सुप्रीम कोर्ट में उद्योग प्रबंधकों के खिलाफ जनहित याचिका पंजीकृत |
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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा : 8305895567
नागदा । वरिष्ठ पत्रकार कैलास सलोनीया जी द्वारा मिली जानकारी के अनुसार उज्जैन जिले के नागदा नगर में प्रदूषण को लेकर एक जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में पंजीकृत हुई है। उच्चतम न्यायालय ने याचिका रजिस्टर्ड कर ली है। यह याचिका मप्र किसान कांग्रेस महासचिव दीपक शर्मा ने दायर की है।
शनिवार को मीडिया को प्रमाणों के साथ जारी प्रेस विज्ञप्ति में पिटीशनर शर्मा ने बताया कि नागदा शहर एवं आसपास के गांवों के लोग इन दिनों उद्योगों के प्रदूषण से परेशान है। यहां पर ग्रेसिम, ग्रेसिम केमिकल डिवीजन, लैक्सेस एवं आरसीएल उद्योग संचालित हैं। इन उद्योगों में रसायनों का उपयोग प्रतिदिन बड़ी मात्रा में किेया जाता है। इसी प्रकार से रसायनों का उत्पादन भी होता है। उद्योगों के कारण चंबल नदी प्रदूषित हो गई है। यहां तक की नदी किनारे बसे दर्जनों गांवों के लोग नदी का पानी तक नहीं पी पाते हैं। गांवों में बीमारियों से कई लोग अपंग आदि भी हो गए है। चंबल नदी में ग्रेसिम का बड़ी मात्रा में प्रदूषित पानी छोड़ा जाता है। प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी इन मामलों में कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं। चंबल नदी के अधिकांश जलस्त्रोतों पर ग्रेसिम ने अपना कब्जा कर रखा है। प्रशासन को इन जल स्रोतों को अध्रिग्रहण करना चाहिए।
याचिका में यह भी बताया गया कि प्रदूषण विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कथित झूठी जांच रिपोर्ट बनाकर जनता को गुमराह करते रहते हैं। क्षेत्र मेें जल , वायु एवं ध्वनि प्रदूषण की मार लोग झेल रहे हैंं। किसानों की भूमि बंजर हो चुकी है। यहां तक जहरीली गेैसों के कारण आसपास की कूषि भूमि की उर्वरा शक्ति भी समाप्त हो चुकी है। इस याचिका में मप्र प्रदूषण बोर्ड, जिला कलेक्टर, ग्रेसिम उद्योग के प्रेसीडेंट, एचआरडी हेड, लैक्सेस उद्योग प्रेसीडेंट, केमिकल डिवजीन प्रेसीडेंट, आरसीएल उद्योग प्रबंधक को पार्टी बनाया गया है
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