बिशप पी सी सिंह को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा |
जबलपुर से विनय जी. डेविड की रिपोर्ट
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जबलपुर. ईसाई समाज के सबसे बड़े घोटालेबाज द चर्च ऑफ़ नॉर्थ इंडिया जबलपुर डायसिस के तत्कालीन चेयरमैन पीसी सिंह को पुलिस रिमांड समाप्त होने के बाद आज भ्रष्टाचार के आरोपी को ईओडब्ल्यू ने कोर्ट में पेश किया.
विशेष न्यायालय ( भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम ) माननीय अमजद अली जी की कोर्ट नंबर 34 जबलपुर ने पीसी सिंह को 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में सेंट्रल जेल भेज दिया है. जेल भेजने के पहले पीसी सिंह को जिला अस्पताल विक्टोरिया ले जाकर कोविड-19 कराया गया.
माननीय न्यायालय के जेल भेजने के आदेश सुनते ही बिशप पीसी सिह के चेहरे की हवाइयां उड़ गई, चेहरे की रंगत में बडा अपराधी नजर आ रहा था, दाढ़ी के बाल बड़े हुए थे, मिशन की संपत्ति बेचते हुए भ्रष्टाचार करते हुए पीसी सिंह ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि उसे एक दिन जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ेगा.
ज्ञात हो कि बिशप पीसी सिंह ने द बोर्ड आफ एजुकेशन चर्च आफ नॉर्थ इंडिया जबलपुर डायसिस जबलपुर के चेयरमैन रहते हुए कूटरचित दस्तावेज तैयार कर मूल समिति में परिवर्तन करवा कर उस समिति को हड़पने के लिए फर्जी शपथ पत्र देकर समिति पंजीयन के तात्कालिक असिस्टेंट रजिस्ट्रार फर्म एंड संस्थान के बी एस सोलंकी के साथ मिलीभगत करके समिति अपने नाम दर्ज करवा ली थी उस समिति के अधीन शैक्षणिक संस्थाएं संचालित हो रही थी, संस्थान से मिलने वाली फीस की राशि का दुरुपयोग धार्मिक संस्थाओं को चलाने एवं स्वयं के उपयोग ने किया.
इस भ्रष्टाचार की शिकायत जबलपुर ईओडब्ल्यू इकाई में की गई थी शिकायत पर कार्रवाई करते हुए ईओडब्ल्यू ने पीसी सिंह के घर एवं कार्यालय में छापामार कार्रवाई की थी इस छापामार कार्यवाही में 1 करोड़ 65 लाख रुपए नगद, 18000 यूएस डॉलर, 9 लग्जरी कारें, 2 किलो सोना, 32 घड़ियां मिली एवं ढेर सारे बैंक खाते की जानकारी मिली थी
कोटी पहन कर गिरफ्तार हुआ था जेल में बिना कोटी दाखिल
भ्रष्टाचार के आरोप में पीसी सिंह को जब आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ने गिरफ्तार किया था तब वह बडी शान से गुलाबी कलर की कोठी पहनकर रसूख में दिखाई दिया परंतु जब वह जेल में दाखिल हुआ तो बिना कोटी के जेल के दरवाजों के अंदर दाखिल हुआ.
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