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लखनऊ. बीजेपी सांसद सावित्री बाई फुले ने अपनी ही सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया है। फुले केन्द्र सरकार की दलित विरोधी नीतियों के खिलाफ आज काशीराम स्मृति उपवन में ‘भारतीय संविधान व आरक्षण बचाओ महारैली का आयोजन’ किया है।
रैली का शुभारंभ उन्होंने डॉ भीमराव आंबेडकर और काशीराम की मूर्ति पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम की हुई शुरुआत की। वहीं, इस रैली में लोगों की भीड़ नहीं है। सावित्री बाई फुले यूपी के बहराइच से सांसद हैं।
आरक्षण भीख नहीं
इस दौरान मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा- आरक्षण कोई भीख नहीं बल्कि प्रतिनिधित्व का मामला है। यदि शासक वर्ग ने भारत के संविधान को बदलने और हमारे आरक्षण को खत्म करने का दुस्साहस किया तो भारत की धरती पर खून की नदियां बहेंगी। यह हमारे बाबा साहेब का दिया अधिकार है किसी और के बाप दादा या भगवान का नहीं।
उनका कहना है कि इस रैली में प्रदेश के प्रत्येक जिले व गांव शहर से बड़ी तादाद में बहुजन मूलनिवासी समाज के महिला पुरुष शामिल हुए हैं। महारैली में बहुजन मूलनिवासी समाज के लोग तथा नेतागण एवं संगठनों के लोग सादर आमंत्रित हैं।
उनका कहना है कि इस रैली में प्रदेश के प्रत्येक जिले व गांव शहर से बड़ी तादाद में बहुजन मूलनिवासी समाज के महिला पुरुष शामिल हुए हैं। महारैली में बहुजन मूलनिवासी समाज के लोग तथा नेतागण एवं संगठनों के लोग सादर आमंत्रित हैं।
आरक्षण खत्म करने की साजिश
हाल ही में अपनी ही सरकार व पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा है था कि केंद्र सरकार आरक्षण खत्म करने की साजिश कर रही है। सावित्री बाई ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार की नीतियों के कारण एससी-एसटी, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक खतरे में हैं। भारतीय संविधान और आरक्षण भी खतरे में आ गया है। सांसद ने अपनी मांगों को सरकार के सामने रखा। इसमें प्राइवेट सेक्टर में भी आरक्षण जैसी व्यवस्था की मांग भी शामिल है।
सांसद सावित्री बाई फुले ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का नाम बदलकर भीमराव रामजी आंबेडकर किए जाने के योगी सरकार के फैसले पर नाराजगी जताई थी। बता दें कि योगी सरकार के खिलाफ बीजेपी उनके ही सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर पहले ही नाराजगी जता चुके हैं।
ये हैं प्रमुख मांगे
पदोन्नति में भी दें आरक्षण। 117वां संविधान संशोधन करें। निजी क्षेत्र में दें आरक्षण, एससीएसटी पर अत्याचार रोकें। महिलाओं पर अपराध में कड़ी कार्रवाई करें। विभागों में कोटा तय कर दलितों व अल्पसंख्यकों को आरक्षण दें। आरक्षण को 9वीं अनुसूची में रखकर संरक्षित कर दिया जाए। सभी विश्वविद्यालयों और सरकारी संस्थाओं में आरक्षण का रोस्टर लागू किया जाए।
दलितों के मुद्दे पर नाराज हैं योगी सरकार के मंत्री
योगी सरकार के मंत्री ओम प्रकाश राजभर दलितों के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। राजभर का कहना है कि एसएसी एसटी को 21 फीसदी आरक्षण राजनीति में भी मिलता है। जबकि पिछड़ी जातियों को 27 फीसदी आरक्षण तो मिलता है।