प्रतिनिधि// सावित्री लोधी (अशोक नगर // टाइम्स ऑफ क्राइम)
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अशोक नगर। मुंगावली नगर पंचायत परिषद द्वारा 11 फरवरी 10 को वार्ड 5 की यादव कालोनी मे पेवर्स सड़क डालने की स्वीकृती प्रदान की थी, लेकिन परिषद के ही सीएमओ ने ही मौके पर जाकर शुरू हुए कार्य को तत्काल प्रभाव से रोक दिया।
एक तरफ प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर अपने उद्बोधन मे कहते फिरते है। प्रदेश की सभी निकायों मे विकास कार्य तेजी से किये जायेगें विकास की गंगा बहायीं जायेगी। लेकिन जिस नगर पंचायत मे रामनिवाश शर्मा जैसे सीएमओ रहेगे, वहां विकास की गंगा तो ठीक नागरिकों को अपनी मूलभूत सुविधाओ के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है। इसका जीता जागता उदाहरण वार्ड 5 की यादव कालोनी मे डाली जा रही रोड का निर्माण कार्य रोका जाना है।
जानकारी अनुसार वार्ड 5 की यादव कालोनी मे पेवर्स सड़क निर्माण के लियें नगर पंचायत के सब ईजींनियर के द्वारा प्रस्ताव बनाया गया और उसको परिषद में रखे जाने पर परिषद ने भी उक्त कार्य के लियें 11 फरवरी 10 को स्वीकृती प्रदान कर दी। और उसके पश्चात प्रस्ताव तकनीकी परीक्षण हेतु एक्जूक्व्टिव ईजींनियर (ई।ई) ग्वालियर के लिए भेजा गया। और ई.ई. ने उक्त कार्य के लिये स्वीकृती प्रदान कर दी। कार्य करने के लिए दिनॉक 8 अक्टूबर 10 को निविदाये आमत्रिंत की गई और सड़क निर्माण के कार्य करने के लिए ठेकेदारो ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया ठेकेदार कृष्ण शरण श्रीवास्तव को उक्त कार्य करने का आदेश 4 दिसबंर 10 को प्रदान दिया गया और ठेकेदार ने 22 नबम्बर 10 को नगर पंचायत से कार्य करने का अनुबंध भी किया गया। जब सड़क निर्माण कार्य के लिए निमार्ण स्थल पर सामग्री एकत्र कर निमार्ण कार्य शुरू ही किया, तो मौके पर सीएमओ ने पहुच कर हो रहे निर्माण कार्य को तत्काल प्रभाव से रोक दिया।
पार्षद पहुचें मौके पर:-
वार्ड के पार्षद दशरथ सिंह यादव ने मौके पर जाकर सीएमओ से कार्य रोके जाने का कारण जानना चाहा तो सीएमओ के द्वारा जर्जर हो चुकी सड़क पर सीसी कराने का आश्वासन दिया गया और कहा इस गली मे पेवर्स नही लग सकती क्योकि यह मंहगी आती है। और पेवर्स लगवाना है। तो हमारे घर पर अकेले मे आकर हमारी बात को समझ लो उसके बाद विचार करेगें की पेवर्स लगना है कि नही।
स्वीकृती क्यो:-
जब वार्ड की गली मे पेवर्स सड़क का निर्माण कार्य नही कराया जाना उचित नही था, तो प्रस्ताव बनाकर परिषद मे क्यो रखा और तकनीकी परीक्षण उपरांत निविदा क्यो जारी की गई और निविदा छपवाने के दी गई राशि की भरपाई कौन करेगा। और ठेकेदार द्वारा निर्माण स्थल पर पहुचाई गई सामग्री मे होने वाले खर्चे का भुगतान किस को भुगतना होगा।
इस संबंध में रामनिवाश शर्मा मुख्य नगर पालिका अधिकारी मुंगावली ने बताया कि वार्ड मे रोड की स्थिति ठीक है। और सब ईन्जीनियर की गलती है प्रस्ताव बनाकर परिषद मे नही रखना था मुझसे भी गलती हुई है। निविदा नही निकालना थी। वार्ड वासियो के द्वारा लगाये आरोप निराधार है।
दशरथ सिंह यादव पार्षद वार्ड क्र 5:-
हमारे वार्ड मे सड़क रोकने का मुख्य कारण मेरे द्वारा नगर पंचायत से विभिन्न मदो मे खर्च की राशि से संबधित जानकारी मांगे जाने के कारण मेरे वार्ड मे हो रहे निर्माण कार्य को रोक दिया गया और सीएमओ के द्वारा वार्डवसियों के सामने मुझसे वार्ड से चन्दा एकत्र कर देने की मांग की गई जो कि अनुचित है।
