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गाडरवारा व्यूरो चीफ // अरूण श्रीवास्तव
- क्षेत्र में रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन जोरों पर
- प्रशासनिक अधिकारियों की नाक के नीचे से माफिया बेखौफ
- रेत का उत्खनन कर परिवहन कर रहे हैं
गाडरवारा। गाडरवारा में रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन जोरों पर है। प्रशासनिक अधिकारियों की नाक के नीचे से माफिया बेखौफ रेत का उत्खनन कर परिवहन कर रहे हैं। रेत का परिवहन करते ट्रैक्टर पकड़े तो जाते हैं मगर उन्हें किसी सफेदपोश नेता का फोन के दबाव पर आकर औपचारिकता कर अधिकारी उन ट्रैक्टरों को छोड़ देते हे। क्षेत्र की घूरपुर खदान चला तो रही है पंचायत मगर इसमें भी नियम विरुद्ध तरीके से खनन हो रहा है।
संसार खेड़ा में स्थित रेत खदानों में जगह-जगह रेत के ढेर लगे हुए हैं। इस खदान में भी बरसों से कंपनी काबिल है। सरकार और अधिकारी इस कंपनी पर कुछ खास ही मेहरबान है जितनी परमिशन है उससे ज्यादा एरिया में खनन हो रहा है। क्षेत्र में रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन यहीं के खनन माफिया शाम छे बजे से सुबह दास बजे तक अवैध उत्खनन बेरोकटोक कर रहे है। शक्कर नदी के पुल से लगकर तथाकथित छुटटू भैया नेताओं के अनेकों ट्रैक्टर ट्रॉली से दिन के उजाले में रेत का अवैध उत्खनन कर रहें है।
नगर में बन रहे प्रधानमंत्री आवास योजना में बिगर राइटिं के सप्लाई कर रहें हैं। तथाकथित नेता खुलेआम शासन को चूना लगा रहे हैं। इसकी जानकारी खनिज विभाग एवं तहसील अधिकारी एसडीएम को भी है। मगर रेत माफिया के खिलाफ विभागीय अधिकारी सख्त कदम उठाने से बच रहे हैं जिससे कहीं न कहीं यह सवाल उठ रहा है कि पूरा काला कारोबार सांठ-गांठ पर चल रहा है। अनेकों खदानों का क्षेत्र में परमिशन नहीं है फिर रेत के ढेर क्यों लगाए जा रहे हैं और कौन लगा रहा है।
ट्रक एवं ट्रैक्टर भर कर जो क्षेत्र से रेत लेकर जा रहे खदान से रेत निकालना अवैध है तो फिर माफिया रेत कहां से और कैसे निकाल रहे हैं। क्षेत्र की खदान और नदी में बने गड्ढे और रेत के ढेर इस तरफ इंगित कर रहे हैं कि अवैध उत्खनन और परिवहन जोरों से किया जा रहा है। विभागीय अधिकारियों की आंख के सामने पूरा कारोबार संचालित हो रहा है। क्षेत्र की घूरपुर खदान इन दिनों माफियों की रणभूमि बन गई है. प्रशासनिक उदासीनता के चलते घूरपुर में रेत को लेकर हो रहे खूनी संघर्ष।
पटवारी पर हमला,कभी खूनी संघर्ष और हवाई फायरिंग इस सब के वाबजूद प्रशासन को बार बार आगाह करने के बाद भी प्रशासन द्वारा उपयुक्त कदम नही उठाये जिसके चलते अब फिर से हथियार चल गए। आखिर क्या मजबूरी है कि प्रशासन जिले में हो रहे खूनी संघर्षो पर लगाम नही लगा पा रहा। या फिर सत्ता में बैठे लोगों के इशारे पर खनिज अधिकारी इसी तरह लोगो की जान से खिलवाड़ करते रहेंगे। रेत खदान की इस जंग में कई बेकसूर स्थानी किसान भी घायल हो चुके हैं। इसके बावजूद भी अधिकारी कार्यवाही करने से डर रहे है यहां आए दिन मारपीट तलवारबाजी फायरिंग जैसे अवैध काम दहशतगर्द फैला रहे हैं।
इन सब के पीछे कौन है यह क्षेत्र की जनता जान रही है। वह सफेदपोश दूर पर्दे के पीछे बैठकर गाडरवारा क्षेत्र की फिजाओं में नफरत और दुश्मनी का जहर घोल रहा है। खदान से रेत निकालना अवैध तो अधिकारी क्यों है मोन। खनिज अधिकारी एम एस बघेल से जब हमने बात की तो गोलमोल जवाब देकर अपना मोबाइल फोन बिजी कर लिया। खनिज अधिकारी की इस हरकत से ऐसा प्रतीत होता है कि अधिकारी खुद ही नहीं चाहते कि अवैध उत्खनन रोका जाए अधिकारी की इस हरकत से यह साफ हो गया है कि दाल में कुछ काला है।