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कई बार शादीयों में एेसा कुछ हो जाता है कि शादी को टूटने में देर नहीं लगती। एेसा ही कुछ यूपी के मेरठ में एक शादी के दौरान उस समय हंगामा हो गया जब फेरों से पहले पता चला कि दूल्हा नेत्रहीन है और धोखे से उसकी शादी की जा रही थी। लेकिन मामला खुलते ही दुल्हन ने शादी करने से इंकार कर दिया।
इतना ही नहीं मामला सामने आते ही लड़की पक्ष ने हंगामा करते हुए बारात को बंधक बना लिया। दुल्हन के परिजनों का कहना है कि विवाह समारोह में करीब साढ़े चार लाख रुपए खर्च हुए हैं, जिसे लड़के पक्ष को वापस देना होगा।दोनों पक्षों के बीच देर रात तक बातचीत चलती रही, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। इस बीच सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस भी मामले की जांच में जुट गई है।
दरअसल मामला टीपीनगर क्षेत्र के अम्बेडकर नगर नई बस्ती का है। यहां रहने वाले रतनलाल ने अपनी पुत्री रूबी का रिश्ता खरखौदा क्षेत्र के गांव आढ़ निवासी राजवीर के पुत्र संजय से किया था।शादी 1 मार्च को तय थी। समय अनुसार संजय की बारात ढोल-ताशो के साथ विवाह स्थल पर पहुंची। लड़की पक्ष को शक तब हुआ जब रात में भी दूल्हे ने काला चश्मा पहना हुआ था।
दुल्हन के परिजनों ने बताया कि दुल्हे के रूप में आए संजय ने आंखों पर काला चश्मा लगा रखा था और उसकी गतिविधियां भी संदिग्ध थी। संजय को उसके दोस्त लेकर चल रहे थे और ऐसा लग रहा था जैसे वे उसे रास्ता बता रहे हैं। इसके बाद घरातियों और दुल्हन के रिश्तेदारों में सुगबुगाहट होनी शुरू हो गई।
बारात आने के बाद जयमाला के साथ-साथ अन्य रस्में भी हुई, लेकिन दूल्हे की आंखों से काला चश्मा नहीं उतरा। दुल्हन के परिजनों को शक होने लगा, लेकिन कोई कुछ नहीं बोला। इसी बीच फेरों का समय आ गया। फेरे लेते वक्त दूल्हा खंभे से टकरा गया। दूल्हे के खंभे से टकराते ही वहां मौजूद लोगों ने उसको पकड़ लिया। काला चश्मा उतरते ही दूल्हे ने कह दिया कि वह अंधा है।
आवाज दुल्हन के कानों तक पहुंची और उसने शादी से इंकार कर दिया। बस फिर क्या था बारात को बंधक बना लिया गया। दुल्हन के परिजनों ने दूल्हे के परिजनों पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि रिश्ता होते समय किसी और को दिखाया और दूल्हा बनकर कोई और आया। इसके बाद देर रात तक जमकर हंगामा हुआ और दुल्हन वाले अब शादी में खर्च हुए साढ़े चार लाख रुपयों की मांग पर अड़े रहे।
रोध करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर पर जूते मारने को कहा। इसके बाद कुछ कार्यकर्ता बिना देर किए वहां प्रधानमंत्री की तस्वीर पर जूते मारने लगे।