मनरेगा से रोजगार देने में मध्यप्रदेश में बालाघाट जिले का स्थान प्रथम, एक लाख 23 हजार मजदूरों को मिल रहा है रोजगार |
ब्यूरो चीफ बालाघाट // वीरेंद्र श्रीवास : 83196 08778
बालाघाट. जिले में एक लाख 23 हजार 64 मजदूरों को रोजगार मिल रहा है। मनरेगा के अंतर्गत इतनी अधिक संख्या में ग्रामीण जाबकार्ड धारकों को रोजगार देने के मामले में बालाघाट जिला प्रदेश में प्रथम स्थान पर है। इतनी अधिक संख्या में प्रदेश के किसी अन्य जिले में मजदूरों को काम नहीं मिला है। चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में मनरेगा के कार्यों में मजदूरी पर 20 करोड़ रुपये की राशि व्यय की जा चुकी है।
17 लाख मानव दिवसों का रोजगार सृजित
आपको बता दें कि जिले में 30 मई 2020 की स्थिति में बालाघाट जिले की 684 ग्राम पंचायतों में कुल 5246 कार्य प्रगति पर है। इनमें 4520 कार्य हितग्राही मूलक कार्य है और 726 कार्य सामुदायिक कार्य है। इन कार्यों में 2076 कार्य जल संरक्षण, एवं जल संवर्धन से जुड़े है। मनरेगा के अंतर्गत चल रहे इन कार्यों से जिले के एक लाख 23 हजार 64 मजदूरों को रोजगार मिला हुआ है। कोरोना महामारी संकट के दौर में जिले में 20 अप्रैल से मनरेगा के कार्यों को प्रारंभ किया गया है। 20 अप्रैल से 30 मई 2020 तक जिले में मनरेगा से 17 लाख मानव दिवसों को रोजगार सृजित किया जा चुका है।
जिले में एक लाख 04 हजार मजदूर बालाघाट जिले में अन्य राज्यों से वापस आये है। बाहर से आये मजदूरों के जाबकार्ड बनाकर उन्हें भी मनरेगा में काम दिया जा रहा है। बालाघाट जिले में मनरेगा से प्रदेश में सबसे अधिक एक लाख 23 हजार 64 मजदूरों को काम मिल रहा है।
एक लाख 8 हजार मजदूरों को मास्क का किया गया वितरण
कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए मनरेगा के कार्यों में पूरी सावधानी बरती जा रही है। सभी मजदूरों को मास्क लगाकर या मुंह पर गमछा बांधकर काम करने की सलाह दी गई है। इसके साथ ही काम के दौरान दो व्यक्तियों के बीच कम से कम की दूरी बनाये रखने की भी सलाह दी गई है । मनरेगा में काम कर रहे एक लाख 08 हजार मजदूरों को मास्क का वितरण किया जा चुका है। मनरेगा के कार्य स्थल पर मजदूरों के लिए पीने के पानी की भी व्यवस्था की गई है।