प्रतिनिधि// सावित्री लोधी (अशोक नगर// टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरो प्रमुख से सम्पर्क 98262 85581
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अशोक नगर। घरेलू गैस सिलेंडर की कालाबाजारी से एक ओर जहा उपभोक्ता त्रस्त हैं वहीं दूसरी ओर गैस संचालकों द्वारा दिन दूनी रात चौगनी कमाई की जा रही हैं। नगर के रसोई गैस उपभोक्ता सिलेंडर के लिये आये दिन परेशान होते नजर आ रहे हैं। नगर में एक ओर जहां अवैध रूप से नगर के होटलों एवं रेस्टोरेंट में रसोई गैस सिलेंडर का उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा हैं वहीं वाहनों में गैस रिफलिंग का कार्य भी धड़ल्ले से संचालित हो रहा हैं परंतु संबंधित आलाधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिससे गैस संचालकों के हौसलें बुलंद हैं।
दुकानदार नहीं कर रहे व्यवसायिक गैस सिलेण्डरों का उपयोग
नगर के होटल एवं रेस्टोरेंट सहित चाय की दुकानों पर कमर्शियल गैस सिलेण्डरों का उपयोग होना चाहिए। पंरतु होटलों एवं दुकानों पर घरेलू गैस सिलेंडर को जमकर उपयोग किया जा रहा हैंं। पूर्व में जब जिला प्रशासन ने होटल एवं रेस्टोरेंट व चाय की दुकानों पर छापामार कार्यवाही की थी तब इन दुकानों के संचालको के प्रतिष्ठानों से घरेलू गैस सिलेण्डर बरामद किये गये थे तब इन दुकानों पर कमर्शियल गैस सिलेण्डर का उपयोग होने लगा था। परंतु जिला प्रशासन की उदासीनता के चलते अब व्यापारी प्रतिष्ठानों एवं दुकानों पर घरेलू गैस सिलेण्डर का उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा हैं।
वाहनों में हो रही गैस रिफलिंग
नगर के विभिन्न स्थानों पर धडल्ले से अवैध रूप से वाहनों में गैस रिफलिंग का कार्य किया जा रहा हैं जिससे वाहन मालिकों द्वारा रसोई गैस सिलेण्डर ब्लैक में खरीदकर वाहनों में गैस रिफलिंग कराई जा रही हैं। क्योंकि डीजल की अपैक्षा गैस सस्ता पड़ता हैं। जिससे वाहन मालिक अपने वाहनें में घरेलू गैस सिलेण्डर का उपयोग कर रहे हैं। घरेलू गैस सिलेण्डर का उपयोग होटल एवं रेस्टोरेंट सहित चाय की दुकानों मेें होने के साथ ही वाहनों में किया जा रहा हैंं।
जिससे रसोई गैस सिलेण्डर की मांग बढ़ गयी हैं। रसोई गैस सिलेण्डर की मांग बढने के चलते अब उपभोक्ताओं को भी सिलेण्डर के लिये नम्बर लगाने के बावजूद इधर-उधर भटकना पड़ता हैं। तब लोगों को खाना बनाने गैस सिलेण्डर उपलब्ध हो पाता हैं। बताया जाता हैं कि ब्लैक से बेचे जाने वाले घरेलू गैस सिलेण्डर पर 100 रूपये अतिरिक्त वसूले जाते हैं। जिससे गैस संचालक उपभोक्ताओं की मांग को नजर अंदाज करते हुये दुकानदारों एवं वाहन चालकों को ब्लैक पर रसोई गैस सिलेण्डर बेचकर अपनी तिजौरिया भरने में जुटे हुये हैं।
गैस एजेंसी संचालकों की मनमानी
