देश की अदालतों में बेहतर अधोसंरचना की जरूरत : चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा |
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मध्यप्रदेश से हो शुरूआत , नवीन जिला कोर्ट कॉम्पलेक्स के उद्घाटन समारोह में दिया उद्बोधन
जबलपुर 29 जून 2018. भारत के प्रधान न्यायाधीश श्री जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा है कि देश की अदालतों में बेहतर अधोसंरचना की जरूरत है। सभी न्यायालयों में न केवल आवश्यक सुविधाएं हों वरन् वहां का वातावरण भी न्यायालय की गरिमा के अनुरूप हो। श्री मिश्रा आज यहां जबलपुर में नवनिर्मित जिला कोर्ट कॉम्पलेक्स के उद्घाटन समारोह में उद्बोधन दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि अत्याधुनिक सुविधायुक्त भवन में गरिमामय वातावरण में न केवल पक्षकारों को अच्छी प्रतीति होगी वरन् अधिवक्तागण भी बेहतर ढंग से अपना काम कर सकेंगे। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि बेहतर अधोसंरचना न्याय के पिरामिड का निर्माण करती है। जब राज्य न्यायालयों में अपेक्षित अधोसंरचना उपलब्ध कराता है तो वह एक प्रकार से न्याय देने के लिए रोडमैप प्रदान करता है। न्याय व्यवस्था से एक सरकार के आकलन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
देश की अदालतों में बेहतर अधोसंरचना की जरूरत : चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा |
उन्होंने कहा कि भारत का संविधान अपने नागरिकों को न्याय का वचन देता है और इस अर्थ में न्यायालयों में न्याय प्राप्त करने के लिए आने वाले पक्षकारों को गरिमामय माहौल में न्याय प्राप्त होना आवश्यक है। श्री मिश्रा ने सभी जिलों में जिला कोर्ट कॉम्पलेक्स की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि इनमें जरूरी तौर पर लॉयर्स चैम्बर होने चाहिए। उन्होंने न्यायालयों में टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने की आवश्यकता भी प्रतिपादित की।
श्री मिश्रा ने कहा कि सुविधाएं बढ़ेंगी तो निश्चय ही परफॉर्मेंस भी बेहतर होगा। प्रधान न्यायाधीश श्री मिश्रा ने जबलपुर में नवीन कोर्ट कॉम्पलेक्स के निर्माण पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि एशिया की बेहतरीन कोटर््स में शुमार साकेत कोर्ट से जबलपुर कोर्ट कॉम्पलेक्स किसी भी मायने में कमतर नहीं है। प्रधान न्यायाधीश ने इसके लिए मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को बधाई देते हुए कहा कि देश के सभी न्यायालयों में इसी प्रकार की बेहतरीन अधोसंरचना और अत्याधुनिक सुविधाओं की आवश्यकता है।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि मध्यप्रदेश इस सिलसिले में कदम उठाकर अग्रणी राज्य बनेगा। प्रधान न्यायाधीश ने विश्वास जताया कि न्यायालयों में बेहतर अधोसंरचना स्थापित कर प्रभावी, तीव्र गति और गुणवत्तापूर्ण न्याय सुनिश्चित करने में मध्यप्रदेश समूचे देश के लिए उदाहरण बनेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि 192 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित जिला कोर्ट के भव्य भवन का प्रधान न्यायाधीश द्वारा उद्घाटन संस्कारधानी के लिए बेहद महत्वपूर्ण अवसर है।
इसकी प्रेरणा स्वयं प्रधान न्यायाधीश श्री मिश्रा की थी और उनके इस विचार को मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस श्री हेमंत गुप्ता और पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस श्री राजेन्द्र मेनन द्वारा आगे बढ़ाया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि एडवोकेट्स के लिए फर्नीचर की जरूरतें भी पूरी की जाएंगी। श्री चौहान ने बताया कि एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लगभग तैयार हो चुका है और शीघ्र ही अध्यादेश के जरिए आगे पहल की जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मंदसौर की दुर्भाग्यपूर्ण घटना को लेकर अपनी वेदना व्यक्त करते हुए आग्रह किया कि जिस प्रकार मध्यप्रदेश में नन्हीं बच्चियों से दुराचार के मामलों के लिए फास्टट्रैक कोटर््स बनाई गई हैं उसी प्रकार हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी ऐसे गर्हित मामलों में शीघ्र सुनवाई और निर्णय की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में दोषी को जल्द सजा मिलने से नजीर कायम होगी और अपराधियों में कानून का खौफ पैदा होगा। इस अवसर पर मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश श्री जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कहा कि हम सभी सौभाग्यशाली हैं कि विशाल क्षेत्र में बेहतरीन अधोसंरचना का कोर्ट भवन हमें हासिल हुआ है।
उन्होंने कहा कि लिंग, जाति या अन्य किसी भी विभेद के बिना सबको समान रूप से न्याय मिलने में ही इस उपलब्धि की सार्थकता होगी। श्री गुप्ता ने कहा कि हमें पूरी क्षमता से आम आदमी खास तौर पर पीड़ित लोगों को न्याय दिलाना सुनिश्चित करना होगा। जो भी पीड़ित न्यायालय में आए उसकी पीड़ा दूर हो तभी लोकतंत्र की सफलता है। कार्यक्रम में पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश श्री जस्टिस राजेन्द्र मेनन तथा म.प्र.हाई कोर्ट के प्रशासनिक न्यायाधीश श्री जस्टिस एस.के. सेठ की मौजूदगी भी उल्लेखनीय थी।
कार्यक्रम में मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के जज तथा जबलपुर जिला कोर्ट के पोर्टफोलियो जज श्री जस्टिस आर.एस.झा ने जिला कोर्ट कॉम्पलेक्स का भवन तैयार होने म.प्र. हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस श्री हेमंत गुप्ता और पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस श्री राजेन्द्र मेनन के योगदान का उल्लेख किया। उन्होंने इस सिलसिले में महाधिवक्ता पुरूषेन्द्र कौरव तथा डिट्रिक्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आर.के.सिंह सैनी तथा एसोसिएशन के अन्य पदाधिकारियों की ओर से हासिल सहयोग को भी महत्वपूर्ण बताया।
भारत के प्रधान न्यायाधीश श्री जस्टिस दीपक मिश्रा ने विधिवत् दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। जिला जज श्री चन्द्रेश खरे ने अतिथियों के सम्मान में स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम में विभिन्न अधिवक्ता संगठनों के पदाधिकारी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन न्यायिक मजिस्ट्रेट अनु सिंह ने किया। डिट्रिक्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आर.के.सिंह सैनी ने अतिथियों के प्रति आभार ज्ञापित किया।