Wednesday, January 19, 2011

नायक नहीं खलनायक हूँ मैं रमेश अग्रवाल....

नायक नहीं खलनायक हूँ मैं........

विनय जी. डेविड // मोबाईल :- 98932 21036
(भोपाल // टाइम्स ऑफ क्राइम)

सभी ने खलनायक फिल्म देखी होगी जिसका नायक संजय दत्त था परन्तु उसकी भूमिका पूरी की पूरी खलनायक जैसी थी। यहीं हाल करके रख दिया है रमेश का। राजस्थान कलिनायक प्रकाशन की एक किताब ''कलिनायक'' ने।
इस किताब का मकसद ''कलियुग के नायक'' का जनता के बीच चेहरा दिखाने का है। इस किताब में संग्रह काफी रोचक है वहीं सच्चाई और दस्तावेज का भण्डार है आप सोच रहे होंगे आखिर इसमें ऐसा है क्या और किताब का नायक, खलनायक कौन है, तो हम बता देते हैं खुले दिल जान से इस किताब के लेखक सजीव जैन और धर्मेन्द्र वर्मा ने पूरी जद्दोजहद के पश्चात तथ्यात्मक जानकारी जुटाकर देश के सबसे बड़े समाचार पत्र दैनिक भास्कर के मुखिया रमेशचन्द्र अग्रवाल के घपलेबाजी, जालसाजी और षडय़ंत्रपूर्वक जमा की गई अकूत पूंजी का विवरण है। लेखकों ने बड़ी चतुराई से 17 अध्याय में जानकारी को पेश किया है कलिनायक किताब के अध्याय के शीर्षक ही इतने प्रभावी है जो षडय़ंत्र का खुलासा कर दे रहे हैं। पूरा अध्याय धुरन्धर समाचार-पत्र दैनिक भास्कर के चेयरमेन के एक एक कारनामों को प्रदर्शित कर रहा है,
आखिर इतने बड़े बड़े घोटाले और समाज सरकार में भनक भी नही. इस बात को दर्शाती है कि ये सरकार और घटिया घटिया खबरों को प्राथमिकता देने वाला मिडिया आज इन चालबाजों के आगे नपुंसक बन गया हैं। वहीं इस किताब का विज्ञापन दैनिक-भास्कर के अंक दिनांक 06 जनवरी 2011 में प्रकाशित होकर देश, दुनिया के कोने कोने तक पहुंच गया वहीं इस प्रकाशक ने किताब के साथ एक बेबसाइट भी अपने पाठकों को प्रदान की जो www.rajasthankalinayak.com व नाम से की गई, परन्तु इस बेबसाइट पर दैनिक भास्कर के प्रमुख रमेश अग्रवाल की पोल खुलते ही इस पर हमला हो गया और इस बेबसाइट को दुष्प्रवृति ''छुपाने के लिए ''विरोधियों ने हेक करवा दिया, वहीं षडय़ंत्र चाले चलकर इस बेबसाइट को बन्द करवा दिया, जबकि पाठकों ने इस बेबसाइट को खुब सर्च किया, लाखों पाठकों ने अपनी क्लिकिंग दर्ज करवा दी, जबकि कई लोगों ने इस ओछी हरकतों की भत्र्सना कर ये जान लिया कि कहीं न कहीं सच्चाई को फांसी चढ़ाने की कोशिश की गई।
परन्तु प्रकाशक अपनी किताब की लोकप्रियता को देखते हुए दूसरी बेबसाइट बनाने का निर्णय लिया और पुन: कामयाब होकर फिर अपने चाहने वालों को www.rajasthankalinayak.net पर इस किताब और दस्तावेजों को संकलन कर जनता दरबार में पेश कर दिया वहीं दैनिक भास्कर के रमेश और इसकी रणनीति को नंगा कर दिया। सोचनीय पहलू यह है कि इस किताब में दिये गये तथ्यों और फ्री सीडी में उपलब्ध दस्तावेजों से ये ज्ञात होता है कि वाकई आगे बढऩे के लिए कानून, नियमों और सरकार को जूतों की नोक पर रखना जरूरी है इन दस्तावेजों ने ये प्रमाण प्रस्तुत कर दिया।
इस विवादित किताब ने मीडिया के सबसे बड़े ग्रुप की पोल खोल कर न जाने कौन सी सुरमाई दिखाई है और इनका मकसद क्या है परन्तु यह सत्य है कि दैनिक भास्कर की धौस के आगे बाकी मीडिया में दमखम नजर नहीं आता वे सच्चाई की दृष्टि से ना.... ही माने जायेगें। जबकि चोर, ऊचकों की खबरों को प्राथमिकता देने वाले ये समाचार पत्र, टीवी न्यूज चेनल घण्टों की खबर कई कालमों की खबरे बेधड़क प्रकाशित करते हैं परन्तु इस अरबो खरबो के खुलासे के बाद मुरदों की मानिन्द पड़े है ऐसा लग रहा है जैसे इस मीडिया को कुत्ता भी खींच ले जाये तो ये कुछ नहीं बोलेंगे, ना लिखेंगे। परन्तु कुछ लोगों ने पत्रकारिता के दायित्व को निभाते हुए इस खबरों को प्रकाशित करना अपना कत्र्तव्य समझा और जनता के बीच खबरों को प्रकाशित किया और सच्चाई का साथ दिया। प्रश्र यह उठता है कि भ्रष्टाचार दहाड़ रहा है और प्रशासन साथ दे रहा है और मीडिया नपुंसक बन गया है। ऐसी किताब का जनता को अवलोकन करना चाहिये और तय करना चाहिए कि आखिर इस सफलता का राज क्या है ताकि असफल रह गये लोग भी आगे बढ़ते रहे और सफलता प्राप्त करें।
इस कलिनायक किताब को पढ़कर आपके पास करोड़ पति बनने का भी अवसर है बकायदा इस किताब प्रकाशक राजस्थान ''कलिनायक '' प्रकाशन बीकानेर राजस्थान ने दो करोड़ के बम्पर ईनाम की प्रतियोगिता आयोजित की है ''टाइम्स ऑफ क्राइम'' ने अपने पिछले अंक में इस योजना को प्रकाशित किया है वहीं प्रथम अध्याय भी पाठकों को उपलब्ध कराया है अब इस अंक में आपको बीच का एक अध्याय प्रस्तुत कर रहे है जो इस किताब का प्रकाशित अंश है......
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कलिनायक किताब में प्रकाशित
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दूसरा अध्याय

