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खुद को किसान का पुत्र कहने वाले मुख्यमंत्री ने आज अपने पिता रूपी किसानो पर ही गोली चलवा दी, चिंतनीय बात ये है की ये गोली मप्र में रेत चुराने वाले किसी रेत माफिया पर नहीं उन किसानो पर चली है जिन्होंने इस प्रदेश का गौरव बढ़ाया और हमे 5 बार कृषि कर्मठ पुरुस्कार दिलवाया है।
इन किसानो की वाजिब मांगो को जब भाजपा सरकार ने मानने से इंकार कर दिया तो मजबूरन किसानो को अपने हक़ की लड़ाई उग्र करनी पड़ी जैसे उनके पूर्वजो ने अंग्रेज सरकार से लड़ी थी। तब इस तानाशाह भाजपा सरकार ने उनपर गोलिया चलवाई जिस से हमारे अन्न दाताओ की मृत्यु हो गई और कुछ साथी गंभीर रूप से घायल भी हुए।
जिस से ये आंदोलन अब हिंसक रूप ले चूका है अब घबराए हुए मामा ने अपनी कुटिल सोच का परिचय देते हुए इस पूरी घटना का जिम्मेदार कांग्रेस पार्टी को ठहराया परन्तु मप्र की जनता शव-राज की निम्नस्तर की राजनीती से भलीभाति परिचित हो चुकी है,
तो अपनी दाल ना गलती देख शिवराज ने फिर पैतरा बदला और अपनी दूषित मानसिकता का परिचय देते हुए किसानो के प्राणों का मोल-भाव शुरू कर दिया 1 लाख,5 लाख से शुरू हो कर सरकार ने अपने अपराधो पर पर्दा डालने के लिए किसानो को 1 करोड़ रुपये का प्रलोभन दिया और सरकारी नौकरी का लालच दे कर अपने प्रियजनो की मौत का सौदा करने की कोशिश की जा रही है।
सवाल ये है की जब शव-राज इस पूरी घटना का जिम्मेदार कांग्रेस को ठहराता है तो खुद क्यों 1 करोड़ रुपए बाट रहा है ?
क्या व्यापमं महाघोटाले में अपना भविष्य गवां चुके मप्र के छात्र छात्राओ को भी कोई मुआवजा मिलेगा ????
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जब मप्र का रेत माफिया अधिकारियो की निर्ममता से हत्या कर रहा था तब इन पुलिस वालो को गोली चलने के आदेश क्यों नहीं दिए गए थे ?????
आप जब कांग्रेस पर आरोप लगा रहे है तो आपके पास साक्ष्य भी जरूर होंगे तो आप ने अब तक दोषियों पर कार्यवाही क्यों नहीं की क्या ये सिर्फ अपनी गलती छुपने की एक चाल है ?????