नई दिल्ली, एजेंसी
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बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन पर बरसते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि स्पॉट फिक्सिंग मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच के लिए उन्हें पद छोड़ देना चाहिए और ऐसा नहीं करने पर उसे फैसला लेना होगा।
स्पॉट फिक्सिंग मामले की जांच करने वाली समिति द्वारा सीलबंद लिफाफे में दी गई रिपोर्ट को पढ़ने के बाद न्यायमूर्ति ए के पटनायक की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा कि रिपोर्ट में काफी गंभीर आरोप लगाए गए हैं और बीसीसीआई अध्यक्ष जब तक पद नहीं छोड़ते, निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती।
पीठ ने कहा कि हमारी राय में मामले की उचित जांच के लिए श्रीनिवासन को इस्तीफा दे देना चाहिए। इसने कहा कि हम लोगों की साख को ठेस पहुंचाना नहीं चाहते लेकिन जब तक बीसीसीआई अध्यक्ष इस्तीफा नहीं देते, निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती। पीठ ने कहा कि वह कुर्सी से चिपके हुए क्यों हैं। यह अजीब सा है। यदि वह पद नहीं छोड़ते तो हम फैसला सुना देंगे। इसने कहा कि रिपोर्ट का खुलासा खुली अदालत में नहीं किया जा सकता। पीठ ने बीसीसीआई के वकील को इसके कुछ पेराग्राफ पढ़ने की अनुमति दी।
पीठ ने कहा कि आरोपों की गंभीरता जानने के लिए रिपोर्ट पढ़िये लेकिन श्रीनिवासन या बीसीसीआई के वकील के रूप में नहीं। इसने कहा कि रिपोर्ट का सार ऐसा है कि आरोपों की जांच जरूरी है। पीठ ने बीसीसीआई वकील को निर्देशों पर अमल के लिए कहा। मामले की अगली सुनवाई 27 मार्च को होगी।
सुनवाई के दौरान बीसीसीआई ने अदालत से अनुरोध किया कि रिपोर्ट में शामिल खिलाड़ियों के नामों का खुलासा नहीं किया जाये। पंजाब और हरियाणा के पूर्व मुख्य न्यायाधीश मुकुल मुदगल की अध्यक्षता वाली जांच समिति ने कहा था कि श्रीनिवासन के दामाद गुरूनाथ मयप्पन की चेन्नई सुपर किंग्स टीम अधिकारी के रूप में और आईपीएल मैचों के दौरान सट्टेबाजी में उसकी भूमिका साबित हो चुकी है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि मयप्पन के खिलाफ मैच फिक्सिंग के आरोपों की और जांच की जानी चाहिए। इसके अलावा सीएसके के मालिक इंडिया सीमेंटस के प्रमुख श्रीनिवासन के खिलाफ हितों के टकराव के मामले पर फैसला सुप्रीम कोर्ट पर छोड़ दिया था।
समिति की रिपोर्ट में कहा गया था, सीएसके टीम अधिकारी के रूप में गुरूनाथ मयप्पन की भूमिका साबित हो चुकी है। इसके अलावा सट्टेबाजी और सूचनायें लीक करने के आरोप भी सही पाये गए हैं लेकिन फिक्सिंग के आरोपों की और जांच की जानी चाहिए।
समिति में अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल एन नागेश्वर राव और असम क्रिकेट संघ के सदस्य निलय दत्ता शामिल थे। सौ पन्ने की रिपोर्ट में भारत के छह खिलाड़ियों के फिक्सिंग में लिप्त होने का संदेह, राजस्थान रॉयल्स के मालिकों के खिलाफ सट्टेबाजी के आरोप और खिलाड़ियों को अनुशासित करने के मसलों का भी जिक्र है।
तीन सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में भारत के छह खिलाड़ियों का भी नाम लिया जिसमें से एक मौजूदा टीम में है।