खंडवा/हरसूद । तहसील का एकमात्र सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र पिछले कई वर्षो से अव्यवस्था का शिकार है। 30 बेड का यह सामुदायिक केंद्र केवल तीन डॉक्टरों के भरोसे चल रहा है। जिसमें एक डॉक्टर आशीषराज मिश्रा को सप्ताह में तीन दिन किल्लौद जाना पड़ता है। पूरी तहसील में एक महिला चिकित्सक नीलम मिश्रा है उन्हें जहां जरूरत होती है वहां जाना पड़ता है।
तीसरे डॉक्टर बीएमओ महेश जैन हैं जिन पर कार्य का अतिरिक्त भार होने से वे ज्यादा मिटिंग में ही बिजी रहते है। इस सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र में प्रतिदिन सैकड़ों मरीज अपना इलाज कराने पहुंचते है, परंतु डॉक्टर व अन्य स्टॉफ की कमी के कारण अधिकतर मरीजों को जिला अस्पताल जाना पड़ रहा है। इमरजेंसी व एक्सीडेन्ट के केसेस को तो देखते ही जिला अस्पताल रैफर कर दिया जाता है।
स्टाप की कमी से जुझ रहा सामुदायिक केंद्र
यहां डाक्टरों के 11 पद स्वीकृत हैं परंतु वर्तमान में केवल 3 ही यहां मौजूद हैं। एएनएम के पद 20 है वर्तमान में 16 ही हैं। फार्मासिस्ट के 2 पद है अभी 1 ही है। एक्स-रे विभाग में 1 पद है वो भी वर्तमान में खाली है। ड्रेसर के दो पद है अभी वर्तमान में खाली हैं। स्वीपर के 3 पद हैं वर्तमान में 1 ही है। वार्ड बॉय10 पद है वर्तमान में 4 ही हैं।
अव्यवस्था का शिकार सामुदायिक केंद्र
इस सामुदायिक केंद्र में पीने के पानी का फ्रिज बहुत दिनों से बंद पड़ा है। पलंग पर मरीजों को गर्मी के दिनों में पॉलीथीन बिछाकर लिटा दिया जाता है जिससे उन्हें परेशान होना पड़ रहा है। सामुदायिक केंद्र के आधे पंखे बंद पडे हैं। यही हाल आसपास के उप-स्वास्थ केन्द्रों का है। किसी में एएनएम नहीं है तो किसी की बिल्डिंग ही नही बन पाई है। रोगी कल्याण समिति के पैसों का भी सही उपयोग नही हो पा रहा है। अभी वर्तमान में रोगी कल्याण समिति के पास लगभग 12 लाख रूपए जमा हैं परंतु मरीजों की सुविधाओं पर किसी का ध्यान नही है। बीएमओ महेश जैन ने बताया कि मरीजों की सुविधाओं का इंतजाम किया जाएगा। स्टॉफ की कमी से उच्च अधिकारी को अवगत कराया जा चुका है।