सरकारी मदद से हुआ सुष्मिता के दिल में छेद की बीमारी का सफल ऑपरेशन |
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जबलपुर - अपने मासूम बच्चे को छोटी सी उम्र में दिल की गंभीर बीमारी से लड़ते हुए देखना, किसी भी मां-बाप के लिए बहुत कष्टकारी और मुश्किल होता है।
विशेषकर ऐसे में जब इलाज के लिए आर्थिक मजबूरियां हों, तब परिजन पूरी तरह टूट जाते हैं। लेकिन भला हो शासन की राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम का जिसकी मदद से लाखों बच्चे दिल में जन्मजात विकृति की बीमारी से निजात पा चुके हैं।
ऐसी ही एक तीन वर्षीय लड़की सुष्मिता चौधरी का राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत स्वीकृत डेढ़ लाख रुपए से हाल ही में 31 अक्टूबर को श्री कृष्ण हृदयालय एण्ड क्रिटिकल केयर सेंटर नागपुर महाराष्ट्र में हृदय का सफल ऑपरेशन हुआ था।
जबलपुर शहर के बड़ी मदार टेकरी हनुमानताल निवासी सतीश चौधरी की बेटी सुष्मिता दिल में छेद की जन्मजात बीमारी से पीडि़त थी। प्लम्बर का कार्य कर परिवार का भरण-पोषण करने वाले सतीश के लिए बीमारी का इलाज करा पाना लगभग असंभव था। सुष्मिता की तबीयत तेजी से बिगड़ती जा रही थी, उसे बुखार रहने लगा और लगातार सीने में दर्द रहता था। डॉक्टरों ने जांच के बाद दिल में करीब 6 मिमी का छेद होना बताया। यह सुनते ही परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा।
समूचा परिवार चिंतित हो गया कि उनकी लाड़ली बिटिया के इलाज के लिए पैसों का इंतजाम कहां से होगा। ऐसे में वे मदद की आस में शासकीय सेठ गोविंददास जिला चिकित्सालय (विक्टोरिया हॉस्पिटल) पहुंचे। डॉक्टरों ने उनका हौंसला बढ़ाया और कहा कि बेटी सुष्मिता के इलाज के लिए सरकारी योजना से ऑपरेशन के लिए मदद मिल जायेगी। ऑपरेशन होने के बाद बिटिया ठीक हो जायेगी।
सुष्मिता के पिता सतीश को भरोसा हो गया कि चलो अब ऑपरेशन के लिए पैसा मिल जायेगा। जल्दी ही सुष्मिता के ऑपरेशन के लिए एक लाख पचास हजार रुपए की राशि स्वीकृत हुई और अब सुष्मिता का नागपुर में सफल ऑपरेशन भी हो चुका है। सतीश अब योजना और सरकार की तारीफ करते नहीं थक रहे। वे कहते हैं कि सरकार की मदद से ही उनकी बेटी का जीवन बचा है। इसलिए वे सरकार के आजीवन आभारी रहेंगे।
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