जबलपुर पश्चिम सीट से लगातार दूसरी बार विधायक तरुण भनोट साइंस ग्रुप से 12वीं पास हैं. (फोटो- सीएम कमलनाथ के साथ मंत्री तरुण भनोट) |
नई दिल्ली: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नवगठित मंत्रिमंडल के सदस्यों के बीच विभागों का बंटवारा कर दिया है. सबसे अहम माना जाने वाला वित्त मंत्रालय 12वीं क्लास तक पढ़े मंत्री तरुण भनोट को सौंपा है. इसको लेकर कांग्रेस सरकार की किरकिरी हो रही है. राज्य की जबलपुर पश्चिम सीट से लगातार दूसरी बार विधायक तरुण भनोट साइंस ग्रुप से 12वीं पास हैं और इंजीनियरिंग ड्राप आउट हैं.
कांग्रेस विधायक तरुण ने 1992 में पंडित रविशंकर शुक्ल विश्विद्यालय में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (बीई) के कोर्स में बाहरवीं पास करने के बाद दाखिला लिया था, लेकिन दो साल में ही कॉलेज छोड़ दिया, जबकि बीई की पढ़ाई 4 साल में पूरी होती है.
पूर्व वित्त मंत्री थे इतने पढ़े-लिखे
इससे पहले की सरकार में वित्त मंत्री रहे बीजेपी नेता जयंत मलैया बैचलर ऑफ कॉमर्स (बी. कॉम) और वकालत की डिग्री ले चुके थे. उनसे पहले वित्त महकमा संभालने वाले मंत्री राघवजी भी मास्टर ऑफ कॉमर्स (एम. कॉम) तक पढ़े-लिखे थे.
जयवर्धन को मिलना था वित्त
सूत्रों के मुताबिक, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अपने बेटे जयवर्धन सिंह को वित्त विभाग दिलवाना चाहते थे, मगर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने इस आपत्ति जताई. नेताओं का मानना था कि पर्दे के पीछे इस अहम मंत्रालय को दिग्विजय दखल देंगे. इसको देखते हुए मामला राहुल गांधी और अहमद पटेल तक जा पहुंचा. आखिरकार तय हुआ कि तरुण भनोट को वित्त और जयवर्धन को नगरीय विकास और आवास विभाग की कमान सौंपी जाए. पता हो कि जयवर्धन सिंह भी राघौगढ़ सीट से लगातार दूसरी बार के विधायक हैं.
माना जा रहा है कि तरुण भनोट को वित्त जैसा वजनदार महकमा मिलने की वजह मुख्यमंत्री कमलनाथ का करीबी होना है. भनोट ने अपना पहला विधानसभा चुनाव 2013 में बीजेपी नेता हरेंद्रजीत सिंह बब्बू को हराकर जीता था. इसके बाद 2018 में वह दोबारा विजयी होकर विधानसभा पहुंचे.
उठ रहे सवाल
कांग्रेस पार्टी के नेता खुद कह चुके हैं राज्य का खजाना खाली हो चुका है. ऐसे में किसी अनुभवी या पढ़े-लिखे मंत्री के बजाए महज 12वीं तक शिक्षित मंत्री को वित्त मंत्रालय सौंपना हैरानी भरा फैसला है.
22 ग्रेजुएट मंत्री
यहां आपको बता दें कि कमलनाथ कैबिनेट के 28 मंत्रियों में से 22 ग्रेजुएट और 5 बारहवीं तक पढ़े-लिखे हैं. वहीं, एक ने पॉलिटेक्निक में डिप्लोमा किया है. इनमें सबसे अधिक शिक्षित एक मात्र मुस्लिम मंत्री आरिफ अकील हैं.