वर्षो से संघर्ष कर रहे परमार खेड़ि के ग्रामीणो को ग्रेसिम उद्योग द्वारा आर.ओ. प्लांट द्वारा शुद्ध जल की मिली सौगात |
ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा : 8305895567
केंद्रीय मंत्री ने फीता काट कर किया आरो ओ प्लांट का शुभारंभ
नागदा. चम्बल के डाऊन स्ट्रीट मे स्थित 14 गावों मे भू-जल मे मौजूदा फ्लोराइड व अन्य खतरनाक तत्त्वो से ग्रामीणो को निजात मिल गई है। ग्रेसिम द्वारा शहरी क्षेत्रों मे सप्लाय हो रहे शुद्ध पानी की तर्ज पर ग्रामीण इलाको मे आर ओ प्लांट का शुद्ध पानी ग्रामीणो को उप्लब्ध कराने की योजना तैयार कर रहा है जिसके तहत ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने हेतु । ग्रेसिम उद्योग ने मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले की नागदा तहसील के समीप ग्राम परमार खेड़ी में आर ओ प्लांट लगा कर शुद्ध जल की शुरुवात कर दी है।
23 फरवरी 2020 रविवार का दिन परमार खेड़ी के ग्रामीणो के लिये खुशियाँ ले कर आया। क्योकी वर्षो से पीने के पानी की समस्या से निजात मिल गई। जन स्वास्थ्य के लिहाज से स्वच्छ तथा आसानी से उपलब्ध पेयजल बहुत महत्वपूर्ण है । सुधरी हुई पेयजल आपूर्ति और सैनिटेशन तथा जल संसाधनों का सही प्रबंधन , देश की आर्थिक वृद्धि को बढ़ा सकता है और गरीबी को कम करने में भी मदद कर सकता है ।
उल्लेखनीय है कि यूनाइटेड नेशंस सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल अर्थात संयुक्त राष्ट्र स्थाई विकास गोल्स , अभियान के 15 से भी अधिक गोल्स के तहत छठे नंबर पर सबके लिए सुरक्षित तथा सहज उपलब्ध स्वच्छ पेयजल उपलब्धता को रखा गया है । साथ ही माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उदघोषित जल जीवन मिशन ' भी 2024 तक सभी घरों में नल का साफ पानी उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखता है । इसी कड़ी में मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले की नागदा तहसील के निकटतम गाँव परमार खेडी में ग्रामीणों को स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल उपलब्ध करवाने के ग्रेसिम इंडस्ट्रीज द्वारा एक अत्याधुनिक आर ओ रिवर्स ऑस्मोसिस ) प्लांट स्थापित किया गया है । जो 20 लाख रूपये की लागत से स्थापित किया गया।
इस प्लांट की क्षमता एक घंटे में 1500 लीटर पेयजल को प्रोसेस करने की है। नागदा में अपने पहले विसकोज स्टेपल फाइबर मेन्युफेक्चरिंग प्लांट की स्थापना के साथ ही ग्रेसिम ' मेक इन इण्डिया ' अभियान के अंतर्गत सफलता की कई कहानियां लिखने वाले अग्रणी संस्थानों में से एक रहा है। 1947 में अपनी स्थापना के साथ ही ग्रेसिम समाज उत्थान में भागीदारी निभाने के लिए प्रतिबद्ध रहा है । इसमें बहुत प्रभावपूर्ण तरीके से नागदा और उसके आस पास के गाँवों की तस्वीर को बदलने के लिए किया गया शानदार कार्य भी शामिल है ।
रविवार की शाम 5 बजे इसी कड़ी में थावरचंद गेहलोत केंद्रीय मंत्री सामाजिक न्याय व पर्यावरण भारत सरकार, मैनेजिंग डायरेक्ट दिलीप गौर शैलेंद्र जैन,एच के अग्रवाल, युनिट हेड के सुरेश,केमिकल डिविजन के प्रेम तिवारी, ग्रेसिम इंडस्टीज़ द्वारा इस पहले आरओ प्लांट का शुभारम्भ कर इसे ग्राम परमार खेड़ी के निवासियों को समर्पित किया गया।
कार्यक्रम के शुभारम्भ के अवसर पर सम्बोधित करते हुए दिलीप गौर मैनेजिंग डायरेक्टर ग्रेसिम इंडस्ट्रीज़ ने कहा - नागदा के स्थानीय समुदाय के लिए कल्याणकारी कार्य करना हमारी नीतियों का प्रमुख हिस्सा है । पिछले कई दशकों से हम इस क्षेत्र में आर्थिक व सामाजिक बदलाव लाने के लिए लगातार निवेश कर रहे हैं । यहाँ के लोगों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए किये जा रहे हमारे निरंतर प्रयासों के हिस्से के रूप में ही यह नया आर ओ प्लांट हम परमार खेड़ी के ग्रामवाशियो को समर्पित करते हैं।
उत्कृष्ट जल प्रबंधन अभ्यास, जल संरक्षण की ओर हमारी प्रतिबद्धता का भी अभिन्न अंग है । परमार खेडी में इस नए आर ओ प्लांट के साथ हमें विश्वास है कि हम इस क्षेत्र में साफ़ व सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता के साथ कई जिंदगियों पर सकारात्मक असर डालेंगे । गौरतलब है कि पिछले 2 सालों से ग्रेसिम द्वारा प्रतिदिन परमार खेड़ी तथा इसके आस पास के गांवों में 14 टैंकर्स के जरिये 70,000 लीटर पेयजल की आपूर्ति निरंतर की जा रही है । साथ ही ग्रेसिम ने ग्रामीणों की सुविधा के लिहाज से 2000 लीटर के तीन पेयजल टैंक भी यहाँ स्थापित किये हैं। ग्रेसिम ने पूर्व में ही नागदा में चंबल नदी पर 4 डैम्स बनाये हैं , जिनसे 2 लाख से भी अधिक लोगों को लाभ मिलता है ।