कृष्ण शरण श्रीवास्तव ठेकेदार नगर पंचायत:- वार्ड 5 की यादव कालोनी मे पेवर्स सड़क निर्माण के लियें नगर पंचायत ने निविदा जारी की थी जो कार्य 3 लाख 14 हजार रूपये का था जिसका ठेका कार्य करने के लिये मुझे मिला था। और नगर पंचायत ने मुझसे अनुबन्ध कर कार्य प्रारम्भ करने का आदेश दिया गया लेकिन मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने मौके पर पहुच कर काम बन्द कराया और आगामी आदेश तक कार्य बन्द करने का कहा गया। इसलिये मैने आज तक कार्य नही कराया और इस कार्य मे निर्माण स्थल तक सामग्री पहुचा कर वापस मंगाने मे करीब पचास हजार रूपये का नुकसान हो गया है।
नागेन्द्र परिहार अघ्यक्ष युवा मोर्चा भाजपा:-
नगर पंचायत सीएमओ की मानसिकता ठीक नही है। वह नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर के बारे में भी अपशब्द बकते रहते है। अगर यह घोटाले करते है तो मंत्री थोड़े ही इनको बचायेगें। और यादव कालोनी मे सड़क का निर्माण का कार्य जानबूझकर रोका गया है जबकि वारिस के समय मे इस गली में निकलना बहुत मुश्किल होता है
एक तरफ प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर अपने उद्बोधन मे कहते फिरते है। प्रदेश की सभी निकायों मे विकास कार्य तेजी से किये जायेगें विकास की गंगा बहायीं जायेगी। लेकिन जिस नगर पंचायत मे रामनिवाश शर्मा जैसे सीएमओ रहेगे, वहां विकास की गंगा तो ठीक नागरिकों को अपनी मूलभूत सुविधाओ के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है। इसका जीता जागता उदाहरण वार्ड 5 की यादव कालोनी मे डाली जा रही रोड का निर्माण कार्य रोका जाना है।
जानकारी अनुसार वार्ड 5 की यादव कालोनी मे पेवर्स सड़क निर्माण के लियें नगर पंचायत के सब ईजींनियर के द्वारा प्रस्ताव बनाया गया और उसको परिषद में रखे जाने पर परिषद ने भी उक्त कार्य के लियें 11 फरवरी 10 को स्वीकृती प्रदान कर दी। और उसके पश्चात प्रस्ताव तकनीकी परीक्षण हेतु एक्जूक्व्टिव ईजींनियर (ई।ई) ग्वालियर के लिए भेजा गया। और ई.ई. ने उक्त कार्य के लिये स्वीकृती प्रदान कर दी। कार्य करने के लिए दिनॉक 8 अक्टूबर 10 को निविदाये आमत्रिंत की गई और सड़क निर्माण के कार्य करने के लिए ठेकेदारो ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया ठेकेदार कृष्ण शरण श्रीवास्तव को उक्त कार्य करने का आदेश 4 दिसबंर 10 को प्रदान दिया गया और ठेकेदार ने 22 नबम्बर 10 को नगर पंचायत से कार्य करने का अनुबंध भी किया गया। जब सड़क निर्माण कार्य के लिए निमार्ण स्थल पर सामग्री एकत्र कर निमार्ण कार्य शुरू ही किया, तो मौके पर सीएमओ ने पहुच कर हो रहे निर्माण कार्य को तत्काल प्रभाव से रोक दिया।
पार्षद पहुचें मौके पर:-
वार्ड के पार्षद दशरथ सिंह यादव ने मौके पर जाकर सीएमओ से कार्य रोके जाने का कारण जानना चाहा तो सीएमओ के द्वारा जर्जर हो चुकी सड़क पर सीसी कराने का आश्वासन दिया गया और कहा इस गली मे पेवर्स नही लग सकती क्योकि यह मंहगी आती है। और पेवर्स लगवाना है। तो हमारे घर पर अकेले मे आकर हमारी बात को समझ लो उसके बाद विचार करेगें की पेवर्स लगना है कि नही।
स्वीकृती क्यो:-
जब वार्ड की गली मे पेवर्स सड़क का निर्माण कार्य नही कराया जाना उचित नही था, तो प्रस्ताव बनाकर परिषद मे क्यो रखा और तकनीकी परीक्षण उपरांत निविदा क्यो जारी की गई और निविदा छपवाने के दी गई राशि की भरपाई कौन करेगा। और ठेकेदार द्वारा निर्माण स्थल पर पहुचाई गई सामग्री मे होने वाले खर्चे का भुगतान किस को भुगतना होगा।