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रमेश का ऑपरेशन भोपाल
इस अध्याय में दिए गए तथ्यों की सच्चाई के सबूतों का अवलोकन करने के लिए दस्तावेजों का संलग्न सीडी में संकलन किया गया है। इससे ''कलिनायक'' की ''करतूतों'' के प्रमाणों से मुखातिब हुआ जा सकता है।
फर्जी सेलडीड
राजधानी भोपाल की दैनिक भास्कर की संपत्ति को हड़पने के लिए रमेश ने एक फर्जी सेटेटलमेेन्ट डीड बनाई, साथ में एक फर्जी करारनामा यानी एग्रीमेन्ट ऑफ सेलेल 13 मार्च 1985 को तैयार किया।
फर्जी डीड कहे-
रमेश को बनाओ मालिक
  • रमेश के बनाए उस इकरारनामे यानी एग्रीमेन्ट में लिखा था कि द्वारका प्रसाद ने दैनिक भास्कर के भोपाल पब्लिकेशंस के यानी दैनिक भास्कर के भोपाल क्षेत्र के टाइटल अधिकार और गुडविल को रमेश की कंपंपनी यानी मेसर्स राइटर्स एंड पब्लिशर्स को पॉंच लाख रुपये में बेच दी है।
  • रमेश के उस जाली एग्रीमेन्ट में यह भी लिखा था कि मेसर्स द्वारका प्रसाद अग्रवाल एंड ब्रदर्स की 4764 वर्गफीट भूमि, जो प्लाट नं. 6, प्रेस कॉम्पलेक्स, महाराणा प्रताप नगर भोपाल में स्थित थी, को भी साथ में रमेश की कंपनी को बेच दिया गया है।
  • ध्यान रहे कि मैसर्स राइटर्स एंड पब्लिशर्स कंपनी रमेश चन्द्र अग्रवाल की मालिकाना हक वाली कंपनी है। मैसर्स राइटर्स एंड पब्लिशर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर की हैसियत से रमेश ने ये एग्रीमेन्ट किया है, ऐसा उस एग्रीमेन्ट में दिखाया गया था।
  • दरअसल, वह एग्रीमेन्ट पूर्णत: फर्जी था। यह तो अपनी अलग कंपनी बनाकर अपनी कंपनी में दैनिक भास्कर को गटकने का चक्रव्यूह रचा था रमेश ने।
चलिए, अब भोपाल में किए गए रमेेश के इस फर्र्जीवाड़े को परत दर परत जानें:-
पहला फर्जीवाड़ा-
एग्रीमेन्ट को बताया सेल डीड
  • मजे की बात यह है कि रमेश का वह कथित एग्रीमेन्ट सिर्फ एग्रीमेन्ट करारनामा था न कि सेलेल एग्रीमेेन्ट विक्रय पत्र। करार और विक्रय पत्र में जमीन और आसमान का अंतर होता है।
  • उस एग्रीमेन्ट में यह भी लिखा था कि रजिस्ट्री के बाद बाकी का पैसा दिया जायेगा। जो कि कभी नहीं दिया गया। क्योंकि यहां अब हुआ:-
दूसरा फर्जीवाड़ा-
बिना रजिस्ट्री... मालिक बने रमेश
  • द्वारका प्रसाद ने उक्त एग्रीमेन्ट के आधार पर रमेश के पक्ष में कभी कोई रजिस्ट्री नहीं की।
  • न ही उस एग्रीमेंट पर फर्म के चारों हिस्सेदारों जैसे विशम्भर और द्वारका के हस्ताक्षर थे। अगर ये थोड़ी देर के लिए मान भी लिया जाए कि द्वारका ने हस्ताक्षर किये तो भी बाकी हिस्सेदारों ने यह एग्रीमेंट करने के लिए उन्हें कोई अथारिटी नहीं दी थी। परंतु:-
  • रमेश ने शासन-प्र्रशासन के साथ मिलकर उक्त जमीन को और रजिस्ट्रार, न्यूज पेपर ऑफ इंडिया के साथ मिलकर दैनिक भास्कर भोपाल का टाइटल अधिकार अपनी कंपनी राइटर्स एंड पब्लिशर्स के नाम करा लिया।
  • रमेश से सीखें कि, बिना रजिस्ट्री के मालिकाना हक कैसे हासिल किया जाता है। यह आर्ट आपको कहीं और ढूंढे से भी नहीं मिलेगी।
इस तरह अवैध-फर्जी एग्र्रीमेन्ट का रमेश ने उठाया पूरा लाभ। और इस तरह हुआ:-
तीसरा फर्जीवाड़ा-
मफ्त में हासिल की ... करोंड़ों की संपत्ति
  • धोखे का धंधा करने वाले रमेश ने फर्जी एग्रीमेन्ट तो बनवाया ही, ऊपर से खुद ही एक लाख रुपए भास्कर पब्लिकेशंस के नाम पर जमा किये आरै उसी ने अपने रुपए खुद ही वापिस भी निकाल लियेे। वास्तव में रमेश ने कभी उस विक्रय के लिए कोई भुगतान किया ही नहीं था। इसे कहते हैं.
...सांप भी मर गया और लाठी भी न टूटी।
  • वह सेल-डीड रजिस्ट र्ड भी नहीं थी। और इस प्रकार रमेश ने फर्जी सेल-डीड पर लगने वाली स्टाम्प ड्य्यूटी के पैसे भी बचा लिये। और फिर हुआ:-
चौथा फर्जीवाड़ा-
कानून के विपरीत किया एग्रीमेन्ट
  • ध्यान रहे कि अगर मैसर्स द्वारका प्रसाद अग्रवाल एंड ब्रदर्स के सभी पार्टनर एक साथ मिलकर भी इस तरह का एग्रीमेन्ट करना चाहते तो भी रमेश की कंपनी के साथ ऐसा एग्रीमेन्ट करने का उन्हें कानूनन कोई अधिकार नहीं था।
  • यहॉं यह प्रश्न उठता है कि जब दैनिक भास्कर टाइटल की मालिक फर्म है और फर्म में कुल चार हिस्सेदार हैं और वे चारों के चारों ही अगर दैनिक भास्कर, भोपाल का मालिकाना हक रमेश को बेचना चाहते हैं, तो
फिर आखिर उन्हें:-क्यों नहीं था बेचने का अधिकार ?
  • कारण कि, प्र्रेसेस एंड रजिस्टे्रशन एक्ट के अनुसार एक राज्य में एक नाम के अखबार के दो मालिक नहीं बन सकते।
  • दैनिक भास्कर का भोपाल का टाइटल अधिकार मेसर्स राइटर्स एंड पब्लिशर्स कंपनी को हो और ग्वालियर, इंदौर का मेसर्स द्वारका प्रसाद अग्रवाल एंड ब्रदर्स को हो, इस तरह का एग्रीमेन्ट करना गैरकानूनी था। इसलिए वह एग्रीमेन्ट कानून की नजरों में शून्य था।
सफलता का कलियुगी फंडा
  • इस घटनाक्रम से सफलता का कलियुगी ''रमेशी'' फंडा यही निकलता है कि...'' जाली दस्तावेज बनाने से पहले अच्छे वकील से मशविरा कर लो।''
  • यह गलती बाद में रमेश को समझ में आई कि उसने ऐसा एग्रीमेन्ट बना लिया है, जो कानूनन हो ही नहीं सकता। आगे आप पढ़ेगें कि इस फर्जीवाड़े को रमेश ने दूसरा फर्जीवाड़ा करके सुधारा यानी आग से आग बुझाई। कर दिया न कमाल?
  • 1985 में रमेशचन्द्र अग्रवाल ने ''फर्जी दस्तावेज'' के आधार पर दावा किया कि दैनिक भास्कर भोपाल संस्करण का टाइटल मैसर्स राइटर्स एंड पब्लिशर्स लि. को हस्तांतरित हो गया है, जिसका स्वामित्व रमेशचन्द्र अग्रवाल के पास है। इस ''फर्जी दस्तावेज'' ने एक तरफ उनके पिता एवं चाचा के बीच और दूसरी ओर बेटे रमेश अग्रवाल के बीच मुकदमों की श्रृंखला शुरू कर दी।
आइए, अब देखें कि अपनी ही औलाद के कारनामों से परेशान द्वारका प्रसाद ने इस रमेश-फर्जीवाड़े के संबध में क्या किया:-
द्वारका प्रसाद ने की कलेक्टर से शिकायत
14 दिसम्बर 1987 को द्वारका प्रसाद अगव्राल ने कलक्ेटर जबलपुर को एक पत्र सौंपा। जिसके माध्यम से रमेश की जालसाजी को उजागर किया गया। इस पत्र को जस का तस नीचे प्रस्तुत कर रहें हैं-

श्रीमान् जिलादण्डाधिकारी महोदय,
जिला जबलपुर मध्यप्रदेश।

विषय:- डी.पी. अग्रवाल एण्ड ब्रदर्स, झांसी दैनिक भास्कर, भोपाल के श्री रमेश अग्रवाल द्वारा दैनिक भास्कर, जबलपुर का वाद प्रस्तुत किया गया था, उसके संबंध में।
महोदय जी,
सेवा में निवेदन है कि मैं द्वारकाप्रसाद अग्रवाल एण्ड ब्रदर्स रजिस्टर्ड फर्म का मालिक एवं पाटर्न रहं। दैनिक भास्कर पत्र का स्वामी द्वारका प्रसाद अग्रवाल एण्ड ब्र्रदर्स रजिस्टर्ड फर्म है। मरे पुत्र श्री रमेशचन्द्र अग्रवाल ने आपके समक्ष फर्म के पार्टनर श्री विशम्भर दयाल अग्रवाल के विरुद्ध दैनिक भास्कर, जबलपुर के संबंध में जो प्रार्थना पत्र दिया था, मुझे आज ही विदित हुआ है कि उक्त प्र्रार्थना पत्र के साथ उन्होंने दैनिक भास्कर समाचार पत्र मैसर्स राइटर्स एण्ड पब्लिशर्स प्र्रा. लि. भोपाल को बेचने के संबंध में दिनांक 16.2.87 का लिखा हुआ संलग्न पत्र प्रस्तुत किया था। इस पत्र पर मेरे हस्ताक्षर नहीं है। उन्होंने यह पत्र अंग्रेजी में टाईप कराकर मेरे हस्ताक्षर जाली बनाकर आपके समक्ष पेश किया है। और यह पत्र उन्होंने इसलिए बनाया है कि जिससे वह आपसे अपने पक्ष में निर्णय ले सकें। निवेदन है कि उन्होंने पत्र में असत्य दिखाया है कि मैंने वह पत्र मैसर्स राईटर एण्ड पब्लिशर्स प्राइवेट लिमिटेड, भोपाल के पत्र क्रमांक डब्लयू.पी./136/-दिनॉंक 12-2-1987 के उत्तर में दिनांक 16.2.87 को लिखा है। जबकि मुझे उनका उक्त पत्र नहीं प्राप्त हुआ है और न ही संलग्न पत्र मुझे भेजा है। इस पत्र के पढऩे से यह भी स्पष्ट नहीं होता कि पत्र कहां से भेजा गया है, यद्यपि लेटर पैड पर झांसी का पता 31 रानी महल लिखा हुआ है और साथ ही भोपाल ऑफिस अग्रवाल भवन सुल्तानिया रोड, भोपाल लिखा है।
निवेदन है कि 16.2.87 फरवरी को न मैं झॉंसी में था और न ही मैं 16.2.87 को भोपाल में था। साथ ही मेरा कहना है कि भोपाल का अग्रवाल भवन जिसमें दैनिक भास्कर, भोपाल का कार्यालय था, उसे खाली कर दिया गया था और उसको कई किरायेदारों को किराये पर दे दिया गया है। अत: वहां से लिखने का प्रश्न नहीं उठता है।
इस पत्र में यह भी गलत लिखा है कि मैंने दि.13 मार्च 1985 को इकरारनामा लिखकर अखबार दैनिक भास्कर का टाईटल मेसर्स राईटर्स एण्ड पब्लिशर्स, भोपाल को बेचने का इकरारनामा लिख दिया था और इसमें यह भी गलत लिखा है कि दिनॉंक 1.4.85 से फर्म द्वारका प्रसाद अग्रवाल एण्ड ब्रदर्स का मालिकाना हक नहीं है और अखबार छापने का व्यापार बन्द कर दिया है।
यह झूठी बात उन्होंने धोखा देकर अपने पक्ष में फैसला कराने के लिए खुद लिखी है। उनकी ये बात अपने आप में झूठ है क्योंकि उन्होंने जबलपुर से दैनिक भास्कर प्रकाशित करने के लिए दिनॉंक 16-10-87 का घोषणा-पत्र आपके कार्यालय में दिनॉंक 20-10-87 को घोषित कर अपने हस्ताक्षर सहित पेश किया है जिसमें कॉलम न. 10 में मेसर्स डी.पी.अग्रवाल एण्ड ब्रदर्स 31 रानी महल, झांसी को मालिक और अपने को उसका पार्टनर बताया है। संलग्न पत्र में यह भी झूठ लिखा है कि हम लोगों ने जबलपुर से दैनिक भास्कर प्रकाशित करने का अधिकार नहीं दिया है। जबकि सही बात यह है कि भास्कर प्रकाशन प्रा. लि. भोपाल को जबलपुर से दैनिक भास्कर प्रकाशित करने का अधिकार हमने दिया था।
दैनिक भास्कर, जबलपुर के माननीय मुख्यमंत्री द्वारा दिनॉंक 1.8.86 को होने वाले उद्घाटन समारोह में श्री रमेशचन्द्र अग्रवाल और उनके पुत्र मेरे साथ ही सम्मिलित हुए थे और श्री महेश प्रसाद अग्रवाल भी मौजूद थे, तब से लगातार दैनिक भास्कर जबलपुर से निकलता आ रहा है। अत: जानबूझकर यह झूठी बात उन्होंने अखबार बन्द करने के लिए लिखी है। मेरे जाली हस्ताक्षर बनाकर जाली पत्र बनाकर उन्होंने कैसे किया है। अत: उनका यह कार्य अपराध है। उचित कार्यवाही हेतु पुलिस को प्रकरण भेजने की कृपा करें।
दिनॉंक - 14.12.87 आवेदक
द्वारका प्रसाद अग्रवाल,पार्टनर
फर्म- द्वारका प्रसाद अग्रवाल एण्ड ब्रदर्स
निवासी 20 ललितपुर कॉलोनी
लश्कर, ग्वालियर।
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नोट:- इस द्वंद युद्ध के पीछे की जानकारी का भी हम शीघ्र खुलासा करेंगे। इस खबर पर कमेन्टस हमारी बेबसाइट timesofcrime@gmail।com पर भेज सकते है। वहीं जानकारी साझा करने के लिए संपर्क कर सकते है।

