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नरसिंहपुर, नौका दुर्घटना जनहानि को रोकने और लोक, शांति एवं कानून व्यवस्था बनाये रखने के उद्देश्य से जिला दंडाधिकारी डॉ. आर.आर. भोंसले ने जिले में किसी भी नदी तालाब एवं अन्य जल रुाोतों में डोंगी (छोटी नौका) से सवारी ढोना प्रतिबंधित किया है। इस संबंध में जिला दंडाधिकारी द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया गया है।
यह आदेश नरसिंहपुर जिले के सम्पूर्ण सीमा क्षेत्र में तत्काल प्रभावशील होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 188 के तहत दंडनीय होगा इस सिलसिले में जारी आदेश में कहा गया है कि सवारी ढोने हेतु केवल बड़ी नौका का उपयोग किया जावे। नौकाओं की उपयुक्तता का परीक्षण करने के लिए प्रत्येक अनुविभाग में अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग (भध्स), अनुविभागीय अधिकारी, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग एवं जिला मत्स्य अधिकारी की एक समिति का गठन किया गया है। इस समिति द्वारा प्रत्येक नौका की उपयुक्तता का परीक्षण कर उपयुक्तता प्रमाण पत्र जारी किया जायेगा केवल वे ही व्यक्ति नौका का संचालन कर सकेंगे, जिनका पंजीयन संबंधित जनपद पंचायत के कार्यालय में होगा एवं जिनके पास उक्त समिति द्वारा जारी नौका का उपयुक्तता का प्रमाण पत्र होगा।
समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को संबंधित क्षेत्र में नौका चलाने वाले व्यक्तियों एवं नौका का पंजीयन करने के लिए अधिकृत किया गया है। वे संबंधित व्यक्तियों एवं नौकाओं का पंजीयन करेंगे तथा एक पंजीयन प्रमाण पत्र जारी करेंगे, जिसमें व्यक्ति का पूरा नाम, पता, मोबाइल नम्बर, नौका संचालन करने वाले व्यक्ति एवं नौका का पंजीयन क्रमांक, नौका में बैठने वाले व्यक्तियों की क्षमता, नदी का नाम, पंजीयन प्रमाण पत्र की अवधि आदि का पूरा ब्यौरा दर्ज रहेगा।
पंजीयन प्रमाण पत्र केवल एक वर्ष के लिए जारी किया जायेगा। इसके बाद आगामी वर्षों के लिए उसका नवीनीकरण किया जा सकेगा। नवीनीकरण एक बार में केवल एक वर्ष के लिए किया जायेगा प्रत्येक नौका में पंजीयन क्रमांक, पंजीयन की अवधि, नौका चलाने हेतु पंजीकृत व्यक्ति का नाम एवं पता, उसका मोबाइल नम्बर, नदी का नाम, नौका में बैठने वाले व्यक्तियों की क्षमता एवं नदी पार कराने का शुल्क आदि का लाल स्याही से स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जायेगा।
पंजीकृत व्यक्ति के अलावा अन्य व्यक्ति द्वारा नौका का संचालन अवैध माना जायेगा। प्रत्येक नौका में व्यक्तियों की बैठने की क्षमता की संख्या के अनुसार लाईफ जैकेट अनिवार्य रूप से रखी जायेगी नौका घाट नीलामी में केवल पंजीकृत व्यक्ति ही भाग ले सकेंगे। प्रत्येक नौका घाट के दोनों किनारों पर अधिकृत गोताखोर अनिवार्य रूप से नियुक्त किये जायेंगे। यह कार्रवाई डिस्ट्रिक्ट कमान्डेंट होमगार्ड द्वारा की जायेगी। प्रत्येक नौका घाट पर निगरानी के लिए पुलिस बल की ड्यूटी लगाई जायेगी, जो दुर्घटना रोकने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक द्वारा की जायेगी उक्त कार्य की निगरानी एवं नियंत्रण के लिए जिला दंडाधिकारी द्वारा सभी अनुविभागों में अनुविभागीय दंडाधिकारी, तहसीलदार अतिरिक्त तहसीलदार या नायब तहसीलदार, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत की एक समिति का गठन किया गया है। यह समिति नौका दुर्घटनायें रोकने के लिए आवश्यक निर्णय लेकर उनका पालन सुनिश्चित करायेगी संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा नौका घाट में इस आदेश का बोर्ड अनिवार्य रूप से लगाया जायेगा। संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच द्वारा ग्राम में इस आदेश की प्रति सूचना पटल पर लगाई जायेगी और इसका प्रचार प्रसार किया जायेगा
