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पीएम नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35A खत्म तो कर दिया लेकिन अब एक नयी मुसीबत उनके सामने खड़ी हो गयी है। ब्रिटेन ने मोदी सरकार के फैसले पर जो प्रतिक्रिया दी है उससे मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
आपको बता दें कि पहले भी सरकार के इस फैसले का उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और फारूक अब्दुल्ला जैसे दिग्गज नेताओं ने विरोध किया था। पाकिस्तान और वहाँ के प्रधानमंत्री इमरान खान भारतीय जनता पार्टी सरकार के इस फैसले से हैरान रह गए। एलओसी पर तनाव के चलते मोदी सरकार ने सुरक्षा बढ़ा दी है।
जम्मू कश्मीर को दो भागों में बाँटा गया
मोदी सरकार ने दमदार फैसला लेते हुए जम्मू कश्मीर और लद्दाख को दो भागों में बांटते हुए दोनों को केंद्रशासित प्रदेश घोषित कर दिया है। जिसमें से जम्मू कश्मीर विधानसभा के साथ और लद्दाख बिना विधानसभा के ही केन्द्रशासित प्रदेश होगा। इस बीच एक बुरी खबर भी आई है। देश की लोकप्रिय नेता और पूर्व केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन से पूरा देश शोक में डूब गया है।
ब्रिटेन से आया ये बड़ा बयान
ब्रिटेन के सांसदों ने मोदी सरकार के फैसले पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। विपक्षी लेबर पार्टी की सांसद और कश्मीर पर एपीपीजी की अध्यक्ष डेबी अब्राहम ने कहा,"अनुच्छेद 370 को हटाने संबंधी भारत सरकार द्वारा लिया गया एकतरफा निर्णय जम्मू कश्मीर की जनता के विश्वास के साथ धोखा है। इससे क्षेत्र में तनाव बढ़ सकता है। साथ ही यह फैसला अंतरराष्ट्रीय कानून का भी उल्लंघन करता है।"