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तहसील कोरांव प्रशासन के विरूद्ध अधिवक्ताओं ने नारेबाजी की ए.डी.एम. प्रशासन को दिया ज्ञापन

ब्यूरो प्रमुख उ. प्र.// सूर्य नारायण शुक्ल (इलाहाबाद //टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरो प्रमुख उ. प्र. से सम्पर्क 99362 29401

इलाहाबाद।4 जनवरी तहसील दिवस कोरांव में ऐसोसिएशन कोरांव तहसील के अध्यक्ष अरूण कुमार तिवारी एड। के नेतृत्व में अधिवक्ताओं का एक प्रतिनिधि मंडल तहसील दिवस प्रभारी ए.डी.एम. प्रशासन इलाहाबाद प्रेमशंकर से एक ज्ञापन के साथ मिला और एस.डी.एम. कोरांव तथ तहसीलदार कोरांव के मनमानी कारनामों लापरवाहीं कथित भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए विगत 9 नवम्बर 2010 से वकीलों की चल रही हड़ताल के बारे में अवगत किया और कार्यवाहीं की मांग की। तहसीलदार दिवस प्रभारी ने ज्ञापन लिया और कहा ठीक है देखेंगे।
बार एसो. तहसील कोरांव अरूण तिवारी एडवोकेट का आरोप है कि तहसील कोरांव मे एस.डी.एम. कोरांव की लापरवाहीं से तहसीलदार कोरांव भ्रष्टाचार मनमानी वसूली आदि मे लिप्त है। इस संदर्भ मे जिला प्रशासन- आयुक्त तक शिकायत की गई, लेकिन उक्त दोनों अधिकारियों के विरूद्ध कोई जांच कार्यवाहीं नहीं की गई। श्री तिवारी ने बताया कि 9 नवम्बर से वकीलों का अनिश्चित कालीन धरना जारी है जब तक दोनों अफसरो को हटाया नहीं जाता हड़ताल जारी रहेगी। अधिवक्ताओं ने तहसील और ब्लॉक सभागार तहसील दिवान स्थल तक तहसील कोरांव प्रशासन के विरूद्ध मुर्दाबाद के नारे लगाते रहे। प्रतिनिधिमंडल में अध्यक्ष तिवारी के अलावा बार एसो.के पूर्व सभी अध्यक्ष अधिवक्ता व पदाधिकारी अधिवक्ता एकत्रित थे।
अवैध लकड़ी से लदी पिकप गिरफ्तार
कोरांव. क्षेत्र के कोरांव वन रेंजर व कर्मियों ने ड्रमगंज सिरजापुर की एक पिकपवाहन पर लदे आरक्षित वन की प्रतिबंधित लकडिय़ों के ग_र सहित 4 जनवरी को अंतरेजी जंगल से गिरफ्तार कर लिया। और वाहन मी लकड़ी के रेंज कार्यालय में दाखिल कर दिया। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि यदि इसी तरह वन अफसर कर्मी वन की रखवाली करे तो वन और पर्यत दोनों सुरक्षित रह सकते हैं।

धान न खरीदे जाने नहरो में पानी न छोडऩे के विरूद्ध माकया-सपा अपना दल का धरना प्रदर्शन

ब्यूरो प्रमुख उ. प्र.// सूर्य नारायण शुक्ल (इलाहाबाद //टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरो प्रमुख उ. प्र. से सम्पर्क 99362 29401

इलाहाबाद। इलाहाबाद. कोरांव तहसील कोरांव के किसानों का धान न खरीदे क्रय केन्द्रों पर समुचित ढंग से धान न खरीदे जाने और किसानों द्वारा स्वयं बजारों में बेचे जाने हेतु वाहनों से ले जाने पर पकड़ धकड़ वसूली किये जाने से किसान चिंतित हैं, और बसपा सरकार की कानून व्यवस्था पर उंगलियां उठने लगी है। धान क्रय केन्द्र कोरांव मंडी परथरताल लेेंडियारी में तो खोल दिया गया है, लेकिन धान की तौल नहीं की जा रही है। जिससे किसान परेशान है। किसानों का कथन है कि यदि किसान अपने वाहनों से किसी मील या मंडी पर बेचने हेतु धान ले जाते है तो पुलिस वाले पकड़ कर सुविधा शुल्क मांगते है। प्रति वाहन पर माहवारी न देने पर पुलिस एम.बी.ऐक्ट मे चालान करने की धमकी देते हैं। कोरांव थाने मे ऐसा ही ऐसा ही विक्रय वाहन धान सहित पुलिस वालों ने पकड़ कर मनमानी तरीके से कई आरोप लगाकर सील कर दिया है। जिससे किसान व्यापारी ज्यादा चिंतित हैं। डी.एम. एस.एस.पी.मूक दर्शक बने हैं। इस संदर्भ मे पुर्व विधायक सेवा कामरेड रामकृपाल कोल के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी कम्यूनिटी पार्टी माक्र्सवादी खेत मजदूर यूनियन और सपा दल संयुक्त रूप से तहसील कोरांव को 11 जनवरी को धरना प्रदर्शन का आयोजन किया है। धरने में नहरों से सिचाई हेतु पानी देना, और धान का खरीदा जाना आदि अधिकार मुद्दे रखे गये हैं।

माइन्स तहसील, पुलिस वनाधिकारियों की सह पर अवैध खनन

कोरांव में कई अवैध आरा मशीने चालू-कटानों खनन से राजस्व की क्षति

ब्यूरो प्रमुख उ. प्र.// सूर्य नारायण शुक्ल (इलाहाबाद //टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरो प्रमुख उ. प्र. से सम्पर्क 99362 29401

इलाहाबाद।कोरांव थाना एवं वन रेंज कोरांव अन्तर्गत पुलिस तथा वन विभाग के अफसरों व कर्मचारियों की मिली भगत से महीनों से अवैध रूप से आरा मशीनें चल रही हैं और क्षेत्र के हरे भरे बाग बगीचों एवं जंगलों के वृक्ष ठेकेदारों द्वारा किसानों- वृक्ष स्वामियों से औन पौन दाम पर पुलिस -फारेस्ट की स्वयं जिम्मेदारी ओढ़कर खरीद करके आरा मशीनों पर पहुंचा कर सिल्लियां- पट्टियां बनवा कर फर्नीचर के दुकानों पर बेच दे रहे हैं। इसी तरह वन विभाग की जमीनों कई स्थानों- पहाड़ों, नालों, प्लाटों पर भी अवैध रूप ये गिट्टी बोल्डर, मोरम, बालू की खदानें चल रही हैं जिससे वन, पाषाण पर्यावरण राजस्व की अपूर्णनीय क्षति हो रही हैं।
उल्लेखनीय है कि अवैध रूप से आरक्षित पर्वतीय वनों में विगत वर्ष इमारती पत्थर पटिया की खदाने निरन्तर शिकायतों समाचारी-पत्रों में प्रकाशन से हरकत में आकर वन विभाग यू.पी. एम.पी.के सीमा वनाधिकारियों से बन्द कराकर विधिक कार्यवाहीं की जिससे पटिया की खदानें व सप्लाई तथा फर्जी प्रपत्रों का इस्तेमाल बन्द हो गया। लेकिन पत्थर माफिया ठेकेदारों ने कोरांव बन रेंज के अधिकारी, वन दरोगा वन रक्षकों, व ईलाकई थाना पुलिस को माहवारी सुविधा शुल्क देकर युद्ध स्तर पर क्षेत्र के बढ़वारी कला पहाड़ी, महुली सेक्शन के अंतरेजी, मोहरना, कुंडवा, बिल्लीघाट, बदौआ, नेवढिय़ा, हंडिया, बसहा, बड़ोखर के पहाड़ी क्षेत्र, पटपरों नदियों नालों,व पहाड़ी के किनारे किनारे यू.पी.,एम.पी. बार्डर पर युद्ध स्तर पर गिट्टी, बोल्डर, पत्थर, की तुडा़ई, खदानें लगाकर रात दिन, ट्रकों ट्रेक्टरों के माध्यम से सड़कों, चेक डैमो, कूपों आदि के निर्माणाधीन प्रोजेक्टरों पर सप्लाई कर रहे हैं और मालामाल हो रहे हैं। उसी प्रकार छोटी, बड़ी, नदी-नालों से रद्दी किस्म की बालू मोरम, पत्थर, कंकड़ भी खनवा- खोदवा कर पे्राजेक्टों पर अवैध ढंग से चल रही कोरांव में दो तीन आरामशीनें,मोगन, बड़ोखर व आसपास के गांवों में चल रही है जिस पर तथा सभी उक्त कारोबारों पर तहसील कोरांव के तहसीलदार, माइन्स इन्सपेक्टर, कोरांव बन रेंजर, थानेदार आदि की निगााह है लेकिन कोई बोल नहीं रहा है। इस बाबत आम नागरिकों ने प्रशासनिक उच्च अधिकारियों, उच्च वनाधिकारियों पुलिस कप्तान आदि से शिकायत की है। जनता ने मुख्यमंत्री से फैक्स भेजकर कार्यवाहीं करने की मांग की हैं।