नरसिंहपुर, नौका दुर्घटना जनहानि को रोकने और लोक, शांति एवं कानून व्यवस्था बनाये रखने के उद्देश्य से जिला दंडाधिकारी डॉ. आर.आर. भोंसले ने जिले में किसी भी नदी तालाब एवं अन्य जल रुाोतों में डोंगी (छोटी नौका) से सवारी ढोना प्रतिबंधित किया है। इस संबंध में जिला दंडाधिकारी द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया गया है।
यह आदेश नरसिंहपुर जिले के सम्पूर्ण सीमा क्षेत्र में तत्काल प्रभावशील होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 188 के तहत दंडनीय होगा इस सिलसिले में जारी आदेश में कहा गया है कि सवारी ढोने हेतु केवल बड़ी नौका का उपयोग किया जावे। नौकाओं की उपयुक्तता का परीक्षण करने के लिए प्रत्येक अनुविभाग में अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग (भध्स), अनुविभागीय अधिकारी, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग एवं जिला मत्स्य अधिकारी की एक समिति का गठन किया गया है। इस समिति द्वारा प्रत्येक नौका की उपयुक्तता का परीक्षण कर उपयुक्तता प्रमाण पत्र जारी किया जायेगा केवल वे ही व्यक्ति नौका का संचालन कर सकेंगे, जिनका पंजीयन संबंधित जनपद पंचायत के कार्यालय में होगा एवं जिनके पास उक्त समिति द्वारा जारी नौका का उपयुक्तता का प्रमाण पत्र होगा।
समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को संबंधित क्षेत्र में नौका चलाने वाले व्यक्तियों एवं नौका का पंजीयन करने के लिए अधिकृत किया गया है। वे संबंधित व्यक्तियों एवं नौकाओं का पंजीयन करेंगे तथा एक पंजीयन प्रमाण पत्र जारी करेंगे, जिसमें व्यक्ति का पूरा नाम, पता, मोबाइल नम्बर, नौका संचालन करने वाले व्यक्ति एवं नौका का पंजीयन क्रमांक, नौका में बैठने वाले व्यक्तियों की क्षमता, नदी का नाम, पंजीयन प्रमाण पत्र की अवधि आदि का पूरा ब्यौरा दर्ज रहेगा।
पंजीयन प्रमाण पत्र केवल एक वर्ष के लिए जारी किया जायेगा। इसके बाद आगामी वर्षों के लिए उसका नवीनीकरण किया जा सकेगा। नवीनीकरण एक बार में केवल एक वर्ष के लिए किया जायेगा प्रत्येक नौका में पंजीयन क्रमांक, पंजीयन की अवधि, नौका चलाने हेतु पंजीकृत व्यक्ति का नाम एवं पता, उसका मोबाइल नम्बर, नदी का नाम, नौका में बैठने वाले व्यक्तियों की क्षमता एवं नदी पार कराने का शुल्क आदि का लाल स्याही से स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जायेगा।
पंजीकृत व्यक्ति के अलावा अन्य व्यक्ति द्वारा नौका का संचालन अवैध माना जायेगा। प्रत्येक नौका में व्यक्तियों की बैठने की क्षमता की संख्या के अनुसार लाईफ जैकेट अनिवार्य रूप से रखी जायेगी नौका घाट नीलामी में केवल पंजीकृत व्यक्ति ही भाग ले सकेंगे। प्रत्येक नौका घाट के दोनों किनारों पर अधिकृत गोताखोर अनिवार्य रूप से नियुक्त किये जायेंगे। यह कार्रवाई डिस्ट्रिक्ट कमान्डेंट होमगार्ड द्वारा की जायेगी। प्रत्येक नौका घाट पर निगरानी के लिए पुलिस बल की ड्यूटी लगाई जायेगी, जो दुर्घटना रोकने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक द्वारा की जायेगी उक्त कार्य की निगरानी एवं नियंत्रण के लिए जिला दंडाधिकारी द्वारा सभी अनुविभागों में अनुविभागीय दंडाधिकारी, तहसीलदार अतिरिक्त तहसीलदार या नायब तहसीलदार, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत की एक समिति का गठन किया गया है। यह समिति नौका दुर्घटनायें रोकने के लिए आवश्यक निर्णय लेकर उनका पालन सुनिश्चित करायेगी संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा नौका घाट में इस आदेश का बोर्ड अनिवार्य रूप से लगाया जायेगा। संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच द्वारा ग्राम में इस आदेश की प्रति सूचना पटल पर लगाई जायेगी और इसका प्रचार प्रसार किया जायेगा