क्राइम रिपोर्टर//विनोद साहू (सागर//टाइम्स ऑफ क्राइम)
विगत एक साल पहले रानगीर मंदिर के पुजारी पर रास्ते में गोली चलाने की घटना हुई थी। पिछले साल 8 जून की रात रानगीर मंदिर के पुजारी अनिल पंडा अपनी मोटर साइकल से रानगीर वापस जा रहे थे उसी समय अज्ञात युवकों ने मोटर साइकल को ओवरटेक करके गोली मार दी थी जो कि पुजारी के हाथ में लगी थी। पुलिस के काफी खोजबीन के बाद भी पुलिस को किसी प्रकार का सुराग नहीं मिला था और इस मामले में खात्मा लगाने का निर्णय लिया गया लेकिन विशे स्क्वाड ने सीएसपी श्री अमृत मीणा को गोपनीय सूचना दी कि इस घटना क्रम में स्थानीय लोगों का हाथ है। सीएसपी साहब ने इस घटना को नए सिरे से छानबीन की उनकी मेहनत का नतिजा यह निकला की अनिल पंडा पर गोली चलाने का कारण और बदमाशों को धर पकडा। विवेचना के बाद पुलिस ने सुभा नगर सागर निवासी राजेन्द्र पिता दुर्गा प्रसाद को इंदौर से कपड़े वहीं दूसरी और सदर निवासी रविकांत पिता पुरनचंद को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि अनिल की गाड़ी को ओवर टेक करके राजेन्द्र ने उन्हें गोली मारी थी। घटना के बाद श्याम ने राजेन्द्र को 40 हजार रूपये दिये चंूकी मौत का सौदा 80 हजार में हुआ था पर अनिल बच गया था। अनिल पंडा की मौत का ठेका श्याम दुबे ने दिया था और अपराधियों को बताया था कि मेरा भाई विनोद दुबे रानगीर में रहता है और पड़ोस में रहने वाले अनिल पंडा उसकी पत्नी को परेशान करता था इसलिए उसकी हत्या करवानी है। श्याम दुबे ने ही अपराधियों को रिवाल्वर उपलब्ध करवाई थी। ठेका मिलने पर राजेन्द्र अपने साथी के साथ अनिल की हत्या की रूपरेखा बनाई और सूचना मिलने पर की अनिल आज सागर में है तब राजेन्द्र और रविकांत ने सेंध लगाकर उन पर हमला किया। पुलिस एवं सीएसपी अमृत मीणा की भूमिका सराहनीय है। उन्हीं के अथक प्रयास कि बदौलत आरोपी आज सलाखों के पीछे हैं। इस पुरे घटना क्रम में स्पेशन स्क्वाड के प्रधान आरक्षक लक्ष्मण आरक्षक बीर सिंह, विक्रम एवं राजपाल की भूमिका सराहनीय रही। इस गोली कांड की गुत्थी सुलझाने में सीएसपी अमृत मीणा एवं उनका स्टाफ ने सराहनीय कार्य किया है। अन्यथा आज भी अपराधी कानून की पहुंच से बाहर होते और अप्रिय घटनाओं को अंजाम देते। च
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