कोरांव में मिलावटी गुड़ का कारोबार तेज

ब्यूरो प्रमुख उ. प्र.// सूर्य नारायण शुक्ल (इलाहाबाद //टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरो प्रमुख उ. प्र. से सम्पर्क 99362 29401

इलाहाबाद। कोरांव, कस्बा कोरांव मे इन दिनों नकली और मिलावटी गुड़ो की बिक्री और कारखाने धड़ल्ले से चल रहे हैं। बताया जाता है कि कोरांव में काफी समय से व्यापारी पुराने व बाहरी निर्मित बाजार का गुड़ और उसमें चावल का कना तथा कुछ रंग मिला कर कहीं पूरबहवा गुड़ तो कहीं उम्दा क्वालिटी का गुड़ बताकर अंधाधुंध बेचा जा रहा है जो मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। पता चला है कि इस कारोबार को आंख मूंद कर चलने देने हेतु मार्केटिंग इन्सपेक्टर की सह है। इसी प्रकार जलपान की दुकानों पर मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री से लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। काफी दिनों का खोवा जो आलू वैगेरह से बना रहता है पौडरवाला रहता है उसकी मिठाईयां कई कई दिन का कराहों मे रखा तेल व चीनी का प्रदुषित सीरा इस्तेमाल किया जा रहा है जो मनुष्य के लीवर, आंत, गुर्दे, आंख आदि अंगों पर बुरा प्रभाव डाल रहे है। जो स्वास्थ्य हित में नहीं है। संबंधित विभाग के अधिकारी कर्मचारी सुविधा शुल्क लेकर ऐसी मिलावटी खाद्य पदार्थो की बिक्री को बढ़ावा दे रहे है इस पर कार्यवाहीं एक अभियान के तहत किये जाने की मांग आम जनता ने की है।

प्रेमी के साथ फुर्र दो बच्चों की माँ वापस नहीं आयी

ब्यूरो प्रमुख उ. प्र.// सूर्य नारायण शुक्ल (इलाहाबाद //टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरो प्रमुख उ. प्र. से सम्पर्क 99362 29401

इलाहाबाद। कोरांव, इलाहाबाद थाना कोरांव क्षेत्र ग्राम नेवढिय़ापाल से दो सप्ताह पूर्व अपने प्रेमी के साथ फरार 2 बच्चों की माँ का अभी तक कोई अता पता नहीं चला है, जिससे उसके बच्चें और बच्चों के पिता आदि परेशान हैं। जबकि कोरांव पुलिस ने भी मध्यप्रदेश जाकर महिला के प्रेमी के गांव खोजबीन भी की। नेवढियापाल थाना कोरांव की देवमणि की पत्नी सुनीता (बदला नाम) उम्र 40 अपने एक दोस्त के साथ अपने बच्चों और पति को धता पढ़ा कर 15 दिन पूर्व फुर्र हो गई। जिसे कई रिश्तेदारी आदि संभावित स्थानों पर खोजा परन्तु पता नहीं चला उक्त महिला ने अपना मोबाईल भी स्विच ऑफ कर रखा है। जिससे उसके पति का दिमाग भी लगता है ऑफ हो जाएगा। अधिक उम्र के पति और उनसे काफी कम उम्र की पत्नी इस कदर बेवफा हो गई कि अपने दोनों बच्चों का मुंह नहीं देखा। देखना है कि दो बच्चों की माँ अपना घर द्वार संभालने आती हैं या नहीं। या दूसरों का घर बसायेंगी। क्षेत्र में तरह-तरह चर्चाए हैं।

करोड़ों सरकार ने खर्च किये लेकिन शुद्ध पेयजल जनता को नसीब नहीं

ब्यूरो प्रमुख उ. प्र.// सूर्य नारायण शुक्ल (इलाहाबाद //टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरो प्रमुख उ. प्र. से सम्पर्क 99362 29401

इलाहाबाद। कोरांव क्षेत्र के कोरांव विकास खण्ड में कई सरकारों नुमाइन्दों कई प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने पेय जल की समस्या दूर करने के वायदे किये घोषणाएं की, बसपा की मायावती सरकार ने पेयजल- सिंचाई सम्बन्धी हेल्प लाईन खोलने का आदेश दिया होल फ्री नम्बर भी विज्ञापनों के
माध्यम से दिये लेकिन क्षेत्रीय जनता को आज तक शुद्ध पेय जल के नाम पर पानी नियमित शुद्ध सप्लाई उपभोक्ताओं को मुहैया नहीं हो पा रही है, इतना तक कि सरकार द्वारा बने हेल्प लाईन- होल फ्री नम्बर कभी भी बात नहीं करता, सदैव बिजी बताता है, जो चर्चा का विषय है। उच्च स्तर पर कम्प्लेन हो तो कैसे।
विकास खण्ड कोरांव में शुद्ध पेय जल की वाटर टैंक निर्मित है, भाजपा सरकार में करोड़ों रूपया नई वाटर लाईन बिछवाने व बेलन नदी के किनारे देवघाट पुल के पास नई पेयजल टंकी निर्मित कराके ऐसे निर्माण कार्यों में रूपया पानी की तरह बहा दिया लेकिन शुद्ध पेय जल का रोना आज तक कायम है। कई बार शिकायतों के बावजूद भी जल निगम के अधिकारी सरकार-प्रशासन से स्टीमेंट बढ़ा चढ़ा कर पेश किया और किसी तरह खजुरी में पेयजल की बड़ी टंकी को शक्तिकल हेतु नलकूप की तरह भूमि में बोरिंग करवा दी। जिससे खजुरी से कोरांव के नागरिकों को बोरिंग का शुद्ध पानी किसी तरह पहुंचने लगे, लेकिन देवघाट से खजुरी व न्याय पंचायत महुली, बड़ोखर, क्षेत्र के दर्जनों ग्रामों में बेलन नदी का प्रदूषित डायरेक्ट पंपिंग सेट मशीन से खींच कर नलों में पानी सप्लाई की जाती है, जिससे उपभोक्ताओं को गंदा जल कीड़े-मकोड़े युक्त मिलता है।
कभी कभी तो नदी की काई, सबसे छोटी मछलियां भैंसों में लगने वाली जल जोंक के छोटे बच्चें तक नलों में आ जाते हैं, यदि नल से सीधे मुंह लगा कर कोई पानी पिये तो उसे इस प्रदुषित जल आपूर्ति का जायका मिल सकता है। कुछ लोगों के मुंह में तो छोटी मछलियां जोंक कचड़ा पानी के साथ जा चुका है व उपचार कराना पड़ा है। जल निगम द्वारा जितना धन उक्त कार्यो में व्यय किया गया इससे जल निगम के अभियन्ताओं-जन प्रतिनिधियों ठेकेदारों को फायदा जरूर मिला लेकिन जनता का की मांग- समस्या के मुताबिक जलापूर्ति का कार्य ठीक तरह से नहीं किया गया। देवघाट बेलन नदी के किनारे बने पुरानी टंकी की भांति एक पुन: उसी तरह कार्य व क्षमता वाली टंकी का निर्माण कार्य में जितना धन व्यय कर निरर्थक किया गया इतनी रकम में तो नलकूप की तरह बोरिंग कराकर व टंकी का निर्माण कराकर जलापूर्ति सप्लाई की जा सकती थी।
जिससे शुद्ध पेयजल उपभोक्ताओं को मिलता रहता। लेकिन जल कल विभाग ऐसा कुछ नहीं सोचा जिससे जनता व क्षेत्र का कल्याण होता। इसमें सिर्फ कमीशन खोरी से अधिकारी मालामाल हुए। आये दिन देवघाट में नदी से सीधे पानी खींचने वाली विद्युत मशीनें जली रहती है जिससे वाटर सप्लाई ठप्प रहती हैं बल्कि इसमें मशीनों के सप्लायर व रिपेयरर को फायदा है हमेशा मशीन मरम्मत का बिल पेश किये रहता है। और अवर अभियन्ता को लागबुक पर डीजल पम्पसेट चालू कर पानी आपूर्ति को शो करके धन ऐठनें का काम चलता हैं।