पिछले तीन वर्षों में ग्रेसिम के पल्प एन्ड फाइबर व्यवसाय में जल प्रबंधन के प्रयासों के जरिये पानी के उपयोग को 50 प्रतिशत तक कम किया गया है । यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है । ग्रेसिम की अत्याधुनिक ( स्टेट ऑफ द आर्ट ) तकनीकें . जैसे कि मेम्ब्रेन प्रोसेस , उपयोग किये जा चुके गंदे पानी को साफ करने और रिसाइकल करने में मदद करती हैं इन इनोवेशंस ने इस प्रक्रिया को और सुधारा है जिससे पानी के बार बार उपयोग को सम्भव बनाया जा सकता है । और इससे ग्रामीणों को अतिरिक्त पानी उपलब्ध करवाया जा सकता है ।
आज ग्रेसिम द्वारा बनाये गए 30 बिलियन लीटर्स के पानी के स्टोरेज के साधन के जरिये प्लांट के साथ ही पूरे खाचरोद शहर और रेलवे को प्रतिदिन की पानी की जरूरत पूरी हो पाती है । ग्रेसिम के इन निरंतर अभियानों ने प्लाट के आस पास रहने वाले ग्रामीणों पर महत्वपूर्ण असर डाला है । स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने के साथ ही ग्रेसिम यहाँ शिक्षा , स्वास्थ्य , स्थाई रोजगार , इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट तथा समाज सुधार जैसी चीजों के जरिये समुदाय को जोड़े रखने के लिए प्रतिबद्ध है । अपने कम्युनिटी इंगेजमेंट प्रोग्राम के द्वारा ग्रेसिम 55 गाँवों और 25 शहरी झुग्गी झोपड़ियों ( निचली बस्तियों ) के 1 लाख से अधिक लोगों तक पहुँच बनाकर उनका जीवन संवार चुका है ।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में ग्रेसिम हर सप्ताह अपनी मोबाइल वैन के जरिये निशुल्क स्वास्थ्य सुविधाएँ और दवाइयां उपलब्ध करवाते हैं । सैनिटेशन के क्षेत्र में स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत ग्रेसिम ने निजी शौचालयों के निर्माण में सहायता प्रदान की है । ग्रेसिम ने इस सबके साथ ही एलईडी स्ट्रीट लाइट्स तथा स्कूल का फर्नीचर प्रदान करने तथा वेटरनरी डिपार्टमेंट के साथ मिलकर जानवरों के टीकाकरण के लिए कैम्प लगाने जैसे कार्य भी सफलता पूर्वक किये हैं । साथ ही महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उन्हें सिलाई का प्रशिक्षण देने के साथ ही सिलाई मशीन्स प्रदान करने का काम भी ग्रेसिम ने किया है।
1947 में जब भारत आजाद हुआ तो ये चिंता हुई कि देश के लोगों के लिए कपड़ा कहां से आएगा बिड़ला घराना आगे आया, आज भारत सहित दुनिया के 7 देशों में ग्रेसिम के उद्योग हैं। समारोह में ग्रेसिम समूह के सीओएफ एच.के.अग्रवाल, डायरेक्टर शैलेंद्र जैन मंचासीन रहे। संचालन ग्रेसिम ग्रामीण विकास विभाग के अरविंद सिकरवार ने किया। आभार ग्राम सरपंच नरसिंग सिसौदिया ने माना।
गांव के वरिष्ठ बालूसिंह ने मंच से केंद्रीय मंत्री और ग्रेसिम के अधिकारियों से अनुरोध कि कि ग्रेसिम के अस्पताल और स्कूलों में गांव के बच्चों को शिक्षा और इलाज में रियाअत दी जाएं। साथ ही मांगलिक आयोजन के लिए एक सामुदायिक भवन का निर्माण भी कराया जाएं।
गांव के विकास के लिए गेहलोत ने दिए 10 लाख
समारोह में ग्रामीणों की मांग पर केंद्रीय मंत्री गेहलोत ने सांसद निधि से 10 लाख देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को मंदिर बनाना है, या फिर अन्य विकास के काम करना है, पहले विचार कर ले, फिर ठहराव-प्रस्ताव बनाकर भेज दें, राशि पंचायत के खाते में भेज दी जाएगी।
क्या है मामला
कई सालों से ग्राम परमार खेड़ी के ग्रामीण शुद्ध पेयजल के लिए तरस रहे थे , जिसको लेकर कई बार आंदोलन भी हुए । वहीं दूषित जल के कारण कई घरों में विकलांगता ने पैर पसार लिए , जिसकी वजह से डेढ़ हजार की आबादी वाले गांव परमार खेडी में विकलागता की संख्या 100 के पार पहुंच चुकी थी , जब मामला प्रकाश में आया तो वर्ष 2013 में पीएचई ने बोरिंग एवं हैंडपंपों को बंद कर दिया , ताकि विकलांगता अधिक पैर नहीं पसारे , उसके बाद गांवों में शुद्ध पेयजल योजना स्वीकृत हुई जिसके अंतर्गत पाइप लाइन का काम शुरू होने के बीच ग्रेसिम उद्योग ने यहां आरओ प्लांट लगाने का निर्णय लिया और तीन माह में बनकर तैयार हुआ । आर ओ प्लांट समारोह पूर्वक ग्रेसिम उद्योग द्वारा गांव वासियों को समर्पित कर दिया गया ।
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