बैतूल// रामकिशोर पंवार ( टाइम्स ऑफ क्राइम)
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लोगो के दिलो दिमाग पर छाई पश्चिमी सभ्यता और दुसरो से अच्छा बनने की चाहत कई बार अनजान मुसीबतों का पहाँड़ लेकर टूट पड़ती हैं। ऐसे में आदमी बन जाता हैं धोबी का कुत्ता जो न तो घर का रहता हैं और न घाट का .... बैतूल जिला मुख्यालय के कुछ हाई प्रोफाइल कहलाने वाले पालको को उस समझ तगड़ा छटका लगा जब ईएलसी कोठीबाजार प्रबंधन ने अपने स्कूल में पढऩे वाले छात्रों को प्रवेश पत्र देने से पहले अतिरिक्त रूपए की मांग रख दी और फीस के रूप में अर्थदण्ड वसूलने शुरू कर दिए। कुछ ने तो विरोध किया लेकिन अधिकांश अर्थदंड की भरपाई करके अपने बच्चों के प्रवेश पत्र लेकर चलते बने। क्षणिक विरोध की परवाह किए बिना स्कूल प्रबंधन ने अपना सुरसा जैसा मुंह फाडऩा शुरू किया तो भागे - भागे स्कूल के छात्र और उनके पालक पहुंच गए भाजपा एवं संघ के विचारक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद नामक संगठन के पास और फिर शुरू हो गई नेतागिरी। इसाई मिशनरी द्वारा संचालित स्कूली शिक्षा से वैसे ही नाराज संघ विचारक विद्यार्थी परिषद के हाथों में जैसे कोई ब्रहमास्त्र आ गया और उन्होने मिशनरी संचालित स्कूल पर धावा बोल दिया। भाजपा समर्थक संगठन के दबाव में तथाकथित शिकायत सहीं पाई गई और स्कूल प्रबंधन को फीस वापस करनी पड़ी। पूरी कहानी कुछ इस प्रकार से रही। पैसे मांगने और प्रवेश पत्र नहीं देने से नाराज स्कूल के छात्रों ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेतृत्व में प्रदर्शन किया। अभाविप के आंदोलन प्रभारी सनी राठौर के नेतृत्व में अवैध फीस वसूली बंद करने के विरोध में प्रदर्शन किया। बिगड़ती हुई स्थिति को देखते हुए स्कूल प्रबंधन ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस भी स्कूल पहुंच गई थी। पुलिस ने मामला शांत कराया। प्रदर्शन के बाद स्कूल प्रबंधन ने छात्रों को प्रवेश पत्र दिए। कलैक्टर कार्यालय रोड़ पर कोठीबाजार स्थित ईएलसी स्कूल के छात्रों ने प्राचार्य एवं शिक्षकों पर अवैध रूप से फीस के नाम पर पैसों वसूली करने एवं परिजनों से अभद्र व्यवहार करने की शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी बीके पटेल से भी की थी। छात्रों की शिकायत के बाद शिक्षा विभाग से स्कूल में जांच के लिए दो सदस्यीय दल पहुंचा। दल में शामिल कन्या गंज स्कूल के प्राचार्य केके वरवड़े, सिविल लाइन प्राथमिक स्कूल के प्रधानपाठक वीआर वाघमोड़े पहुंचे। जांच दल ने छात्रों को प्रवेश पत्र देने एवं फीस वापस करने के निर्देश स्कूल प्रबंधन को दिए हैं। जांच करके लौटे प्राचार्य केके वरवड़े को स्कूल के छात्रों ने बताया कि स्कूल प्रबंधन अनपुस्थित रहने पर एक छात्र से प्रतिदिन 10 रूपए के हिसाब से अर्थदंड से वसूल रहा है। रेडक्रास, स्काउट गाइड के नाम पर भी अर्थदंड लिए जा रहे हैं। छात्रों ने 500 रूपए से लेकर एक हजार रूपए तक लिए जा रहे हैं। इसकी कोई रसीद भी नहीं दी जा रही है।छात्रों ने जांच अधिकारी वरवड़े को बताया कि पैसे नहीं देने पर प्रवेश पत्र नहीं दिए जा रहे हैं। रिजल्ट खराब करने की धमकी दी जा रही है। श्री वरकड़े के कहे अनुसार स्कूल प्रबंधन परिजनों से भी अभद्र व्यवहार किया जा रहा है। प्रथम दृष्टया फीस वसूली में गड़बड़ी नजर आ रही है। छात्रों को प्रवेश पत्र देने एवं फीस वापस करने के प्रबंधन को निर्देश दिए हैं। जांच रिपोर्ट डीईओ को सौंप दी है। छात्र पालको ने कभी किसी से यह नहीं कहा कि उनके बच्चों से टाई , बैल्ट , जूते मौजे, होमवर्क न करके आने पर जबरिया अर्थदंड आरोपित कर वसूला जाता हैं। यहां यह उल्लेखनीय हैं कि बैतूल जिले में सवा सौ से अधिक मिशनरी द्वारा संचालित हाई प्रोफाइल स्कूल हैं जहां पर क्लासवन से लेकर आम आदमी तक के बच्चे शोषण एवं यातना के शिकार बन रहे हैं लेकिन कथित बच्चों के भविष्य के चलते पालक सब कुछ सहन कर रहा हैं जिसके शोषण की गथा आमजन तक नहीं पहुंच पाती हैं। अकसर देखने में आया हैं कि धनबल - बाहुबल से समर्थ इन स्कूल प्रबंधनो द्वारा अनैतिक नियम विरूद्ध कानून के मंशा के खिलाफ ऐसे कार्य संपादित किए जाते हैं जो भादवि के अनुसार संगीन अपराध की श्रेणी में आते हैं।