुकी। लोग कराहते रहे और ट्रेन सीधे इंदौर रेलवे स्टेशन आकर रुकी। लोगों का कहना है कि सिंगल की कोई रॉड बाहर की तरफ निकली थी जिससे यह हादसा हुआ। यह रेलवे की खासी लापरवाही है, जिससे लोगों की जान भी जा सकती है।