चंदा इकठ्ठा कर बनवाया पोस्टमार्टम रूम

प्रतिनिधि// सावित्री लोधी (अशोक नगर // टाइम्स ऑफ क्राइम)
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अशोक नगर। पिपरई। प्रशासनिक कार्यप्रणाली की लचर व्यवस्थाओं के चलते उसका खामियाजा आमजन को उठाना पडता हैं। जिला मुख्यालय से 26 कि.मी. दूर स्थित पिपरई में स्वास्थ्य केंद्र के नजदीक बने शव विच्छेदन गृह पर छत न होने से खुले में पोस्टमार्टम होता हैं। इसके अतिरिक्त मात्र औपचारिकता पूर्ण करने के लिए बने इस रूम में दरवाजे तक नहीं लगाए गए हैं। पोस्टमार्टम रूम के बनने से पहले स्वास्थ्य केंद्र के पास मैदान में शवों की चीर-फाड की जाती थी। प्रशासन के उदासीनता रवैये के चलते समुचित व्यवस्था न होने से शवों की दूर्गति होती हैं। कस्बे में शव विच्छेदन गृह न होने से स्थानीय लोगों द्वारा लंबे समय से इसके निर्माण की मांग की जा रही थी। इसके बाबजूद प्रशासन द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की गई।
पोस्टमार्टम रूम के लिए किया चंदा:-
वर्तमान में पिपरई कस्बे में आधा-अधूरा नबा शव विच्छेदन गृह लोगों द्वारा चंदा करके बनवाया गया हैं। इसके लिए पिपरई निवासी मुल्लू यादव तात्कालीन डा. योगेंद्र सिंह जो वर्तमान में चंदेरी में पदस्था हैं, एवं उस समय पिपरई थाने में पदस्थ दरोगा द्वारा रूपया मिलाकर पोस्टमार्टम रूम का निर्माण कराया था। स्थानीय निवासी ऊदल सिंह यादव ने बताया कि रहवासियों द्वारा पोस्टमार्टम रूम निर्माण के लिए मांग काफी समय से की जा रही थी। प्रशासनिक स्तर पर इस ओर बिलकुल ध्यान नहीं दिया जा रहा, इसके बाद रूपए मिलाकर उक्त कमरे का निर्माण कराया गया हैं।
प्रशासन द्वारा नहीं उठाए जा रहे उचित कदम:-
शव विच्छेदन गृह के अधूरे पडे कार्य को पूरा करने के लि रहवासियों द्वारा प्रशासन को कई बार अवगत कराया जा चुका है। लेकिन अब तक कोई कदम प्रशासन ने नहीं उठाए हैं। दूसरी ओर स्थानीय निवासियों के द्वारा प्रशासन से निर्माण पूरा करने की मांग की जा रही हैं, जबकि स्वास्थ्य केंद्र प्रबंधन द्वारा कोई प्रयास नहीं किये जा रहे हैं।

रूसल्ला बुजुर्ग में सरपंच-सचिव ने उडाई पंचायती राज्य की धज्जियां

प्रतिनिधि// सावित्री लोधी (अशोक नगर // टाइम्स ऑफ क्राइम)
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अशोक नगर।जब से पंचायती राज्य का गठन हुआ हैं। जब से आज तक ऐसा कम ही देखने में आता हंै कि सरकार के नुमाइंदे सरकार द्वारा बनाए गए नियमों का माखौल उडाएं। क्योंकि विगत कई वर्षों से शासन द्वारा आमजन के अधिकारों का की रक्षा के लिए पंचायती राज्य का गठन किया। जिससे प्रत्येक व्यक्ति के अधिकारों में वृद्धि हो तथा अधिकारों का हनन न हो। लेकिन ईसागढ़ जनपद की ग्राम पंचायत रूसल्ला बुजुर्ग खासखेडा में ग्राम के सरपंच तथा सचिव द्वारा पंचायती राज्य के नियमों की अनदेखी कर कार्य किया जा रहा हैं। जो नियम विरूद्ध हैं। पंचायत के लोगों ने बताया कि पंचायत की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में आती हैं। क्योंकि पंचायत द्वारा प्रत्येक माह में एक ग्रामसभा का आयोजन किया जाता हैं। लेकिन सरपंच व सचिव द्वारा न तो ग्राम के लोगों को ग्रामसभा की जानकारी दी जाती हैं। और अपने घर पर बैठकर ग्रामसभा की खानापूर्ति कर ली जाती हैं। वैसे नियमानुसार ग्रामसभा का आयोजन ग्राम की चौपाल पर होता हैं।
जिसकी जानकारी पंच से लेकर प्रत्येक नागरिक को दी जाती है। लेकिन ऐसा इन लोगों द्वारा नहीं किया जा रहा हैं। ऐसी एक ग्रामसभा का आयोजन सरपंच व सचिव द्वारा दिनांक 30.12.10 को गोपनीय रूप से किया गया, जिसमें इन लोगों द्वारा ग्राम की कई समितियों का गठन कर लिया गया। जब ग्रामवासियों द्वारा विरोध किया गया तो इन लोगों द्वारा ग्राम के लोगों को धमकी दी गई। हम तो ऐसे ही कार्य करेंगे, हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड सकता। ग्राम के सभी लोगों ने जिला प्रशासन से अपील की हैं कि सरपंच व सचिव द्वारा की जा रही मनमानी पर अंकुश लगाया जाये तथा उनके द्वारा पूर्व में किए गए कार्यों की जांच कराई जायें। इस संबंध में जब पंचायत सचिव से मोबाईल पर बात करना चाही, तो संपर्क नहीं हो सका।

पार्षद और सीएमओ आमने-सामने, मूंह विवाद

प्रतिनिधि// सावित्री लोधी (अशोक नगर // टाइम्स ऑफ क्राइम)
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अशोक नगर। मुंगावली नगर पंचायत परिषद द्वारा 11 फरवरी 10 को वार्ड 5 की यादव कालोनी मे पेवर्स सड़क डालने की स्वीकृती प्रदान की थी, लेकिन परिषद के ही सीएमओ ने ही मौके पर जाकर शुरू हुए कार्य को तत्काल प्रभाव से रोक दिया।
एक तरफ प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर अपने उद्बोधन मे कहते फिरते है। प्रदेश की सभी निकायों मे विकास कार्य तेजी से किये जायेगें विकास की गंगा बहायीं जायेगी। लेकिन जिस नगर पंचायत मे रामनिवाश शर्मा जैसे सीएमओ रहेगे, वहां विकास की गंगा तो ठीक नागरिकों को अपनी मूलभूत सुविधाओ के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है। इसका जीता जागता उदाहरण वार्ड 5 की यादव कालोनी मे डाली जा रही रोड का निर्माण कार्य रोका जाना है।
जानकारी अनुसार वार्ड 5 की यादव कालोनी मे पेवर्स सड़क निर्माण के लियें नगर पंचायत के सब ईजींनियर के द्वारा प्रस्ताव बनाया गया और उसको परिषद में रखे जाने पर परिषद ने भी उक्त कार्य के लियें 11 फरवरी 10 को स्वीकृती प्रदान कर दी। और उसके पश्चात प्रस्ताव तकनीकी परीक्षण हेतु एक्जूक्व्टिव ईजींनियर (ई।ई) ग्वालियर के लिए भेजा गया। और ई.ई. ने उक्त कार्य के लिये स्वीकृती प्रदान कर दी। कार्य करने के लिए दिनॉक 8 अक्टूबर 10 को निविदाये आमत्रिंत की गई और सड़क निर्माण के कार्य करने के लिए ठेकेदारो ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया ठेकेदार कृष्ण शरण श्रीवास्तव को उक्त कार्य करने का आदेश 4 दिसबंर 10 को प्रदान दिया गया और ठेकेदार ने 22 नबम्बर 10 को नगर पंचायत से कार्य करने का अनुबंध भी किया गया। जब सड़क निर्माण कार्य के लिए निमार्ण स्थल पर सामग्री एकत्र कर निमार्ण कार्य शुरू ही किया, तो मौके पर सीएमओ ने पहुच कर हो रहे निर्माण कार्य को तत्काल प्रभाव से रोक दिया।

पार्षद पहुचें मौके पर:-
वार्ड के पार्षद दशरथ सिंह यादव ने मौके पर जाकर सीएमओ से कार्य रोके जाने का कारण जानना चाहा तो सीएमओ के द्वारा जर्जर हो चुकी सड़क पर सीसी कराने का आश्वासन दिया गया और कहा इस गली मे पेवर्स नही लग सकती क्योकि यह मंहगी आती है। और पेवर्स लगवाना है। तो हमारे घर पर अकेले मे आकर हमारी बात को समझ लो उसके बाद विचार करेगें की पेवर्स लगना है कि नही।

स्वीकृती क्यो:-
जब वार्ड की गली मे पेवर्स सड़क का निर्माण कार्य नही कराया जाना उचित नही था, तो प्रस्ताव बनाकर परिषद मे क्यो रखा और तकनीकी परीक्षण उपरांत निविदा क्यो जारी की गई और निविदा छपवाने के दी गई राशि की भरपाई कौन करेगा। और ठेकेदार द्वारा निर्माण स्थल पर पहुचाई गई सामग्री मे होने वाले खर्चे का भुगतान किस को भुगतना होगा।
फर्जीबाडे में माहिर है सीएमओ
अगर हम मुंगावली सीएमओ का पिछला कार्यकाल देखे तो हमेशा से ही यह महाशय गोलमाल करने के मामले में बहुत आगे रहे है सी एम ओ शर्मा ने पूर्व में शिवपुरी कलेक्टर राजकुमार पाठक से धोखे से हस्ताक्षर करा लिए थे और जिसके बाद से कलेक्टर पाठक ने तत्काल प्रभाव से जांच के आदेश दे दिए थे और कलेक्टर पाठक का कहना है कि रामनिवास शर्मा से मेंरे मधुर संबंध थे और उन्होने मेरे साथ विश्वास घात किया है। बहरहाल जो भी हो पर मुंगावली का हमेशा से ही दुर्भाग्य रहा है कि मुंगावली में विवादित सीएमओ पदस्थ रहे है और इस नगरपंचायत में एक पे एक बडे घोटाले उजागर होंते आये है वो चाहे पार्षद पतियो का मामला हो या फिर इंजीनियर महोदय का का घपला यह जैसे मुंगावली परिषद की बदकिस्मती कह सकते हैं। इन दिनो विवादो में नगरपंचायत सीएमओ शर्मा फंसते नजर आ रहे है और सीएमओ ने बार्ड क्रमांक 5 में निर्माण कार्य को रोककर एक नये विवाद खड़ा करा दिया है वार्डवासी वीर सिहं, गनपत सिंह, यशवंत, उमा देवी, अनिता, नाग्रेन्द्र परिहार आदि का कहना है कि सीएमओ रामनिवास शर्मा ने हो रहे कार्य को रोक दिया और हम लोगो के सामनें पार्षद से कहा कि अगर तुम्हारे वार्ड में कार्य कराना है तो उसके पैसे लगेगे इस लिए हम लोगों से कहा कि चंदा इकटठा करके मुझे दो जिससे सड़क का निर्माण कार्य शुरू कराया जाये।
इस संबंध में रामनिवाश शर्मा मुख्य नगर पालिका अधिकारी मुंगावली ने बताया कि वार्ड मे रोड की स्थिति ठीक है। और सब ईन्जीनियर की गलती है प्रस्ताव बनाकर परिषद मे नही रखना था मुझसे भी गलती हुई है। निविदा नही निकालना थी। वार्ड वासियो के द्वारा लगाये आरोप निराधार है।

