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भोपाल. श्योपुर विधानसभा से कांग्रेस विधायक बाबूलाल जंडेल को जबलपुर हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. भोपाल की विशेष अदालत से सुनाई गई एक साल की सजा के बाद जबलपुर हाईकोर्ट में विधायक की ओर से जमानत याचिका दायर की गई थी. जबकि सुनवाई के दौरान विधायक बाबूलाल की ओर से रखे गए तर्कों को सुनने के बाद अदालत ने उनकी याचिका को स्वीकार कर लिया है. हाईकोर्ट के आदेश के बाद तकरीबन 12 दिनों से जेल में बंद विधायक बाबूलाल को अब जमानत पर रिहा कर दिया जाएगा.
इस वजह से जेल गए थे विधायक
आपको बता दें कि सिंचाई विभाग के इंजीनियर से मारपीट के मामले में श्योपुर से कांग्रेस विधायक बाबूलाल को भोपाल की विशेष अदालत से एक साल की सजा सुनाई गई थी और वह जेल चले गए थे. गौरतलब है कि केएन पाराशर सिंचाई विभाग श्योपुर में इंजीनियर के पद पर पदस्थ थे और वो 2 जनवरी 2008 को ग्राम मातासुला में पेट्रोलिंग कर रहे थे. इसी दौरान नहर को चालू देख उसे बंद करने लगे तो आरोपियों ने उन पर हमला कर दिया. थाना कोतवाली श्योपुर ने बाबूलाल जंडेल सहित 14 नामजद आरोपियों पर एफआईआर दर्ज की थी.
श्योपुर अदालत ने सुनाई थी ये सजा
श्योपुर अदालत के न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी जेके बाजोलिया ने 15 जुलाई 2015 को फैसला सुनाते हुए बाबूलाल सहित 14 आरोपियों को एक-एक वर्ष के सश्रम कारावास और पांच-पांच सौ रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई थी. इसके बाद आरोपियों ने श्योपुर की अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए सांसद और विधायकों के मामलों की विशेष अदालत भोपाल में अपील पेश की थी, लेकिन यहां भी सजा को बरकरार रखा गया. इसके बाद मामला जबलपुर हाईकोर्ट पहुंचा जहां सुनवाई के दौरान विधायक के अधिवक्ताओं ने कहा कि घटना के दौरान केवल बाबूलाल घटनास्थल पर मौजूद थे और उन्होंने इंजीनियर के साथ किसी भी तरह की मारपीट नहीं की थी. इस तर्कों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने बाबूलाल को बड़ी राहत देते हुए जमानत की अर्जी मंजूर कर ली है.
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