फर्जीबाडे में माहिर है सीएमओ
अगर हम मुंगावली सीएमओ का पिछला कार्यकाल देखे तो हमेशा से ही यह महाशय गोलमाल करने के मामले में बहुत आगे रहे है सी एम ओ शर्मा ने पूर्व में शिवपुरी कलेक्टर राजकुमार पाठक से धोखे से हस्ताक्षर करा लिए थे और जिसके बाद से कलेक्टर पाठक ने तत्काल प्रभाव से जांच के आदेश दे दिए थे और कलेक्टर पाठक का कहना है कि रामनिवास शर्मा से मेंरे मधुर संबंध थे और उन्होने मेरे साथ विश्वास घात किया है। बहरहाल जो भी हो पर मुंगावली का हमेशा से ही दुर्भाग्य रहा है कि मुंगावली में विवादित सीएमओ पदस्थ रहे है और इस नगरपंचायत में एक पे एक बडे घोटाले उजागर होंते आये है वो चाहे पार्षद पतियो का मामला हो या फिर इंजीनियर महोदय का का घपला यह जैसे मुंगावली परिषद की बदकिस्मती कह सकते हैं। इन दिनो विवादो में नगरपंचायत सीएमओ शर्मा फंसते नजर आ रहे है और सीएमओ ने बार्ड क्रमांक 5 में निर्माण कार्य को रोककर एक नये विवाद खड़ा करा दिया है वार्डवासी वीर सिहं, गनपत सिंह, यशवंत, उमा देवी, अनिता, नाग्रेन्द्र परिहार आदि का कहना है कि सीएमओ रामनिवास शर्मा ने हो रहे कार्य को रोक दिया और हम लोगो के सामनें पार्षद से कहा कि अगर तुम्हारे वार्ड में कार्य कराना है तो उसके पैसे लगेगे इस लिए हम लोगों से कहा कि चंदा इकटठा करके मुझे दो जिससे सड़क का निर्माण कार्य शुरू कराया जाये। इस संबंध में रामनिवाश शर्मा मुख्य नगर पालिका अधिकारी मुंगावली ने बताया कि वार्ड मे रोड की स्थिति ठीक है। और सब ईन्जीनियर की गलती है प्रस्ताव बनाकर परिषद मे नही रखना था मुझसे भी गलती हुई है। निविदा नही निकालना थी। वार्ड वासियो के द्वारा लगाये आरोप निराधार है।
दशरथ सिंह यादव पार्षद वार्ड क्र 5:-
हमारे वार्ड मे सड़क रोकने का मुख्य कारण मेरे द्वारा नगर पंचायत से विभिन्न मदो मे खर्च की राशि से संबधित जानकारी मांगे जाने के कारण मेरे वार्ड मे हो रहे निर्माण कार्य को रोक दिया गया और सीएमओ के द्वारा वार्डवसियों के सामने मुझसे वार्ड से चन्दा एकत्र कर देने की मांग की गई जो कि अनुचित है।
कृष्ण शरण श्रीवास्तव ठेकेदार नगर पंचायत:- वार्ड 5 की यादव कालोनी मे पेवर्स सड़क निर्माण के लियें नगर पंचायत ने निविदा जारी की थी जो कार्य 3 लाख 14 हजार रूपये का था जिसका ठेका कार्य करने के लिये मुझे मिला था। और नगर पंचायत ने मुझसे अनुबन्ध कर कार्य प्रारम्भ करने का आदेश दिया गया लेकिन मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने मौके पर पहुच कर काम बन्द कराया और आगामी आदेश तक कार्य बन्द करने का कहा गया। इसलिये मैने आज तक कार्य नही कराया और इस कार्य मे निर्माण स्थल तक सामग्री पहुचा कर वापस मंगाने मे करीब पचास हजार रूपये का नुकसान हो गया है।
नागेन्द्र परिहार अघ्यक्ष युवा मोर्चा भाजपा:-
नगर पंचायत सीएमओ की मानसिकता ठीक नही है। वह नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर के बारे में भी अपशब्द बकते रहते है। अगर यह घोटाले करते है तो मंत्री थोड़े ही इनको बचायेगें। और यादव कालोनी मे सड़क का निर्माण का कार्य जानबूझकर रोका गया है जबकि वारिस के समय मे इस गली में निकलना बहुत मुश्किल होता है
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