दशरथ सिंह यादव पार्षद वार्ड क्र 5:-
हमारे वार्ड मे सड़क रोकने का मुख्य कारण मेरे द्वारा नगर पंचायत से विभिन्न मदो मे खर्च की राशि से संबधित जानकारी मांगे जाने के कारण मेरे वार्ड मे हो रहे निर्माण कार्य को रोक दिया गया और सीएमओ के द्वारा वार्डवसियों के सामने मुझसे वार्ड से चन्दा एकत्र कर देने की मांग की गई जो कि अनुचित है।
कृष्ण शरण श्रीवास्तव ठेकेदार नगर पंचायत:- वार्ड 5 की यादव कालोनी मे पेवर्स सड़क निर्माण के लियें नगर पंचायत ने निविदा जारी की थी जो कार्य 3 लाख 14 हजार रूपये का था जिसका ठेका कार्य करने के लिये मुझे मिला था। और नगर पंचायत ने मुझसे अनुबन्ध कर कार्य प्रारम्भ करने का आदेश दिया गया लेकिन मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने मौके पर पहुच कर काम बन्द कराया और आगामी आदेश तक कार्य बन्द करने का कहा गया। इसलिये मैने आज तक कार्य नही कराया और इस कार्य मे निर्माण स्थल तक सामग्री पहुचा कर वापस मंगाने मे करीब पचास हजार रूपये का नुकसान हो गया है।
नागेन्द्र परिहार अघ्यक्ष युवा मोर्चा भाजपा:-
नगर पंचायत सीएमओ की मानसिकता ठीक नही है। वह नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर के बारे में भी अपशब्द बकते रहते है। अगर यह घोटाले करते है तो मंत्री थोड़े ही इनको बचायेगें। और यादव कालोनी मे सड़क का निर्माण का कार्य जानबूझकर रोका गया है जबकि वारिस के समय मे इस गली में निकलना बहुत मुश्किल होता है

आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा महीनों बाद बाँटी जा रही हैं डे्रस

प्रतिनिधि// सावित्री लोधी (अशोक नगर // टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरो प्रमुख से सम्पर्क 98262 85581

अशोक नगर। जिला मुख्यालय पर आदिम जाति कल्याण विभाग जब से नगर को जिले का दर्जा मिला हैं तब से लेकर आज तक तक किसी न किसी कारण से सुर्खियों में बना रहता हैं। क्योंकि इस विभाग द्वारा अपने कार्य क प्रति कितना सजग हैं इसका अंदाजा तो इस बात से लगाया जा सकता हैं कि आदिवासी छात्रों को डे्रस गत वर्ष जून माह से मिलना थी, वह करीब 7 माह बाद जनवरी में मिल रही हैं। वह भी सभी छात्रों को नहीं मिल रही हैं। क्योंकि कुल डें्रस 20 प्रतिशत के लिये मंगाई गई हैं। वैसे तो नगर में कडाके की ठंड पड रही हैं। लेकिन इन निर्धन छात्रों को जनवरी माह में ठंड के कपडे अभी तक प्राप्त नहीं हुये हैं। एक ओर जहंा प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रदेश में छात्रों के दर्द को समझते हुये अधिक ठंड पडने के कारण दस दिवस का शासकीय अवकाश घोषित कर दिया हैं। वहीं उनकी योजनाओं का लाभ निर्धन छात्रों को समय पर नहीं मिल रहा हैं। क्योंकि आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारी अपनी मनमर्जी कर प्रदेश सरकार की योजनाओं को पलीता लगाने में कोई कोर-कसोर बाकी नहीं छोड रहे हैं।
इस संबंध में जब जिला संयोजक रमाशंकर सिंह से बात की गई तो उन्होने बताया कि बजट के अभाव में स्वार्टर, जूता-मौजा तथा बच्चों की डे्रस विलंब से खरीदी गई हैं। तथा शेष बचे छात्रों का शीघ्र डे्रस उपलब्ध कराने के लिये मैं शासन को पत्र लिख रहा हूॅ। डे्रस के भौतिक सत्यापन के लिये जिला प्रशासन द्वारा अभिषेक दुबे डिप्टी कलेक्टर के. के. सल्या, जिला कोषालय अधिकारी रामकुमार दुबे, जिला शिक्षा केंद्र के समक्ष माल का भौतिक सत्यापन किया गया।

किराये के भवनों के भरोसे चल रहे शासकीय कार्यालय

प्रतिनिधि// सावित्री लोधी (अशोक नगर // टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरो प्रमुख से सम्पर्क 98262 85581

अशोक नगर। जिले में अधिकांश विभाग किराये के भरोसें चल रहे हैं। अशोकनगर को जिला बने सात वर्ष व्यतीत हो चुके हैं। पर जिला स्तर की सुविधाएं जिलावासियों को मिलना बाकी हैं। शहरवासियों को काफी इंतजार करने के बाद अशोकनगर परिवहन विभाग शुरू किया गया हैं। इससे पूर्व नगरवासियों को परिवहन संबंधित कार्यों के लिए गुना तक जाना पड़ता था। परिवहन विभाग के अतिरिक्त होमगार्ड कार्यालय एवं छात्रावास किराये के भवनों के भरोसे चल रहे हैं। प्रशासन द्वारा अभी तक विभिन्न विभागों के लिए भवन उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। संबंधित विभागों के अधिकारियों द्वारा भवन निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध कराने के संबंध में मुख्यालय पर प्रस्ताव बनाकर भेजे जा चुके हैं, वहीं दूसरी ओर इसके बाद भी प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।
जिला मुख्यालय पर स्थित कलेक्ट्रेट कार्यालय एवं पुलिस अधीक्षक कार्यालय के लिए भी भवन उपलब्ध नहीं हो पाया हैं। कलेक्ट्रेट कार्यालय को स्थानीय पॉलीटक्रिक महाविधालय में लगाया जा रहा हैं। इसके अतिरिक्त आदिमजाति कल्याण विभाग, राजस्व विभाग, श्रम विभाग सहित अन्य विभाग महाविधालय भवन के भरोसे चल रहे है। इसक चलते छात्रों को असुविधा का सामना करना पड़ता है। वहीं एसपी कार्यालय को छात्रावास भवन में चलाया जा रहा हैं। गौरतलब हैं कि राजनीतिक खींचतान के चलते कलेक्ट्रेट कार्यालय के निर्माण के लिए जगह का चुना नहीं हो पा रहा है।
कलेक्ट्रेट भवन निर्माण के लिए अशोकनगर विधायक इजी. लडडूराम कोरी द्वारा मुख्यमंत्री शिवराज ङ्क्षसह चौहान को 6 जगह का प्रस्ताव बनाकर भेजा हैं। जिसमें तुलसी सरोवर के पास स्थित शासकीय भूमि, मोहरी भूमि सहित चार अन्य जगह सम्मिलित हैं। जिले में किराये के भवनों में चल रहे सरकारी विभागों के लिए जनप्रतिनिधि द्वारा प्रयास किए जाएं तो इनका भवन निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध हो सकती हैं।

भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों की खैर नहीं

प्रतिनिधि// सावित्री लोधी (अशोक नगर // टाइम्स ऑफ क्राइम)
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अशोक नगर. जिले में अपनी कार्यप्रणाली को लेकर चर्चित रहे एसपी चंद्रशेखर सोलंकी का आखिरकार बुधवार रात तबादला हो गया। खास बता यह हैं कि इस तबादले को लेकर पूरी जिला भाजपा कोर कमेटी ने राजधानी भोपाल में एकजुट होकर बुधवार को दिनभर विशेष मुहिम चलाई। इसी कवायद के नतीजे में रात को ही एसपी के ट्रांसफर का आदेश जारी हो गया। भाजपा की इस विशेष मुहिम ने श्री सोलंकी को भ्रष्टाचार के कई आरोपों के घेरे में ले लिया है। अपनी इसी विवादास्पद कार्यप्रणाली के चलते उन्हें छह महीने के अंदर ही जिले से जाना पडा।

