अवधेश पुरोहित @ Present by - Toc News
(हिन्द न्यूज सर्विस)। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी का असर इस वर्ष भी दिखेगा। नया शिक्षा सत्र शुय होने में सिर्फ दो दिन शेष हैं, लेकिन शिक्षकों की व्यवस्था इस साल भी नहीं हो सकी है। हालांकि शिक्षा विभाग के अधिकारी अतिथि शिक्षक की व्यवस्था करने की बात कह रहे हैं, लेकिन हालात यह है कि १६ जून से नया सत्र शुरू हो रहा है और अब तक स्कूलों की सूची भी जिला कार्यालयों में नहीं पहुंच सकी है। प्रदेश में करीब एक लाख २४ हजार सरकारी स्कूल हैं। इनमें करीब पांच लाख ६५ पदस्थ हैं, लेकिन इस वर्ष इनमें से कई के तबादले हो गए, तो कुछ रिटायर होने के कारण पद खाली हुए हैं। शिक्षा विभाग के रिकार्ड अनुसार स्कूलों में ६० हजार के करीब शिक्षकों के पद रिक्त हैं, जबकि सूत्रों का कहना है कि सिर्फ मिडिल एवं प्राइमरी स्कूलों में ही करीब ७० हजार शिक्षकों की कमी बनी हुई है। सरकारी स्कूलों का स्तर गिरने के कारण छात्र-छात्राओं की संख्या में लागातार गिरावट आ रही है। हालत यह है कि प्रदेश में संचालित करीब ८५ हजार मिडिल एवं प्राइमरी स्कूलों में से करीब १३ हजार स्कूल ऐसे हैं, जिनमें विद्यार्थियों की संख् या २५ से ३० है। शहरी क्षेत्रों में स्थिति और भी खराब है। एजुकेशन पोर्टल पर दर्ज संख्या के अनुसार भोपाल जिले में कुछ स्कूला ऐसे हैं जिनमें बच्चों की संख्या दस से १२ ही है। वहीं ११ कक्षा में भी छात्रों की संख्या ५० फीसदी तक कम है। प्रदेश में दो लाख ५० हजार अध्यापक, ४० हजार संविदा शिक्षक, दो लाख ७५ हजार नियमित सहायक शिक्षक, एक लाख २१ हजार स्कूल तथा शिक्षकों की कमी ६० हजार है। राज्य शिखा केन्द्र के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में ऐसे प्राइमरी एवं मिडिल स्कूल जिनमें छात्र संख्या क्रमश: २० औरा दस से कम है, उनकेा अन्य स्कूलों में मर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। प्रदेश के टॉप सरकारी स्कूलों में गिने जाने वाले ५० एक्सीलेंस (उत्कृष्ट) एवं ब्लॉक में खोले गए २०१ मॉडल स्कूलों में भी शिक्षक नहीं हैं। इन स्कूलों में विषय विशेषज्ञों की कमी लम्बे समय से बनी हुई है । इन स्कूलों में हर साल अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था की जाती है। हालांकि जैसा सरकार की तरफ से हमेशा अव्यवस्थाओं को लेकर जिस तरह के आश्वासन मिलते हैं वैसा ही कुछ इस मामले में राज्य के उच्च शिक्षा एवं स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री दीपक जोशी का कहना है कि जिन स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं यहां अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था की जाएगी। वहीं संवदिा शिक्षक भर्ती की तैयारी भी की जा रही है।
(हिन्द न्यूज सर्विस)। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी का असर इस वर्ष भी दिखेगा। नया शिक्षा सत्र शुय होने में सिर्फ दो दिन शेष हैं, लेकिन शिक्षकों की व्यवस्था इस साल भी नहीं हो सकी है। हालांकि शिक्षा विभाग के अधिकारी अतिथि शिक्षक की व्यवस्था करने की बात कह रहे हैं, लेकिन हालात यह है कि १६ जून से नया सत्र शुरू हो रहा है और अब तक स्कूलों की सूची भी जिला कार्यालयों में नहीं पहुंच सकी है। प्रदेश में करीब एक लाख २४ हजार सरकारी स्कूल हैं। इनमें करीब पांच लाख ६५ पदस्थ हैं, लेकिन इस वर्ष इनमें से कई के तबादले हो गए, तो कुछ रिटायर होने के कारण पद खाली हुए हैं। शिक्षा विभाग के रिकार्ड अनुसार स्कूलों में ६० हजार के करीब शिक्षकों के पद रिक्त हैं, जबकि सूत्रों का कहना है कि सिर्फ मिडिल एवं प्राइमरी स्कूलों में ही करीब ७० हजार शिक्षकों की कमी बनी हुई है। सरकारी स्कूलों का स्तर गिरने के कारण छात्र-छात्राओं की संख्या में लागातार गिरावट आ रही है। हालत यह है कि प्रदेश में संचालित करीब ८५ हजार मिडिल एवं प्राइमरी स्कूलों में से करीब १३ हजार स्कूल ऐसे हैं, जिनमें विद्यार्थियों की संख् या २५ से ३० है। शहरी क्षेत्रों में स्थिति और भी खराब है। एजुकेशन पोर्टल पर दर्ज संख्या के अनुसार भोपाल जिले में कुछ स्कूला ऐसे हैं जिनमें बच्चों की संख्या दस से १२ ही है। वहीं ११ कक्षा में भी छात्रों की संख्या ५० फीसदी तक कम है। प्रदेश में दो लाख ५० हजार अध्यापक, ४० हजार संविदा शिक्षक, दो लाख ७५ हजार नियमित सहायक शिक्षक, एक लाख २१ हजार स्कूल तथा शिक्षकों की कमी ६० हजार है। राज्य शिखा केन्द्र के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में ऐसे प्राइमरी एवं मिडिल स्कूल जिनमें छात्र संख्या क्रमश: २० औरा दस से कम है, उनकेा अन्य स्कूलों में मर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। प्रदेश के टॉप सरकारी स्कूलों में गिने जाने वाले ५० एक्सीलेंस (उत्कृष्ट) एवं ब्लॉक में खोले गए २०१ मॉडल स्कूलों में भी शिक्षक नहीं हैं। इन स्कूलों में विषय विशेषज्ञों की कमी लम्बे समय से बनी हुई है । इन स्कूलों में हर साल अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था की जाती है। हालांकि जैसा सरकार की तरफ से हमेशा अव्यवस्थाओं को लेकर जिस तरह के आश्वासन मिलते हैं वैसा ही कुछ इस मामले में राज्य के उच्च शिक्षा एवं स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री दीपक जोशी का कहना है कि जिन स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं यहां अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था की जाएगी। वहीं संवदिा शिक्षक भर्ती की तैयारी भी की जा रही है।