श्रेयांस, प्रियांश हत्याकांड |
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- दोषियों को जल्दी सजा दिलाने श्रेयांस, प्रियांश हत्याकांड मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में चले मामले में की गई जाँच रिपोर्ट तलब
- संगठित गिरोह को नेस्तनाबूद करने की कार्रवाही करें
- मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने पुलिस महानिदेशक को दिए निर्देश
भोपाल : सोमवार, फरवरी 25, 2019, मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने चित्रकूट से अपहरण किए गए जुड़वा बच्चों की हत्या के मामले में दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने के उद्देश्य से प्रकरण को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने इस मामले में पुलिस द्वारा पिछले 12 दिनों में की गई कार्रवाई रिपोर्ट भी तलब की है।
उन्होंने पुलिस महानिदेशक से कहा है कि प्रदेश में संगठित अपराधी गिरोह को नेस्तानाबूद करने के लिए कदम उठाएँ। मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि इस हृदय विदारक घटना की भरपाई संभव नहीं है। इस प्रकरण में किसी भी स्तर पर लापरवाही बरती गई है, तो उसे करने वालों को दंडित किया जाएगा, चाहे वह उच्च पद पर हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह घटना राजनीति का नहीं बल्कि जिस परिवार को यह अपूरणीय क्षति हुई है, उसके लिए जिम्मेदार लोगों को इतनी कड़ी सजा दिलाने की है कि ऐसी जघन्य घटना दोबारा न हो। मुख्यमंत्री ने सद् गुरु सेवा संस्थान, जहाँ बच्चे पढ़ते थे, स्कूल की भूमिका की भी इस मामले में जाँच करने को कहा है। उन्होंने पुलिस महानिदेशक से कहा कि इस प्रकरण में बच्चों के परिजनों से बात करें कि क्या वे पुलिस के सहयोग से संतुष्ट थे।
अगर वे इस मामले में किसी भी अधिकारी की लापरवाही बतायें, तो उस पर अविलंब कड़ी कार्रवाई करें। मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक से कहा कि वे पुलिस अधिकारियों को कड़े निर्देश जारी करें। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है। इसमें जरा भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। कानून-व्यवस्था को लेकर पूरे पुलिस को फ्री हैंड है। अपराधी तत्वों के खिलाफ सतत मुहिम चलाएं।
इसमें कोई भी कोताही होगी, तो बड़े से बड़े अधिकारी को भी बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराधी तत्वों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो। किसी को भी नहीं छोड़े। नशे, मादक पदार्थों के अवैध व्यापार को सख्ती से खत्म करें, जो अपराध की जड़ हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराध करने वाले संगठित गिरोह प्रदेश में जहाँ कहीं भी हों, उन पर कड़ी कार्रवाई करें और ऐसी घटनाओं में पुलिस अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय करें।