कैसे चली तबादले की मुहिम :-
भाजपा कोर कमेटी ने जिला मीडिका प्रभारी डा. जयमंडल सिह यादव के घर पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि लंबे समय से एसपी की कार्यप्रणाली से जिले की जनता त्रस्त होकर जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा रही थी। जिस पर जनप्रतिनिधि बार-बार उन्हें समझाइश भी देते रहे, लेकिन लगातार समझाइश के बाद भी उनका रवैया नहंी बदला। इकसे बाद जिला भाजपा को बुधवार को यह विशेष मुहिम छेडनी पडी। इसमें जिलाध्यक्ष भानू सिह रघुवंशी, महामंत्री नीरज मनोरिया, रामबाबू यादव, राजेंद्र सिंंह चौहान, अशोकनगर विधायक लड््डूराम कोरी, मंगावली विधायक राव देशराज सिह यादव, चंदेरी विधायक राव राजकुमार सिह यादव शामिल थे।

सुबह 10:30 बजे, डीजीपी से घर पर मुलाकात:-
कोर कमेटी ने सुबह साढे दस बजे पुलिस महानिदेशक एस.के. राउत से मुलाकात कर एसपी चंदे्रशेखर सोलंकी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए उन पर विभागीय जांच की मांग की। आधे घंटे से ज्यादा समय तक चली इस मुलाकात में श्री राउत ने कोर कमेटी के आरोपों को न केवल ध्यान से सुना, बल्कि शाम तक कार्रवाई का आश्वासन भी दिया।

दोपहर 10:00 बजे वल्लभ भवन में प्रभारी मंत्री के साथ:-
कोर कमेटी दोपहर एक बजे बल्लभ भवन में प्रभारी मंत्री मनोहर ऊंटवाल से मुलाकात कर एसपी के खिलाफ शिकायतों का पुलिंदा थमाया, जिस पर श्री ऊंटवाल ने तुरंत कार्रवाई के संबंध में नोटशीट बनाते हुए गृहमंत्री और सीएम से मुलाकात का समय लिया।
दोहपर 3:00 बजे भाजपा प्रदेश कार्यालय:- दोपहर तीन बजे कोर कमेटी भाजपा प्रदेश कार्यालय पहुंची, जहां पर प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा के सामने एसपी पर कार्रवाई की मांग की।

खोला शिकायतों का पिटारा:-
शाम 5 बजे ग्रहमंंत्री का आवास तीनों विधायकों समेत कोर कमेटी प्रदेश के गृह मंत्री उमाशंकर गुप्ता के निवास पर पहुंची और उनके सामने एसपी की शिकायतों का पिटारा खोला। गृहमंत्री ने कहा कि अशोकनगर एसपी की लगातार शिकायतें आ रही हैं, उनकी विभागीय जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
रात 8 बजे बल्लभ भवन सीएम कक्ष में शिवराज ङ्क्षसह चौहान ने कोर कमेटी की शिकायते सुनी। उन्होने भाजपा विधायकों से कहा कि भ्रष्टाचार के आरोपी किसी भी अधिकारी को नहीं छोडा जाएगा। यदि कोई भी अधिकारी गड़बड़ करता हैं तो उस पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
रात्री 9:10 बजे पीएचक्यू में एसपी चंद्रशेखर सोलंकी का तबादला 6वीं बटालियन जबलपुर किए जाने एवं उनके स्थान पर दीपक वर्मा, एसपी रेल भोपाल का स्थानांतरण के आदेश।
इसी संबंध में भाजपा जिलाध्यक्ष भानू ङ्क्षसह रघुवंशी ने बताया कि एसपी द्वारा ही अपराधियों को संरक्षण दिया जा रहा था। जिले की पुलिस अपराधियों के इशारे पर संचालित हो रही थी। पिछले कुछ महीनों के दौरान तो एसपी की कार्यप्रणाली ने भ्रष्टाचार की सीमाएं पार कर नैतिकता को पूरी तरह से ताक पर रख दियाा था। इसी के चलते कोर कमेटी ने मुख्यमंंत्री से एसपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

इन आरोपों ने कराया ट्रांसफर :- पहला दलित विधवा महिला शांती बाई की माधव तिराहा स्थित लाखों रूपए की कीमती दुकान पर अपराधियों को संरक्षण देकर कब्जा कराया। दूसरा 50 लाख की लूट मामले में जमीन क्रेताओं, आरोपियों सहित लुटेरों से 1 करोड 5 लाख की रिश्वत लेेने एवं मामले में गोलमाल करने का आरोप। तीसरा जयपाल हत्याकांड मामले में हत्यारों से रिश्वत लेकर मामले को दबाने का आरोप। अंतिम पत्रकारों से मारपीट करवाने एवं उन्हें झूठे मामले में फंसाने सहित अपराधियों को संरक्षण देकर उनसे वसूली करवाने का आरोप।


आरोपी रामकिशोर ने मांफी मांग कर प्रकरण को रफा दफा किया

''टाइम्स ऑफ क्राइम'' के प्रतिनिधि उदय सिंह पटेल से आरोपी रामकिशोर ने मांफी मांग कर प्रकरण को रफा दफा किया

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एलर्ट रिपोर्टर//गुलाम गौस अंसारी (सिहोरा // टाइम्स ऑफ क्राइम)
रिपोर्टर से संपर्क:- 9302242508
उल्लेखनीय है, कि यह घटना विगत 8 मई 2006 की बताई जा रही है। उस समय हमारे सिहोरा संवाददाता उदय सिंह पटेल ने सिहोरा के कृषि कार्यालय के अनुविभागीय श्री चौरसिया तथा कार्यालय के अन्य कर्मचारियों द्वारा बरती जा रही अनियमिताएं एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ ''टाइम्स ऑफ क्राइम'' में प्रकाशित कर उक्त अधिकारी तथा कर्मचारियों की कलई उजागर की थी। जिस कारण सिहोरा कृषि कार्यालय के अधिकारी तथा लिपिक उक्त प्रकाशन से सख्त नाराज थे। और इस प्रकाशन का खंडन करने हेतु उन्होंने सिहोरा प्रतिनिधि पर सामाजिक तथा राजनैतिक दबाव डलवाया, किन्तु हमारे सिहोरा प्रतिनिधि ने उक्त प्रकाशन का खंडन करने से साफ इंकार कर दिया। जिस कारण आरोपी रामकिशोर मिश्रा एक दम भड़क गया और उसने प्रतिनिधि पर हमला कर जान से मारने की धमकी दी और अनेक तरह के शर्मनाक अपशब्द कहें। उल्लेखनीय है कि इस घटना की शिकायत पर सिहोरा पुलिस ने आरोपी के खिलाफ प्रकरण कायम कर दफा 294, 506 बी भा.द.वि. के तहत कार्रवाई की और आरोपी को गिरफ्तार कर मामला सिहोरा के न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी श्री मालवीय के न्यायालय में पेश किया। मालूम हो कि यह प्रकरण 4 वर्षों तक न्यायालय में विचाराधीन रहा अभियोजन की ओर से घटना के सभी प्रत्यक्ष दर्शियों ने अपनी-अपनी साक्ष्यी दी और मामले को सफल कर दिया। लम्बे अरसे बाद जब इस प्रकरण में फैसलें की घड़ी नजदीक आई तब आरोपी के सहयोगियों की सलाह पर राम किशोर मिश्रा ने इस प्रकरण कि अभियोगी उदय सिंह पटेल से मांफी मांगी और अपने किये पर शर्मिंदगी प्रकट की। जिस कारण अभियोगी ''टाइम्स ऑफ क्राइम'' ने दया कर आरोपी के खिलाफ चल रहे उक्त प्रकरण क्रमांक 937/06 को समाप्त करने की कार्रवाई की और आरोपी को जेल जाने से बचा लिया।

लाल बंगले का भूत फिर बाहर निकला: भूमाफिया का दबाव

बैतूल // रामकिशोर पंवार (टाइम्स ऑफ क्राइम)
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बैतूल. बैतूल जिले के बहुचर्चित चिटनीस लाल बंगले को खाली करवाने को लेकर कलैक्टर एवं जन सम्पर्क अधिकारी के बीच के विवादो के चलते लाल बंगले का भूत एक बार फिर बाहर निकल आया है। मुख्यमंत्री निवास एवं कार्यालय तक पहुंचे इस विवाद को लेकर कलैक्टर द्वारा आदिवासी समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले जिला जन सम्पर्क अधिकारी के मामले में पूरे प्रदेश के जन सम्पर्क अधिकारी संघ एवं अनुसूचित जनजाति संगठनों के दबाव के बाद बैतूल कलैक्टर की बिदाई लगभग तय हो चुकी थी लेकिन बैतूल जिला भाजपा संगठन के जिला कलैक्टर विजय आनंद कुरील के पक्ष में आ जाने के बाद से मामला ठंडा तो पड़ गया लेकिन भूमाफिया अब इस बात को लेकर दबाव बनाने की स्थिति में आ गया है कि करोड़ों की लागत की जमीन पर बने फिल्म अदाकारा स्वर्गीय लीला चिटनीस के बचपन के साक्षी रहे लाल बंगले को बैतूल के ही एक भाजपा नेता द्वारा खरीदा गया है। बताया जाता है कि उक्त बंगले में चल रहे जन सम्पर्क कार्यालय को खाली करवा कर उसे मीडिया सेंटर में ले जाने की प्रशासनीक पहल के चलते जिले भर के पत्रकार अब प्रशासन के खिलाफ आ गये है। पच्चीस करोड़ में खरीदे गये इस लाल बंगले को पूर्व कलैक्टर एवं वर्तमान आबकारी आयुक्त अरूण भटट द्वारा भी खाली करवाने के प्रयास किये गये लेकिन उस समय भी पत्रकारों के विरोध के चलते उक्त बंगला खाली नहीं करवाया जा सका था। भूमाफियाओं की काफी पहले से इस भवन परिसर की भूमि पर निगाहे लगी हुई थी। लगभग 25 वर्षो से इस भवन में जन सम्पर्क कार्यालय चल रहा है। इसके भूस्वामी मुम्बई में ही रहते है। उनके द्वारा बीते 25 वर्षो में कभी भी बंगले को खाली करवाने के लिए कोई कानूनी प्रक्रिया नहीं की गई लेकिन बीते दो वर्षो से दो बार इस भवन को लेकर प्रशासन के दो अफसरो में मलयुद्ध होते - होते बचा। इस बार पत्रकार भी मैदान में आ जाने से मामले में नया मोड़ आ गया है।

