नयी दिल्ली । विपक्षी दलों ने लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार के अंतिम बजट को 'चुनावी स्टंट' करार दिया है और कहा है कि इसमें किसानों को धोखा दिया गया है और इसे भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के चुनावी घोषणा पत्र के रूप में पेश किया गया है जबकि सत्ता पक्ष ने इसे ऐतिहासिक तथा सभी वर्गों को लाभ देने वाला बताया है तथा कहा है कि इससे विपक्ष की बोलती बंद हो गयी है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी एवं पार्टी के वरिष्ठ पी. चिदम्बरम, मल्लिकार्जुन खडगे, बहुजन समाज पार्टी की मायावती, राष्ट्रीय जनता दल के जय प्रकाश नारायण यादव और वाम दलों नेताओं ने वर्ष 2019-20 के लिए शुक्रवार को पेश अंतरिम बजट को चुनावी जुमला बताया और कहा है कि इसमें किसानों का अपमान किया गया है और मध्य वर्ग तथा छोटे कामगारों को मामूली राहत दी गयी है लेकिन सत्ता पक्ष ने इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया है।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली, मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस बजट को ऐतिहासिक करार दिया और कहा कि इसमें समाज के किसानों, मजदूरों और मध्यम वर्ग के सहित सभी वगों का पूरा ध्यान रखा गया है और उन्हें राहत दी गयी है।
श्री शाह ने बजट में किसानों, मध्यम आय वर्ग, घुमंतू जनजातियों, अंसगठित क्षेत्र के श्रमिकों को दी गयी राहत तथा रक्षा, पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए आवंटन में वृद्धि का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे फिर प्रमाणित हो गया है कि मोदी सरकार गरीब, किसान और युवाओं के सपने एवं आकाँक्षाओं को समर्पित है।