
अडानी ग्रुप द्वारा मध्य प्रदेश के धीरौली में कोयला खदान के लिए नियमों को दरकिनार कर 3500 एकड़ में बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई : कलेक्टर बोले- काम वैध
मप्र के सिंगरौली में अडानी ग्रुप 3500 एकड़ में जंगल काटकर कोयला निकलेगा
नई दिल्ली. कांग्रेस ने मंगलवार को दावा करते हुए अडानी ग्रुप पर मध्य प्रदेश के धीरौली में कोयला खदान के लिए नियमों को दरकिनार कर बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई करने का आरोप लगाया और इसे पर्यावरणीय त्रासदी और स्थानीय आदिवासियों के लिए सामाजिक और आर्थिक आपदा बताया। यह आरोप पार्टी के संचार प्रभारी और महासचिव जयराम रमेश ने लगाए, साथ ही कहा कि इस परियोजना के तहत पेड़ों की कटाई शुरू कर दी गई है तथा वहां बाहरी लोगों के प्रवेश पर भी रोक लगाई गई है।
जयराम रमेश ने कहा कि हमने पहले भी मध्य प्रदेश के धीरौली में मोदानी एंड कंपनी द्वारा कोयला खदान के लिए जंगल कटाई में प्रक्रियागत नियमों को पूरी तरह दरकिनार करने का मुद्दा उठाया था। अब रिपोर्ट सामने आई है कि भारी पुलिस मौजूदगी में गांव में बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई शुरू कर दी गई है। मोदी सरकार ने यह आवंटन २०१९ में ऊपर से थोप दिया था और अब २०२५ में आवश्यक कानूनी मंजूरी के बिना ही इसे तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है।
दो महीने पहले भी लगाए थे आरोप
इससे पहले १२ सितंबर को रमेश ने आरोप लगाया था कि मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में अडाणी समूह की धीरौली कोयला खदान परियोजना में वन अधिकार अधिनियम, २००६ और पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम, १९९६ (पेसा) का उल्लंघन किया गया है। हालांकि, तब मध्य प्रदेश सरकार ने विपक्षी कांग्रेस के इस आरोप को खारिज कर दिया था।
ग्रामीणों को जंगल में जाने से रोका जा रहा
मंगलवार को ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा कि स्थानीय ग्रामीणों को जंगल के इलाके के पास जाने से रोका जा रहा है और बाहरी लोगों के प्रवेश पर भी रोक लगाई गई है। मध्य प्रदेश आदिवासी कांग्रेस के अध्यक्ष रामू टेकाम को इस मुद्दे को उठाने पर गिरफ्तार कर लिया गया है। यह एक पर्यावरणीय त्रासदी और स्थानीय आदिवासी जनजातियों के लिए एक सामाजिक और आर्थिक आपदा है, जो अपनी आजीविका के लिए जंगलों पर निर्भर हैं।

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