कट्टा अड़ाकर छात्राओं के अपरहण का प्रयास

बैतूल // रामकिशोर पंवार (टाइम्स ऑफ क्राइम)
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बैतूल. नगर से लगे हुए एक इंजीनियरिंग कॉलेज की छात्राओं को लेकर लौट रही वेन का अपहरण नेशनल हाइवे 69 पर शाम को करने का प्रयास किया गया। इस मामले में कोतवाली पुलिस ने 7-8 युवकों को गिरफ्तार भी किया है। घटना के संबंध में बताया गया कि नगर से आठ किलोमीटर दूर आठवां मिल पर स्थित बालाजी टेक्नीकल इंस्टीटयूट की छात्राएं कॉलेज की मारूति ओमनी वेन से शाम पांच बजे शारदा नगर स्थित हास्टल के लिए लौट रही थी। रास्ते में जामठी स्थित ऋतुराज ढाबे से के पास मोटरसाइकिल पर सवार दो युवकों ने इनकी वेन का पीछा किया और जामठी की पुलिया के समीप उक्त दोनों युवकों ने चालक को डराना-धमकाना और गाली-गलौज करना शुरू कर दी। उनका कहना था कि ये लड़कियां उन्हें पसंद आ गई हैं और अपने साथ लेकर जाएंगे। वहीं एक एक युवक ने फोन किया तो पांच मिनट के अंदर 8-10 लड़के और बाइक से मौका स्थल पहुंच गए। इन्होंने भी वेन के कांच तोडऩे के प्रयास किए और वेन को खींचने लगे। यह स्थिति देखकर वेन चालक ने वेन आगे बढ़ाने की कोशिश की तो एक युवक ने रिवाल्वर निकालकर उसकी कनपटी पर अड़ा दी। पूरे घटनाक्रम के दौरान छात्राओं ने भी मोबाइल पर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसके श्रीवास्तव को घटना की जानकारी दी तो उन्होंने भी तत्काल पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस भी मौका स्थल पहुंची तो अपहरण का प्रयास कर रहे युवकों में हड़कम मच गया। कुछ भाग गए और बाकी को पकड़कर पुलिस ले आई। इस मामले में बैतूल टीआई पीएस ठाकुर का कहना है कि कालेज प्रबंधन की रिपोर्ट पर मामला दर्ज किया गया है।
और पकड़े गए युवकों से पूछताछ की जा रही है। वहीं कालेज प्राचार्य डॉ.एसके श्रीवास्तव ने वेन के अपहरण के प्रयास करने की बात स्वीकार करते हुए कहा कि उन्हें छात्राओं से मोबाइल पर सूचना मिली।

हादसों के लिए शुमार जिला नरसिंहपुर

सिटी चीफ // आनंद कुमार नेमा (नरसिंहपुर // टाइम्स ऑफ क्राइम)
प्रतिनिधि से संपर्क:- 94246 44958

नरसिंहपुर. लगभग 15 किमी. दूर गाडरवाड़ा करेली मार्ग के पास बराज ग्राम में मंगलवार को दोपहर करीब 12:30 बजे अपने निवास के सामने खेल रहे मासूम बालिका यात्री बस की चपेट में आ गई। बच्ची की घटना स्थल पर ही मृत्यु हो गई, इस दुर्घटना के बाद गुस्साये लोगों ने ड्राइवर कंडेक्टर को जमकर पीटा और बस को आग के हवाले कर दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार गाडरवाड़ा की ओर जा रही बस क्र. एमपी 04 एचबी 9334 अपने नियंत्रण से बाहर हो गई और बस गलत तरफ पहुँच गई करीब 3 साल की मासूम सी बालिका महक के प्राण पखेरू उड़ गये। जिससे पूरा परिवार और गाँव सदमे में है।
गाँव वाले ने किया चकाजाम
आगबबूला हुए गाँववालों ने पुलिस प्रषासन को जमकर कर कोस रहे थे उनका कहना था कि, प्रषासन की लापवाही के चलते यह घटना हुई हैं। गाँव वालों ने उक्त घटना के बाद भारी शोर-षराबा, गाली-गलौच और जमकर 4-5 घंटे का चकाजाम कर दिया। उसके बाद जनता अपने होष में आई स्थिति सामान्य हुई।
ड्राइवर, कंडेक्टर की हुई धुनाई, भारी पुलिस बल घटना स्थल पहुँचा
इस घटना में गौर करने की बात है कि, चालक ने तुरंत बस को बेक किया और भागने का प्रयास किया, लेकिन करीब 2 किमी. दूर पहुँचने के बाद मोटरसाइकिल से पीछा करके गाँववालों ने बस को रोक लिया। घटना के बाद गाँव वालों ने बस को आग के हवाले कर दिया था। बस धूं-धूं कर जल रही बस की बाग बुझाने गाडरवाड़ा नगरपालिका से तुरंत फायर बिग्रेड को रवाना किया गया जिसने मौके पर पहुँचकर आग पर काबू पाया, लेकिन बस बुरी तरह जल चुकी थी, लेकिन गौर करने की बात है कि, जिले में हादसों का ग्राफ आसमाने की ऊँचाईयों पर चढ़ रहा है, पुलिस प्रशासन एवं मोटर मालिकों की मिलीभगत के कारण पुरानी से पुरानी बसों एवं अनाड़ी ड्राइवरों को कम कीमत पर बसों में चालक के लिए नियुक्त किया जाता है। कई चालक तो ऐसे भी हैं जिनके पास ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं है और नषे चूर रहते हैं। अगर प्रशासन जल्द ही मुस्तैद नहीं हुआ तो जिले की जनता कोई बड़ा कदम उठा सकती है जिससे जिले में तनावजनक स्थितियाँ बन सकती हैं।

पडख़ुरी पवाई (588) रामपुर में आंगनवाड़ी कार्यकत्र्ता पद के चयन में धांधली का आरोप

जिला चीफ ब्यूरो // दीप नारायण (सीधी // टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरों से सम्पर्क : 98932 11126
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सीधी. आंगनवाड़ी कार्यकत्र्ता के चयन में धांधली करने का आरोप लगाया गया है जो प्राप्त सूत्रों के अनुसार पूर्णत: साबित हो रहा है। यह आरोप श्रीमती प्रियम्बदा मिश्रा पत्नी श्री जयप्रकाश तिवारी के द्वारा लगाया गया है। आवेदनकत्र्ता श्रीमती प्रियम्बदा मिश्रा पड़ख्ुारी 588 के आंगनवाड़ी कार्यकत्र्ता हेतु आवेदन दिया गया था जिसमें मांगे गये सभी दस्तावेज पूर्णत: सत्य और सत्यापित हैं। जिसका सत्यापन महिला विकास परियोजना अधिकारी गौतम जी द्वारा किया गया था और सो रिकार्ड और योग्यता के अनुसार चयन समिति द्वारा 68.1 प्रतिशत प्रथम दिया गया है। जबकि प्रथम योग्यता होने के बावजूद आज तक कार्य पर नहीं रखा गया है। आवेदिका का आरोप है कि मेरा चयन होने के बावजूद भी अपाइन्टमेन्ट नहीं किया गया है। जबकि श्यामवती मिश्रा जो कि रीवा जिले की निवासी हैं, इनके दस्तावेज ( निवास प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, बी.पी.एल. कार्ड ) सभी फर्जी रूप से तैयार करवाए गए हैं, जिसका पूर्णत: प्रमाण है। अगर जॉंच करायी जाए तो यह कार्यकत्र्ता इस पद के योग्य नहीं है और प्रतिशत भी मेरे प्रतिशत से कम है। फिर भी जिला महिजा बाल विकास परियोजना अधिकारी तथा रामपुर द्वारा लेन-देन कर धांधली करते हुए पदस्थ किया गया है। मैं पूर्णत: अपने दस्तावेजों, आवेदन, और रिकार्डों की जांच के लिए तैयार हॅ और श्यामवती के दस्तावेजों की जांच कराना चाहती हॅ और जिला प्रषासन से आग्रह करती हॅ कि मुझे न्याय दिलाया जाये और जीवन यापन हेतु मदद की जाए अन्यथा मुझे कोर्ट का सहारा लेना पड़ेगा और मैं इसके आगे के अधिकारियों के पास जाऊॅंगी। मेरे कथन पूर्णत: सत्य हैं। जांच कराई जाए और मुझे पदस्थ किया जाए।

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‘‘ANI NEWS INDIA’’ सर्वश्रेष्ठ, निर्भीक, निष्पक्ष व खोजपूर्ण ‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया ऑनलाइन नेटवर्क’’ हेतु को स्थानीय स्तर पर कर्मठ, ईमानदार एवं जुझारू कर्मचारियों की सम्पूर्ण मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिले एवं तहसीलों में जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / पंचायत स्तर पर क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों / संवाददाताओं की आवश्यकता है।

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नियुक्ति :- सामान्य कार्य परीक्षण, सीधे प्रवेश ( प्रथम आये प्रथम पाये )

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आवश्यक सामग्री :- संसथान तय नियमों के अनुसार आवश्यक सामग्री देगा, परिचय पत्र, पीआरओ लेटर, व्यूज हेतु माइक एवं माइक आईडी दी जाएगी।
प्रशिक्षण :- चयनित उम्मीदवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण भोपाल स्थानीय कार्यालय मे दिया जायेगा, प्रशिक्षण के उपरांत ही तय कार्यक्षेत्र की जबाबदारी दी जावेगी।
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