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सोनिया गाँधी के बारे में यह जबरदस्त खुलासा स्विट्ज़रलैंड से हीं आया है, जहाँ दुनिया भर के बेईमान अपने हिस्से का धन रखते हैं. November 19, 1991, Schweizer Illustrierte , जो स्विट्ज़रलैंड की एक प्रसिद्ध पत्रिका है , ने एक खुलासा करते हुए तीसरी दुनिया के कुछ नमी -गिरामी नेताओं की सूचि जरी की थी, जिनके नाम अकूत धन स्विस बैंक के खाते में जमा था. इस सूची में राजीव गाँधी का भी नाम था. यह पत्रिका कोई आम पत्रिका नहीं है. इस पत्रिका की लगभग 2,15,000 प्रतियाँ छपती हैं और इसके पाठकों की संख्या लगभग 9,17,000 है जो पूरे स्विट्ज़रलैंड की व्यस्क आबादी के छठा हिस्सा है. नए के जी बी रिकार्ड के खुलासे को मानें तो ” ये खाता स्वर्गीय राजीव गाँधी की विधवा सोनिया गाँधी अपने अवयस्क लड़के के बदले संचालित करती हैं. इस खाते में 2.5 बिलियन स्विस फ्रैंक हैं जो लगभग 2 .2 बिलियन डॉलर हुए. यह 2.2मिलियन डॉलर का खाता तब भी सक्रिय था, जब राहुल गाँधी जून 1998 में वयस्क हुए थे. यह कला धन, भारतीय रुपये में लगभग 10 ,000करोड़ हुआ. स्विस बैंक अपने यहाँ जमा राशि को इन्वेस्ट करता है और जमाकर्ता की राशी बढती रहती है. अगर इस धन को सुरक्षित लम्बी अविधि की प्रतिभुतिओन में निवेश किया गया होता तो आज यह रकम 2 .2 बिलियन डॉलर से बढ़कर 7.41 डॉलर हुई होती , जो लगभग 42,,345 करोड़ रुपये के बराबर है . अगर इसे अमेरिकी शेयर बाज़ार में लगाया गया होगा तो आज यह रकम , लगभग 12,71 बिलियन डॉलर हुई होगी यानि 48,365 करोड़ रुपये. अधिक संभावना तो ये है कि इसे लम्बे समय तक शेयरों में 50-50 में लगाया गया हो , तब भी यह राशी 11.21 बिलियन डॉलर बनेगी., यानि 50,355 करोड़ रुपये. किसी भी हालत में , वैश्विक आर्थिक मंदी ( सन २००८ ) के पहले यह राशी लगभग 18.66 बिलियन डॉलर बनेगी ( लगभग 83,700 करोड़ रुपये ).आज यह राशी 43,000 से ज्यादा और 84,000 करोड़ के बीच में कुछ भी हो सकती है.स्वीस बैंक में जमा भारतीय धन की वापसी पर सोनिया-राहुल का मौन क्यों ? “कर चोरी, भ्रष्टाचार, रिश्वत और दलाली, और आपराधिक गतिविधियों ‘के माध्यम से” 1948 2008 के मध्य से भारत के लगभग 213 अरब डॉलर का अवैध वित्तीय प्रवाह में (or illegal capital flight) नुकसान हुआ है. अब यह तो बीस साल पहले के आंकड़े को केंद्र में रख कर किया गया दस्तावेज है. कांग्रेस के हालिया कार्यकालों में हुए घोटाले पर नज़र डाली जाये तो आंकड़ा दिल दहला देगा.” काला धन ” इतना कि नोटों को जला कर अगर हर रोज खाना भी पकाया जाये , तो गाँधी परिवार 20 सालों तक रसोई गैस न ख़रीदे. अब देश के प्रत्यक्ष सत्ताधारी , स्वयं इतने बड़ी जवाबदेही रखता हो , तो भला ऐसे सरकार से क्या उम्मीद की जा सकती है ? निष्कर्ष है कि स्विस खातों में सोनिया परिवार की संदिग्ध अरबों डॉलर की बात सामने आई है जिस पर कांग्रेस की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं है बहरहाल , कोई भी जांच प्रणाली स्वतंत्र रूप से 462 अरब डॉलर लूट की जांच नहीं कर सकती जब स्वयं गाँधी परिवार की हिस्सेदारी इतनी बड़ी हो
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