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दिल्ली में शनिवार को जेएनयू से पासआउट और केमेस्ट्री के टीचर ने पत्नी और तीन बच्चों की हत्या कर दी थी. अपने परिवार के चार सदस्यों की बेरहमी से हत्या करने वाले आरोपी उपेंद्र शुक्ला ने पूरे प्लान के साथ वारदात को अंजाम दिया था. इसके लिए उसने पूरी तैयारी कर रखी थी. वारदात के समय कोई विरोध ना कर सके इसके लिए नींद की गोलियों का इंतजाम किया गया.
पुलिस के अनुसार, उपेंद्र ने वारदात के एक दिन पहले ही मेहता चौक से चाकू खरीदा था. कटर उसके पास पहले से था. यह सब मौत का सामान उसने घर में छिपाकर रख दिया. शाम 4.30 बजे वह घर के नीचे दुकान से दूध लेने गया. रात को उपेंद्र के 2 बेडरूम वाले फ्लैट में उपेंद्र का परिवार, सास ललिता देवी और भतीजी अनमोल (12) थी. इन सबने रात में खाना खाया और सोने चले गए.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सोने से पहले उपेंद्र ने पत्नी से दूध मंगवा लिया. अर्चना 4 ग्लास में दूध लेकर आई. उसने पत्नी को दूसरे कमरे में भेज दिया और दूध में नींद की गोलियां मिला दीं. अर्चना और उसके दोनों बच्चों ने दूध पी लिया. उपेंद्र ने भी अपने ग्लास में गोलियां मिलाई थीं. हालांकि, उसकी मात्रा परिवार के अन्य सदस्यों से कुछ कम थी.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोपी ने देर रात 1 से 2 बजे के बीच चाकू से सभी का गला काट दिया. सबसे पहले उसने पत्नी को मारा. चाकू और पत्थर काटने वाली मशीन दोनों पर ही खून लगा मिला है, इस वजह से वारदात में उसका इस्तेमाल होने की भी बात कही जा रही है.
खून से लथपथ अर्चना की बॉडी फर्श पर और तीनों बच्चों का शव बेड के ऊपर पड़ा था. पूरे कमरे के अंदर खून ही खून पड़ा हुआ था. उपेन्द्र बेड पर बैठा हुआ था. उसके हावभाव नशे की हालत जैसे थे. पुलिस को देखकर भी उसने कोई रिएक्ट नहीं किया. चाकू व ग्राइंडर मशीन रूम में पड़ी थी. कमरे में ही चार गोली के पत्ते बरामद हुए, जो नींद के थे.
चार कत्ल करने के बाद आरोपी ने पूरी रात उनके साथ ही गुजारी. वह पत्नी और बच्चों के शवों को निहारता रहा. उपेन्द्र की सास और भतीजी अनमोल बगल वाले कमरे में ही सो रही थी. उन्हें रात में हुई इन चार हत्याओं की भनक तक नहीं लगी. शनिवार सुबह अनमोल को ललिता देवी ने तैयार कर स्कूल भेज दिया. उसने बेटी को उठाने के लिए कई बार दरवाजा खटखटाया, लेकिन अंदर से कोई जवाब नहीं आया. काफी देर की कोशिश के बाद भी स्थिति यही रही. इसके बाद महिला ने शोर मचाना शुरू किया.
उपेंद्र के घर के नजदीक रहने वाले पड़ोसी ने बताया कि वह आसपास लोगों से मतलब कम ही रखता है. देखने में वह बेहद गंभीर प्रवृति का इंसान लगता था. आते-जाते वक्त अगर वह दिख जाता तो दुआ-सलाम हो जाया करती थी, वरना वह लोगों से मेलजोल कम ही रखता था. पति-पत्नी, दोनों बेहद शांत स्वभाव के थे. उन्हें भी इस बात को लेकर हैरानी हो रही है कि आखिर वह इतना बड़ा कदम कैसे उठा सकते हैं. उन्होंने कभी इस परिवार में किसी तरह झगड़े की बात भी नहीं सुनी थी. इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों के मुताबिक हर फ्लोर पर 62-62 गज के फ्लैट बने हुए हैं. चौथी मंजिल पर उपेंद्र शुक्ला, दूसरी मंजिल पर भंडारी और आलम परिवार घर खरीदकर रह रहे हैं, जबकि बाकी फ्लैट्स में किराएदार रहते हैं.
पुलिस के अनुसार, आरोपी इस फ्लैट में करीब 7-8 वर्ष से रह रहा है. चौथी मंजिल पर दो फ्लैट बने हुए हैं, जिसमें उसने घर के पीछे वाला हिस्सा खरीद रखा है. घर की कीमत करीब 20 से 25 लाख के बीच है. आरोपी केमेस्ट्री टीचर है, जिसके पास 12-13 होम ट्यूशन थीं. ऐसे में उसकी आर्थिक स्थिति कमजोर होने की आंशका कम ही है. उपेंद्र की बेटी प्रिंस पब्लिक स्कूल में तीसरी कक्षा और बेटा रौनक पहली कक्षा का छात्र था. पुलिस को ये भी जानकारी मिली है उपेंद्र बीपी और उसकी पत्नी शुगर की मरीज थी. इस बीमारी को लेकर दोनों परेशान थे. एक कारण उपेंद्र के डिप्रेशन में जाने की वजह बीमारी भी थी.
उपेंद्र ने हिंदी और अंग्रेजी में सुसाइड नोट लिखा. यह सुसाइड नोट रात के 2 बजकर 18 मिनट पर लिखा हुआ था. इस नोट में उसने अपने तीनों बच्चों और पत्नी के कत्ल के लिए खुद को जिम्मेदार माना. नोट में उसने पत्नी और खुद की बीमारी के साथ वारदात के कारण का सिलसिलेवार बताया है. आरोपी उपेंद्र ने पुलिस की पूछताछ में भी गृहक्लेश और इसकी वजह से पैदा हुए डिप्रेशन को वारदात की वजह बताया है.
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