नगर के गैस एजेंसी संचालक अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में रसोई गैस सिलेण्डरों को ब्लैक में बिकवाने में रूचि ले रहे हैं। जिसके चलते गैस उपभोक्ताओं को समय पर रसोई गैस उपलब्ध नहीं करायी जाती हैं और उपभोक्ताओं में तीव्र आक्रोश व्याप्त हो जाता हैं। यह बात भी सच हैं कि यदि गैस संचालकों द्वारा ब्लैक में बेचे जाने वाले सिलेण्डरों एवं दुकानों पर उपयोग होने वाले रसोई गैस सिलेण्डरों एवं दुकानों पर उपयोग होने वाले रसोई गैस सिलेण्डरों पर शक्ति के साथ प्रतिबंध लग जाये तो नगर के आम उपभोक्ताओं को खाना बनाने हेतु आसानों से रसोई गैस सिलेण्डर उपलब्ध हो सकते हैं।
दुकानदार नहीं कर रहे व्यवसायिक गैस सिलेण्डरों का उपयोग
नगर के होटल एवं रेस्टोरेंट सहित चाय की दुकानों पर कमर्शियल गैस सिलेण्डरों का उपयोग होना चाहिए। पंरतु होटलों एवं दुकानों पर घरेलू गैस सिलेंडर को जमकर उपयोग किया जा रहा हैंं। पूर्व में जब जिला प्रशासन ने होटल एवं रेस्टोरेंट व चाय की दुकानों पर छापामार कार्यवाही की थी तब इन दुकानों के संचालको के प्रतिष्ठानों से घरेलू गैस सिलेण्डर बरामद किये गये थे तब इन दुकानों पर कमर्शियल गैस सिलेण्डर का उपयोग होने लगा था। परंतु जिला प्रशासन की उदासीनता के चलते अब व्यापारी प्रतिष्ठानों एवं दुकानों पर घरेलू गैस सिलेण्डर का उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा हैं।
वाहनों में हो रही गैस रिफलिंग
नगर के विभिन्न स्थानों पर धडल्ले से अवैध रूप से वाहनों में गैस रिफलिंग का कार्य किया जा रहा हैं जिससे वाहन मालिकों द्वारा रसोई गैस सिलेण्डर ब्लैक में खरीदकर वाहनों में गैस रिफलिंग कराई जा रही हैं। क्योंकि डीजल की अपैक्षा गैस सस्ता पड़ता हैं। जिससे वाहन मालिक अपने वाहनें में घरेलू गैस सिलेण्डर का उपयोग कर रहे हैं। घरेलू गैस सिलेण्डर का उपयोग होटल एवं रेस्टोरेंट सहित चाय की दुकानों मेें होने के साथ ही वाहनों में किया जा रहा हैंं।
जिससे रसोई गैस सिलेण्डर की मांग बढ़ गयी हैं। रसोई गैस सिलेण्डर की मांग बढने के चलते अब उपभोक्ताओं को भी सिलेण्डर के लिये नम्बर लगाने के बावजूद इधर-उधर भटकना पड़ता हैं। तब लोगों को खाना बनाने गैस सिलेण्डर उपलब्ध हो पाता हैं। बताया जाता हैं कि ब्लैक से बेचे जाने वाले घरेलू गैस सिलेण्डर पर 100 रूपये अतिरिक्त वसूले जाते हैं। जिससे गैस संचालक उपभोक्ताओं की मांग को नजर अंदाज करते हुये दुकानदारों एवं वाहन चालकों को ब्लैक पर रसोई गैस सिलेण्डर बेचकर अपनी तिजौरिया भरने में जुटे हुये हैं।
गैस एजेंसी संचालकों की मनमानी
नगर के गैस एजेंसी संचालक अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में रसोई गैस सिलेण्डरों को ब्लैक में बिकवाने में रूचि ले रहे हैं। जिसके चलते गैस उपभोक्ताओं को समय पर रसोई गैस उपलब्ध नहीं करायी जाती हैं और उपभोक्ताओं में तीव्र आक्रोश व्याप्त हो जाता हैं। यह बात भी सच हैं कि यदि गैस संचालकों द्वारा ब्लैक में बेचे जाने वाले सिलेण्डरों एवं दुकानों पर उपयोग होने वाले रसोई गैस सिलेण्डरों एवं दुकानों पर उपयोग होने वाले रसोई गैस सिलेण्डरों पर शक्ति के साथ प्रतिबंध लग जाये तो नगर के आम उपभोक्ताओं को खाना बनाने हेतु आसानों से रसोई गैस सिलेण्डर उपलब्ध हो सकते हैं।
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