नरसिंहपुर. ( TOC NEWS ) प्रदेश में 27 मार्च से आरम्भ गोकुल महोत्सव-2018 में अब-तक करीब 76 लाख पशुओं को विभिन्न प्रकार की चिकित्सा सुविधाएँ दी जा चुकी हैं। महोत्सव में एक मई 2018 तक 38 हजार 618 गाँव में पशु चिकित्सा शिविर लगा कर 14 लाख 65 हजार से अधिक पशुपालकों को पशुपालन की आधुनिक तकनीक, चिकित्सा सुविधाएँ और योजनाओं से वाकिफ कराया गया है।
इस दौरान 13 लाख 90 हजार 660 पशुओं का उपचार, 39 लाख 38 हजार 621 पशुओं का टीकाकरण, एक लाख 67 हजार 717 पशुओं का बधियाकरण, 22 हजार 783 कृत्रिम गर्भाधान, एक लाख 84 हजार 249 बाँझपन उपचार, एक लाख 35 हजार 231 गर्भ परीक्षण, 3550 पशु बीमा और 17 हजार 741 पशु शल्य चिकित्सा के कार्य हुए।
महोत्सव का समापन 10 मई को होगा। महोत्सव का शुभारंभ मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 27 मार्च को किया था। विधानसभा अध्यक्ष सहित केन्द्रीय एवं राज्य के मंत्री, विधायक, अन्य जन-प्रतिनिधि आदि भी इसमें भाग ले रहे है।
महोत्सव का समापन 10 मई को होगा। महोत्सव का शुभारंभ मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 27 मार्च को किया था। विधानसभा अध्यक्ष सहित केन्द्रीय एवं राज्य के मंत्री, विधायक, अन्य जन-प्रतिनिधि आदि भी इसमें भाग ले रहे है।
मल्टीमीडिया रथ हुए लोकप्रिय
पशुपालन मंत्री श्री अंतर सिंह आर्य ने कहा कि किसानों की आय दोगुना करने में गोकुल महोत्सव का महत्वपूर्ण योगदान है। इस वर्ष महोत्सव में एल.ई.डी. और मल्टीमीडिया से सुसज्जित प्रचार रथों का उपयोग कर फिल्म, जिंगल, नवीन तकनीक, गतिविधि और विभागीय योजनाओं की जानकारी गाँव-गाँव और जन-जन तक पहुँचायी जा रही है। मल्टीमीडिया में लोगों की रूचि होने से प्रचार कार्य इस बार अधिक सार्थक सिद्ध हो रहा है।
पशुपालन मंत्री श्री अंतर सिंह आर्य ने कहा कि किसानों की आय दोगुना करने में गोकुल महोत्सव का महत्वपूर्ण योगदान है। इस वर्ष महोत्सव में एल.ई.डी. और मल्टीमीडिया से सुसज्जित प्रचार रथों का उपयोग कर फिल्म, जिंगल, नवीन तकनीक, गतिविधि और विभागीय योजनाओं की जानकारी गाँव-गाँव और जन-जन तक पहुँचायी जा रही है। मल्टीमीडिया में लोगों की रूचि होने से प्रचार कार्य इस बार अधिक सार्थक सिद्ध हो रहा है।
देश का सर्वाधिक पशुधन मध्यप्रदेश में
श्री आर्य ने बताया कि देश का सर्वाधिक पशुधन मध्यप्रदेश में है। प्रदेश के पशु धन के स्वास्थ्य, सुरक्षा और उत्पादन वृद्धि के लिये राज्य शासन द्वारा पिछले साल से गोकुल महोत्सव के रूप में अनूठी पहल की गई है। ग्रामीण अंचलों में पशुपालन आजीविका का साधन भी है। पशुओं की समस्याओं का उन्हीं के गाँव में निराकरण पशुपालक और पशु दोनों के लिये आरामदेह है। महोत्सव का आयोजन वर्ष में दो बार गाँव-गाँव में पशु चिकित्सा शिविर लगाकर किया जाता है। पशुपालकों और पशुओं की समस्या का समाधान होने, नयी तकनीक और योजनाओं की जानकारी होने से पशुधन संवर्धन के साथ आर्थिक समृद्धि भी बढ़ी है।
श्री आर्य ने बताया कि देश का सर्वाधिक पशुधन मध्यप्रदेश में है। प्रदेश के पशु धन के स्वास्थ्य, सुरक्षा और उत्पादन वृद्धि के लिये राज्य शासन द्वारा पिछले साल से गोकुल महोत्सव के रूप में अनूठी पहल की गई है। ग्रामीण अंचलों में पशुपालन आजीविका का साधन भी है। पशुओं की समस्याओं का उन्हीं के गाँव में निराकरण पशुपालक और पशु दोनों के लिये आरामदेह है। महोत्सव का आयोजन वर्ष में दो बार गाँव-गाँव में पशु चिकित्सा शिविर लगाकर किया जाता है। पशुपालकों और पशुओं की समस्या का समाधान होने, नयी तकनीक और योजनाओं की जानकारी होने से पशुधन संवर्धन के साथ आर्थिक समृद्धि भी बढ़ी है।