सूचना आयोग का मीडिया पर हमला
toc news internet channel (टाइम्स ऑफ क्राइम)
भोपाल। “राज्य सूचना आयोग के पास ऐसे कोई अधिकार नहीं है जिसका वह पालन करा सके। अगर आपको सूचना के अधिकार के तहत जानकारी लेना हो तो आप हाइकोर्ट जायें“ यह कहना था प्रदेष के राज्य सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त पùमणि तिवारी का। उन्होने यह बात आज सूचना के अधिकार के तहत अपीलकर्ता राघेष्याम अग्रवाल द्वारा प्रदेष के राजनैतिक लोगों के अपराधिक प्रकरण के मामले में न्यायालयों से वापिस लिये गये प्रकरणों की जानकारी मांगें जाने पर निर्णय के दौरान कहीं। मुख्य सूचना आयुक्त श्री तिवारी तो इतने खफा हो गये कि उन्होैने लोकायुक्त के मामले में किये गये फैसले पर उनको मीडिया द्वारा लपेटे जाने पर मीडिया को भला बुरा कहा। मुख्य सूचना आयुक्त के कक्ष में राधेष्याम अग्रवाल अपीलकर्ता के रुप में उपस्थित हुये दूसरी और से गृह विभाग के चन्द्रहास दुबे (लोक सूचना अधिकारी) उपस्थित थे।श्री तिवारी ने अपीलकर्ता की अपील पढ़ते हुये कहा कि हम कैसे यह जानकारी दिलाये तभी प्रदेष सरकार के गृह विभाग के प्रतिनिधि लोक सूचना अधिकारी श्री दुबे ने सामान्य प्रशसन के परिपत्र का हवाला देते हुये कहा कि यह गोपनीय मामला है जिसको उजागर नहीं कर सकते हैं।श्री तिवारी ने उस परिपत्र को मानते हुये अपीलकर्ता राधेष्याम अग्रवाल के द्वारा उठाये गये मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया और यहॉं तक कह दिया कि उनका तो अब एक वर्ष का कार्यकाल बचा है। फेैसले करने के बाद लोग उन्हें गालियॉं देतेे हैं। आपको न्याय लेना हो तो हाइकोर्ट जाकर अपनी गुहार करें हम आदेषों का पालन कराने के लिये बाध्य नहीं है। यह तो थोड़ी बहुत जानकारी आयोग के गठन के बाद लोगों को मिल रही है। फिलहाल राधेष्याम अग्रवाल ने उपरोक्त जानकारी विधि मंत्रालय से भी मांगी थी किन्तु विधि मंत्रालय ने गृह विभाग को पत्र भेज दिया पिछले एक वर्ष से सरकार के दरवाजे पर दस्तक दे रहे राधेष्याम अग्रवाल को जानकारी न देने से शासन की मनसा पर प्रष्नचिन्ह लग गया है। आखिर नौकरषाहों की चलेगी या राजनैताओं की।उल्लेखनीय है कि राधेष्याम अग्रवाल लोक सूचना अधिकार के तहत कई जानकारी प्राप्त कर चुके हैं। अभी एक जानकारी भारतीय प्रषासनिक सेवा के अधिकारियों की विदेष यात्रा का है। आयोग के आदेष पारित होने के बाद भी राधेष्याम अग्रवाल को विदेष यात्रा की जानकारी नहीं मिली है। मुख्यमंत्री षिवराज सिंह सरकार ने हाल ही में भ्रष्टाचार को रोकने के लिये विषेष न्यायालयों की स्थापना करने की घोषणा की है। किन्तु कथनी करनी के अंतर को जनता सदैव जानती है। विष्व पत्रकार दिवस पर पत्रकारों का अपमान किया जा रहा है।
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