उच्च शिक्षा विभाग के तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी सुरेन्द्र कुमार उपाध्याय जानकारी न देने के दोषी
शासकीय महाविद्यालय खातेगांव जिला देवास के सहायक प्राध्यापक अर्थशास्त्र श्री एस.के. वागले ने लोक सूचना अधिकारी एवं अपीलीय अधिकारी द्वारा समयावधि में सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत जानकारी न देने के कारण अपनी अपील सूचना आयोग के कार्यालय में की थी। अपील करने वाले श्री वागले ने अपने आवेदन में कहा कि कार्यालय आयुक्त उच्च शिक्षा विभाग से जो पत्र उन्हें मिला है, उस पत्र में उच्च शिक्षा विभाग के पूर्व आयुक्त के हस्ताक्षर वास्तविक होने पर संदेह व्यक्त किया गया है। इस हस्ताक्षर के मिलान के लिये श्री वागले द्वारा श्री एस.के. उपाध्याय के समक्ष लोक सूचना अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन प्रस्तुत किया गया। तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी श्री उपाध्याय ने उनका आवेदन जांच कार्य में अवरोध उत्पन्न करने एवं अपराधियों को पकड़े जाने में आने वाली दिक्कतों को बताकर अमान्य कर दिया।
राज्य सूचना आयोग में प्रस्तुत किये गये आवेदन की जांच करने में तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी की लापरवाही सामने आयी। इसके लिये राज्य सूचना आयोग ने श्री उपाध्याय को अपना पक्ष प्रस्तुत करने का नोटिस जारी किया। नोटिस मिलने के बाद भी तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी न तो आयोग के समक्ष उपस्थित हुए और ना ही उनके द्वारा लिखित जवाब दिया गया।
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