मध्य प्रदेश न्यायालय विधेयक-2011 को मंजूरी दे दी गई है
भोपाल // toc news internet channel (टाइम्स ऑफ क्राइम)
भोपाल मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार के मामलों के शीघ्र निराकरण के लिए विशेष न्यायालयों की स्थापना की जाएगी और दोषी पाए गए लोक सेवकों की अनधिकृत सम्पत्ति जब्त कर ली जाएगी. राज्य मंत्रिपरिषद ने इस व्यवस्था को लागू करने के लिए मध्य प्रदेश न्यायालय विधेयक-2011 को अपनी मंजूरी दे दी है.मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए.सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि मध्य प्रदेश न्यायालय विधेयक-2011 को मंजूरी दे दी गई है और इसे विधानसभा के आगामी सत्र में पेश किया जाएगा.विधेयक के प्रावधानों की जानकारी देते हुए मिश्रा ने बताया कि भ्रष्टाचार पर नियंत्रण और उसके निर्मूलन के लिए विशेष न्यायालय गठित किए जाएंगे. इन न्यायालयों में जिला व सत्र तथा अपर जिला व सत्र स्तर के न्यायाधीशों की नियुक्ति की जाएगी. इन न्यायालयों के फैसलों को उच्च न्यायालय में ही चुनौती दी जा सकेगी.विधेयक के प्रावधानों के मुताबिक लोक सेवकों द्वारा आय से अधिक अर्जित की गई अनधिकृत सम्पत्ति को जब्त कर उसे राज्य की सम्पत्ति में मिला लिया जाएगा.इसके अलावा पूर्व व वर्तमान लोक सेवकों के खिलाफ चल रहे मामलों को तथा अन्य न्यायालयों में चल रहे भ्रष्टाचार से संबंधित मामलों को भी विशेष न्यायालय को सौंपने का विधेयक में प्रावधान है.
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