अरुण दीक्षित, भोपाल // TOC NEWS
जेल से भागे सिमी आतंकियों के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद एक सवाल यह भी खड़ा हुआ है कि आखिर इनाम की राशि का असली हकदार कौन है? आतंकियों के फरार होने के बाद सरकार की ओर से उनके सिर पर 5-5 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। कुछ ही घंटों में उनके मारे जाने के बाद यह सवाल इसलिए उठा क्योंकि गांव वालों का दावा है कि उन्होंने पुलिस को सूचना दी। उसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंच कर एनकाउंटर किया। जबकि पुलिस अफसरों का कहना है कि उनके मुखबिरों ने उन्हें आतंकियों के बारे में सूचना दी थी।
आतंकी रात को 2 बजे के बाद जेल से फरार हुए थे। सबेरे तक चारों ओर खबर फैली। इसी बीच सरकार ने आतंकवादियों के सिर पर 5-5 लाख रुपये का इनाम घोषित कर दिया। इनाम की घोषणा के कुछ घंटे बाद वे मारे गए। अचारपुरा और मणिखेड़ा गांव के लोगों ने मीडिया को बताया कि उन्होंने ही पुलिस को सूचना दी। जबकि भोपाल के पुलिस अफसरों का कहना था कि उन्हें नेटवर्क से सूचना मिली कि आतंकी वहां छुपे हुए हैं।
इस बारे में जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से पूछा गया तो उनका कहना था कि अभी इस बारे में कुछ भी कहना ठीक नहीं है, लेकिन अगर गांव वालों ने सूचना दी है तो उनका हक नहीं मारा जाएगा, लेकिन यह फैसला बाद में होगा। उधर, आला अफसर इस पूरे मामले पर मुंह बंद किए हुए हैं और लाखों रुपये इनाम मिलने की खबर पाने के बाद गांव के लोग एनकाउंटर के किस्से इस तरह सुना रहे हैं, जैसे उन्होंने खुद ही एनकाउंटर किया हो। देखना यह है कि सरकार 40 लाख रुपये का इनाम किसको देती है।