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जबलपुर। कलेक्टर महेशचन्द्र चौधरी ने कहा कि हमें सबसे पहले अपने दफ्तर, फिर अपने घर और इसके बाद अपने परिवेश को स्वच्छ बनाने के लिए पहल करनी चाहिए। उन्होंने स्वच्छ भारत अभियान पर चर्चा के दौरान सभी अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे आने वाले छ: महीनों में पूरे जिले को खुले में शौच से मुक्त बनाने के महती कार्य में भरपूर योगदान देंगे। श्री चौधरी आज यहां विकास कार्यों की समीक्षा बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान की कामयाबी सुनिश्चित करने के लिए अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों का सहयोग लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अभियान की सफलता बड़ी सीमा तक इसके लिए उपयुक्त माहौल तैयार किए जाने पर निर्भर करती है। यह जरूरी है कि माहौल बनाने के लिए सभी अपना योगदान दें। कलेक्टर ने इसके लिए राजस्व विभाग तथा विकास से जुड़े अधिकारियों की भूमिका के महत्व पर प्रकाश डाला और इन अधिकारियों के बीच पारस्परिक तालमेल पर जोर दिया।
बैठक में सीईओ जिला पंचायत हर्षिका सिंह ने बताया कि जबलपुर और कुण्डम जनपद ओडीएफ की ओर अग्रसर हैं। कलेक्टर श्री चौधरी ने बैठक में मौजूद अनुविभागीय अधिकारियों एवं जनपद सीईओ से उनके क्षेत्रों में स्वच्छ भारत अभियान की प्रगति की जानकारी ली। बैठक में बताया गया कि जबलपुर नगर निगम सहित जिले के सभी नगरीय निकाय ओडीएफ हो चुके हैं। श्री चौधरी ने ग्रामीण क्षेत्रों को ओडीएफ बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों विशेष रूप से ग्राम पंचायतों के पंच-सरपंचों का सहयोग हासिल करने की जरूरत बताई। कलेक्टर ने कहा कि ओडीएफ हो चुके नगरीय निकायों में साफ-सफाई और शौचालय निर्माण पर लगातार ध्यान दिया जाना चाहिए क्योंकि यह एक सतत् प्रक्रिया है।
बैठक में जानकारी दी गई कि जिले का आदिवासी ब्लॉक कुण्डम ओडीएफ बनने की दिशा में सबसे आगे है। कलेक्टर श्री चौधरी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि 31 अक्टूबर तक कुण्डम को खुले में शौच से मुक्त घोषित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं। विभिन्न जनपदों में इस काम के लिए ग्रामीण विकास के अलावा महिला एवं बाल विकास तथा शिक्षा विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों का सहयोग हासिल कर कार्य को गति प्रदान की जाए। बैठक में मौजूद विभिन्न जनपद पंचायतों के सीईओ ने भरोसा दिलाया कि वे उनकी जनपद पंचायत को शीघ्रतिशीघ्र ओडीएफ बनाने की दिशा में प्राण-प्रण से प्रयास करेंगे।
बैठक में दौरान सीईओ जिला पंचायत ने प्रधानमंत्री आवास निर्माण योजना की प्रगति का ब्यौरा प्रस्तुत किया। इस पर कलेक्टर श्री चौधरी ने जनपद सीईओ से चर्चा करते हुए कहा कि वे अधूरे आवासों को तेजी से पूरा करने की दिशा में गंभीर प्रयास करें ताकि उन आवासों में दीपावली के पावन अवसर पर हितग्राहियों का गृहप्रवेश कराया जा सके। कलेक्टर ने कहा कि नए आवास का आधिपत्य देने के लिए इससे बेहतर मौका दूसरा नहीं हो सकता। इस सिलसिले में प्रत्येक जनपद पंचायत के सीईओ से बातचीत करते हुए आवास बनाकर तैयार कर देने के लक्ष्य भी निर्धारित कर दिए जिनका कुल योग 3 हजार 350 है। कलेक्टर श्री चौधरी ने राजस्व अधिकारियों को हिदायत दी कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास निर्माण कार्य में रेत की कमी न आने दी जाए और र्इंटों की भी पर्याप्त उपलब्धता बनी रहना सुनिश्चित किया जाए।
बैठक में बच्चों को दिए जाने वाले मध्यान्ह भोजन से सम्बन्धित विभिन्न पहलुओं पर भी चर्चा हुई। कलेक्टर ने राजस्व विभाग के अधिकारियों तथा नगरीय निकायों के सीएमओ को निर्देशित किया कि वे मध्यान्ह भोजन से जुड़ी व्यवस्थाओं का समय-समय पर निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। रिपोर्ट में सामने आने वाली गड़बड़ी के दोषियों पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
बैठक में मिशन अन्त्योदय के तहत उठाए जा रहे कदमों के बारे में भी चर्चा की गई। जनपद पंचायतों के सीईओ ने बताया कि मिशन अन्त्योदय के लिए 5-6 विभागों के क्लस्टर बनाए गए हैं। कलेक्टर श्री चौधरी ने निर्देश दिए कि मैदानी अधिकारी मिशन के संदर्भ में अपनी उपयोगी भागीदारी सुनिश्चित करें। श्री चौधरी ने जनपद सीईओ और नगरीय निकाय के सीएमओ से अपेक्षा की कि वे पेंशन की पात्रता के मापदण्डों के अनुरूप लोगों को पेंशन दिलवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में अपात्र व्यक्तियों के नाम सम्बन्धित सूची से हटाए जाने चाहिए और पात्र व्यक्तियों के नाम जरूरी तौर पर जोड़े जाने चाहिए।
बैठक के दौरान श्री चौधरी ने सीएम हैल्पलाइन के प्रकरणों के निराकरण की भी समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
बैठक में अपर कलेक्टर छोटे सिंह, आनंद कोपरिहा व संजना जैन तथा सभी अनुविभागीय अधिकारी, सम्बन्धित विभाग प्रमुख तथा सभी नगरीय निकाय अधिकारी मौजूद थे।