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चंडीगढ़: पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार के मंत्री राणा गुरजीत सिंह के पूर्व रसोइया से जुड़ा एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. रसोइया अमित बहादुर के बैंक खाते में पांच हजार रुपए से भी कम हैं, लेकिन उसने 26 करोड़ की बोली लगाकर बालू (रेत) खनन का अधिकार हासिल किया है. कैप्टन सरकार में 19 अप्रैल को खनन बोली लगाई गई थी. इस नीलामी में खनन का अधिकार हासिल करने वाले अमित बहादुर को 21 और 22 मई तक सारी रकम जमा करानी थी. शुरुआती जांच में पता चला है कि अमित बहादुर के भारतीय स्टेट बैंक के खाते में अप्रैल (2017) तक महज में 4,840 रुपए थी.
इतना ही नहीं, बहादुर की ओर से दिए गए हलफनामें में भी उसके बैंक खाते से एक साल के दौरान 18,000 से 22,000 रुपए तक की राशि रही है. उसने अपनी कमाई का स्रोत अपनी सैलरी को बताया है, जो 11,206 रुपए है. अमित बहादुर के बैंक खाते में इस साल आठ मार्च को आखिरी बार सैलरी जमा हुई थी. सबसे दिलचस्प बात यह है 11 हजार कमाने वाले अमित ने 21 मई 2017 को 26.51 करोड़ की बोली लगाकर रेत खनन का टेंडर हासिल कर लिया. राजधानी चंडीगढ़ से करीब 100 किलोमीटर दूर नवानशहर के शादीपुर खुर्द के इस टेंडर के तहत अमित ने पहली किस्त के रूप में 13.23 करोड़ रुपए जमा कराए हैं.
पंजाब सरकार ने इस बार खनन का टेंडर जारी कर करीब 1000 करोड़ रुपए की कमाई की है, जो पिछली सरकार से 20 गुणा ज्यादा है. यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि 89 खनन टेंडर में से पांच को हासिल करने वाले पंजाब के ऊर्जा मंत्री राणा गुरजीत सिंह से जुड़े लोग हैं. मामले के उजागर होने पर एनडीटीवी संवाददाता ने मंत्री राणा गुरजीत सिंह के रसोइया अमित बहादुर से संपर्क करने की कोशिश की, पर वह वह नहीं मिला. एनडीटीवी ने 36 वर्षीय अमित के पैतृक मुरादाबाद स्थित बिलारी गांव में भी तलाश की पर, वह वहां भी नहीं मिला.
मालूम हो कि ऊर्जा मंत्री राणा गुरजीत सिंह पंजाब सरकार के सबसे अमीर विधायक हैं. विधाानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने 169 करोड़ रुपए की संपत्ति की घोषणा की थी.